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Tuesday, June 27, 2023

चाँदी का हाथी silver elephant

 चाँदी का हाथी घर में रखेंगे तो मिलेंगें अद्भुत फायदे



चाँदी के हाथी के उपाय silver elephant remedies

● चाँदी का हाथी के उपाय लालकिताब, वास्तु, और समृद्धि

●चाँदी का हाथी चमका देगा आपकी किस्मत
●लाल किताब का चमत्कारी उपाय चाँदी का हाथी
●राहु की टेढ़ी चाल को सीधा करेगा चाँदी का हाथी
●हाथी की सूंढ़ ऊपर की ओर हो या नीचे की ओर
●चाँदी का हाथी रखने के फायदे
●चाँदी का हाथी
●silver elephant

●चांदी का हाथी बनाएगा आपको धनवान, शुभ दिशा में रखने से बढ़ेगी घर में सुख-शांति
●चाँदी का हाथी और वास्तु
●चाँदी का हाथी कहाँ रखते हैं?
●चाँदी का हाथी का मुंह किधर होना चाहिए?
●घर में चाँदी का हाथी रखने के लाभ
●हाथी की सूंड



हाथी भगवान गणपति और माता लक्ष्मी दोनों की कृपा दिलाता है। 
हमारे शास्त्रों में ग्रह दोष दूर करने के लिए और सुख शांति संपन्नता के लिए कई प्रतीकों का उल्लेख किया गया है।

वास्तु शास्त्र में भी  हाथी को सौभाग्यशाली और धर्म का प्रतीक मानते हुए इसकी मूर्ति को घर में रखने के लाभ बताए गए हैं।

अगर आप चांदी का हाथी नही रख सकते, तो हाथी की पीतल की मूर्ति भी रख  सकते हैं।

चाँदी का हाथी घर में शुभ समाचार लाता है, धन से सम्बन्धित परेशानी को दूर करता है, सफलता को आपके निकट लाता है। धन-सम्पदा में वृद्धि करता है।आपसी रिश्तों में   माधुर्य लाता है। घर को अनैतिकता से दूर रखता है। घर में सात्विक्त और पवित्र वातावरण बनता है। 

वास्तु शास्त्र में भी हाथी को घर के लिए सौभाग्यशाली बताया गया है। घर की उत्तर दिशा में छोटी सी ठोस चाँदी की हाथी की मूर्ति रखने से घर में सुख शांति और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है। इससे भगवान गणपति और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

अपने पास या घर में हाथी रखने वाले व्यक्ति की इच्छाशक्ति मजबूत होती है। सन्तान प्राप्ति होती है। बौद्धिक विकास होता है और सामाजिक  स्तर पर मान-सम्मान में वृद्धि होती है। 

हाथी बहुत समझदार प्राणी है यह शक्ति, लंबी आयु, निष्ठा, ज्ञान औऱ धैर्य का जीता जागता प्रमाण है।

घर की उत्तर दिशा में हाथी का जोड़ा रखने से सकारात्मक ऊर्जा आती है और धन लाभ होता है। 

यदि जन्मपत्रिका  में पांचवें या बारहवें स्थान पर राहु बैठा हो तो घर में हाथी की मूर्ति रखने से राहु की शान्ति होती है।ऐसे जातकों को हमेशा अपने साथ 60 ग्राम चाँदी से बना ठोस हाथी रखना चाहिए।

 
घर में चाँदी के हाथियों का जोड़ा रखने से धन के नए-नए श्रोत खुलते हैं और कार्य व्यवसाय में उन्नति की संभावनाएं बनती हैं।

अगर हाथी की मूर्ति को अध्ययन कक्ष(study room) में रखा जाए तो बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है औऱ मस्तिष्क में एकाग्रता आती है। इससे बच्चों का पढ़ाई में मन लगता है और उनका दिमाग तेज होता है।


वास्तु के अनुसार हाथी के जोड़े की मूर्ति को मुख्य द्वार के बिलकुल सामने रखा जाए तो धन के रास्ते घर तक आते हैं,धन प्राप्ति के नए-नए श्रोत बनते हैं,गुड लक जागता है यानी भाग्य के दरवाजे खुल जाते हैं।


शयनकक्ष (Bedroom) में हाथी की मूर्ति जोड़े में रखी जाए तो पति-पत्नी के संबंधों में मधुरता आती है तथा पति-पत्नी में वैचारिक मतभेद खत्म होते हैं।

हाथी की मूर्ति दक्षिण या पश्चिम दिशा में नहीं रखनी चाहिए।

अगर धन लाभ के लिए घर या दुकान में हाथी की मूर्ति रख रहे हैं तो हाथी की सूंड ऊपर की ओर उठी हुई होनी चाहिए।

अगर परिवार में सुख शांति के लिए हाथी की मूर्ति रख रहे हैं तो हाथी की सूंड नीचे की ओर झुकी हुई होनी चाहिए।

 यदि आप चाँदी का हाथी नही रख सकते हैं तो हाथी की पीतल या पत्थर की मूर्ति रख  सकते हैं।

चाँदी के हाथी का जोड़ा रखते समय उनके मुख एक दूसरे के सामने होने चाहिए, विपरीत दिशा में नहीं।

● लाल किताब के अनुसर घर में या जेब में ठोस चाँदी का हाथी रखना चाहिए। इससे संतान को कष्ट नहीं होता,जीवन सुखी होता है और व्यापार में भी लाभ मिलता है।

● चाँदी के हाथी की मूर्ति घर में रखने से मन में सकारात्मक उर्जा का निर्माण होता है तथा कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है। 

● सेहत, सुख और शांति के लिए घर की उत्तर पूर्व दिशा में चाँदी का ठोस हाथी रखें।

● पीतल का हाथी बैठक कक्ष में रखा जाए तो यह शांति और समृद्धि  का कारक है। इसी के साथ यह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है।

●जिस हाथी की तस्वीर या मूर्ति में उसकी सूंड झुकी हो उसे लिविंग एरिया में लगाना चाहिए। इससे घर में सुख शांति बढ़ती है। और यदि हाथी की सूंड ऊपर की ओर उठी हुई है तो इससे तरक्की होती है, धन और संपत्ति बढ़ती है।



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● चाँदी के कुछ अद्भुत प्रयोग Some amazing uses of silver

Tuesday, February 28, 2023

गोमय दीपदान gomay deepdan

 गोमय दीपदान gomay deepdan

यश,धन,समृद्धि, पुत्र, दीर्घायु, ग्रह दोष,अरिष्ट और बाधा नाश के लिए करें गोमय दीपदान




दीपक ज्ञान, प्रकाश, भयनाशक, विपत्तियों व अंधकार के विनाश का प्रतीक है।  गोमय दीपदान किसी भी विपत्ति के निवारणार्थ श्रेष्ठ उपाय है।
हमारे शास्त्रों में दीपदान की विशेष महिमा है।मान्यता है कि दीपदान व्रत योग और मोक्ष प्रदान करने वाला है। जो मनुष्य देवमंदिर अथवा ब्राह्मण के घर में एक वर्ष तक दीपदान करता है, वह सब कुछ प्राप्त कर लेता है। चातुर्मास्य में दीपदान करने वाला श्रीविष्णु भगवान के धाम, कार्तिक मास में दीपदान करने वाला स्वर्गलोक तथा श्रावण मास में दीपदान करने वाला भगवान शिव के लोक को प्राप्त कर लेता है। चैत्र मास में मां भगवती के मंदिर में दीप जलाने से व्यक्ति मां जगदम्बा के नित्य धाम को प्राप्त करता है। दीपदान से दीर्घ आयु और नेत्र ज्योति की प्राप्ति होती है। दीपदान से धन और पुत्र आदि की भी प्राप्ति होती है। दीपदान करने वाला व्यक्ति सौभाग्य युक्त होकर स्वर्ग लोक में देवताओं द्वारा पूजित होता है।

गोमय दीपदान का महत्व

अत्यंत सुगमता से किया जाने वाला यह एक ऐसा वैदिक विधान है जो किसी यज्ञ के बराबर फल देने वाला है।यदि संभव हो तो किसी योग्य ब्राह्मण के सान्निध्य में दीपदान की प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। 

गोमय दीपदान का समय निर्धारण

ऋतु-दीपदान हेतु बसन्त, हेमन्त, शिशिर, वर्षा व शरद ऋतु उत्तम मानी गई है।

मास-वैशाख, श्रावण, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन मास श्रेष्ठ है।

पक्ष-शुक्ल पक्ष दीपदान के लिए अधिक उत्तम होता है।

तिथि-प्रथमा, द्वितीया, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी,नवमी,एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी,चतुर्दशी,अमावस्या व पूर्णिमा तिथि गोमय दीपदान के लिए श्रेष्ठ होती है।

नक्षत्र-इन नक्षत्रों में गोमय दीपदान करना चाहिए। जैसे-रोहिणी, आर्दा, पुष्य, तीनों उत्तरा, हस्त, स्वाती, विशाखा, ज्येष्ठा और श्रवण।

योग-सौभाग्य, शोभन, प्रीति, सुकर्म, वृद्धि, हर्षण, व्यतीपात और वैधृत योगों में गोमय दीपदान करना अत्यंत लाभप्रद होता है।

विशेषः-सूर्यग्रहण, चन्द्रग्रहण, संक्रान्ति, कृष्ण पक्ष की अष्टमी, नवरात्र एवं महापर्वो पर गोमय दीपदान करना विशेष फलदायक रहता है।

गोमय दीपदान का समय-प्रातः, सायं, मध्यरात्रि तथा अन्य यज्ञकर्म की पूर्णाहूति से पहले किया जाना चाहिए।

कहां करते हैं गोमय दीपदान?

1. देवमंदिर में करते हैं दीपदान। 

2. विद्वान ब्राह्मण के घर में करते हैं दीपदान।

3. नदी के किनारे या नदी में करते हैं दीपदान।

4. दुर्गम स्थान अथवा भूमि (धान के उपर) पर करते हैं दीपदान।


5.अश्वत्थ अर्थात् पीपल तुलसी आदि पूजनीय वृक्ष के समीप करते हैं दीपदान।


6.चौराहा, मार्ग पर करते हैं दीपदान।


7.आकाश में करते हैं दीपदान।


कैसे करते हैं गोमय दीपदान?

1. गोमय के दिये में घी डालकर उससे मंदिर में ले जाकर जलाकर उसे वहां पर रख दें। दीपों की संख्या और बत्तियां खास समयानुसार और मनोकामना अनुसार रखी जाती है।

2. गोमय दीपक बनाकर उसमें घी डालकर रुई की बत्ती जलाकर उसे पीपल या बड़(बरगद) के पत्ते पर रखकर नदी में प्रवाहित किया जाता है।

3. देवस्थल/मन्दिर में गोमय दीपक को किसी आधार पर सप्तधान या चावल के उपर ही रखकर जलाते हैं। भूमि पर रखने से भूमि को आघात लगता है।

कब करते हैं गोमय दीपदान?

1. सभी स्नान पर्व और व्रत के समय दीपदान करते हैं। 

2. धनतेरस, रूपचतुर्दशी या नरकचतुर्दशी और यम द्वितीया के दिन दीपदान करते हैं।

3. दीपवली, अमावस्या या पूर्णिमा के दिन करते हैं दीपदान।

4. दुर्गम स्थान अथवा भूमि पर दीपदान करने से व्यक्ति नरक जाने से बच जाता है।

5. पद्मपुराण के उत्तरखंड में स्वयं महादेव कार्तिकेय को दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पांच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं।

कृष्णपक्षे विशेषेण पुत्र पंचदिनानि च।

पुण्यानि तेषु यो दत्ते दीपं सोऽक्षयमाप्नुयात्।

अर्थात कृष्णपक्ष में रमा एकादशी से दीपावली तक 5 दिन बड़े पवित्र है। उनमें जो भी दीप आदि का दान किया जाता है, वह सब अक्षय और सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।

गोमय दीपदान करने के फायदे :

1. अकाल मृत्यु से बचने के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

2. अपने मृ‍तकों की सद्गति के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

3. लक्ष्मी माता और भगवान विष्णु को प्रसन्न कर उनकी कृपा हेतु करते हैं गोमय दीपदान।

5. यम, शनि, राहु,केतु और अन्य ग्रहों के बुरे प्रभाव से बचने के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

6. सभी तरह की बाधाओं, गृहकलह और संकटों से बचने के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

7. जीवन से अंधकार मिटे और उजाला आए इसीलिए करते हैं दीपदान।

8. मोक्ष प्राप्ति के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

9. किसी भी तरह की पूजा या मांगलिक कार्य की सफलता हेतु करते हैं गोमय दीपदान।

10. घर में धन समृद्धि बनी रहे इसीलिए भी कहते हैं गोमय दीपदान।

11. कार्तिक माह में भगवान विष्णु या उनके अवतारों के समक्ष गोमय दीपदान करने से समस्त यज्ञों, तीर्थों और दानों का फल प्राप्त होता है।

12. कांति, ओज, और तेज के लिए करते हैं गोमय दीपदान।

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Saturday, December 28, 2019

नए वर्ष 2020 को बनाएं भाग्यशाली,करें ग्रहों को अपने अनुकूल अपनाएं कुछ साधारण उपाय


नए वर्ष 2020 को बनाएं भाग्यशाली,करें ग्रहों को अपने अनुकूल अपनाएं कुछ साधारण उपाय Make the new year 2020 lucky, adopt some simple ways to adapt the planets

नए वर्ष 2020 के आने में अब कुछ ही समय शेष रह गया है। इस वर्ष कई ग्रहों की स्थितयों में परिवर्तन होगा, वर्ष के आरंभ में ही शनि अपनी राशि बदलेंगे, गुरु की स्थिति भी बदलेगी।अतःकुछ साधारण उपायों के द्वारा हम अपनी स्थिति को अपने अनुकूल बनाने का प्रयत्न कर सकते हैं।

सूर्य को करें अपने अनुकूल

नूतन वर्ष में सूर्य को अपने अनुकूल करने के लिए अभी से आदत बना लीजिए कि काम पर निकलने से पहले चीनी के कुछ दानें मुंह में रखकर पानी पी लें। इस उपाय से सूर्य बलवान होगा और शनि का अशुभ प्रभाव आपको परेशना नहीं करेगा।
सूर्य के मजबूत होने से कार्यक्षेत्र में अधिकारियों से सहयोग मिलेगा। इसके लिए आप बंदरों को गुड़ खिला सकते हैं या भूरे रंग की चीटिंयों को आटा में चीनी मिलाकर दे सकते हैं।

चन्द्रमा को करें अपने अनुकूल

चंद्रमा के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए नव वर्ष में आप लाल रंग का पत्थर या फिर गुड़ मिट्टी में दबा दें। इस उपाय से घर-परिवार में सुख-शांति रहेगी।
साथ ही यह भी ध्यान रखें कि यदि आवश्यक न हो तो दूध का दान या किसी को दूध पिलना आपके लिए अशुभ हो सकता है।
जिनकी कुंडली के चंद्रमा छठे भाव में है तो उनको घर में नल या हैंडपंप नहीं लगाना चाहिए। इस उपाय से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होगी।

मङ्गल को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष में मंगल के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए नए साल पर छोटी उम्र की लड़कियों को खाना खिलाएं और उनका आशीर्वाद लें। ऐसा करना आपके लिए शुभ रहेगा और आपके आसपास मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाएगी। साथ ही रेवड़ी या गुड़  नदी में प्रवाहित करें।

बुध को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष में बुध को अनुकूल बनाने के लिए अपने आसपास फूल रखें, ऐसा करने से अशुभ प्रभाव दूर होगा।
अशुभ बुध की स्थिति में तोता नहीं पालना चाहिए। अगर बुध के कारण आपकी आर्थिक स्थिति पर खराब असर पड़ा है तो आप नए साल पर पीतल के बर्तन में गंगाजल डालकर रखें, ऐसा करना शुभ रहेगा और धन की समस्या खत्म हो जाएगी।

बृहस्पति को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष में  बृहस्पति के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए किसी पुजारी को कपड़े दान देना चाहिए। ऐसा करने से व्यवसाय में उन्नति होगी और नौकरी करने वालों को प्रमोशन भी मिलेगा। साथ ही मस्तक या ललाट पर केशर या हल्दी का तिलक लगाना भी शुभ रहेगा। तथा अशुभ बृहस्पति की स्थिति में सोना धारण करना आपके लिए शुभ रहेगा।

शुक्र को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष  में शुक्र को अनुकूल बनाने के लिए पहले चीनी के कुछ दानें मुंह में रखकर पानी पी लें। ऐसा करने से घर में सुख व शांति के साथ ऐशवर्य की भी प्राप्ति होती है। पत्नी की सेहत खराब होना भी शुक्र के अशुभ प्रभावों में से एक है इसके लिए आप नए साल पर 6 शुक्रवार सफेद पत्थर पर सफेद चंदन लगाकर बहते पानी में बहा दें। ऐसा करने से आपकी समस्या का अंत हो जाएगा।

शनि को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष  पर शनि के फल को शुभ करने के लिए जमीन में सुरमा दबा दें, इस उपाय के करने से आप सूर्य और शनि के टकराव से बच जाएंगे और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। साथ ही शनि के किसी भी बुरे असर को दूर करने के लिए सरसों के तल से भरा बर्तन किसी तालाब या दरिया के अंदर मिट्टी मे दबा दें। ऐसा करने से आर्थिक समृद्धि का वास होगा।

राहु को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष पर राहु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए चांदी का चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें, इससे आपके आसपास नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी साथ ही विद्यार्थियों को पढ़ाई में भी मन लगेगा।
अगर आप पर राहु का अशुभ प्रभाव है तो आप नए साल पर अपने वजन के बराबर जौं पानी में बहा देना चाहिए, ऐसा करना आपके लिए शुभ रहेगा। तथा चांदी की डिब्बी में गंगाजल भरकर रखें।

केतु  को करें अपने अनुकूल

नव वर्ष में केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए आपको नए साल पर आप बहन, बेटी और बुआ से झगड़ा न करें, सभी गिले-शिकवे दूर कर लें।
लग्न स्थित केतु के लिए लौहे की गोली को लाल रंग से रंग कर अपने पास रखना आपके लिए शुभ रहेगा।

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Wednesday, December 25, 2019

ग्रहण में करें पंचतत्त्व नवग्रह गायत्री मंत्र जप In the eclipse chant the Panchatatva Navagraha Gayatri Mantra

ग्रहण में करें पंचतत्त्व नवग्रह गायत्री मंत्र जप

In the eclipse chant the Panchatatva Navagraha Gayatri Mantra


ग्रहण के दौरान इष्टदेव की आराधना, गुरुमंत्र जप एवं धार्मिक ग्रंथों का पठन-मनन करने का निर्देश दिया गया है।इस समय किया गया जप- मंत्रादि की सिद्धि हो जाती है।
कलयुग में पंचतत्त्व नवग्रह गायत्री ही आधार है,अतः ग्रहण काल में पंचतत्त्व नवग्रह गायत्री मंत्र जप करें।
सर्वप्रथम तीन बार प्रार्थना करें,

प्रार्थना:-"किसी भी काल मे जाने अनजाने हमसे या हमारे पूर्वजों से कोई गलती हुई हो उसे क्षमा करे हमारी आर्थिक स्थिति सही करे पूरे परिवार को स्वस्थ करे हमे श्राप मुक्त करे हमे ऋण मुक्त करे"
तत्पश्चात पञ्च तत्वक्रमानुसार  प्रत्येक गायत्री मंत्र,सञ्जीवनी महामृत्युञ्जय,विष्णु गायत्री पढ़े।तथा उद्देश्य विशेष की पूर्ति हेतु 108 बार पढ़े।


पंचतत्व नवग्रह गायत्री मन्त्र

प्रथम् वायु तत्व

 राहु गायत्री- ॐ शिरोरूपाय विद्महे अमृतेशाय धीमहि; तन्नः राहुः प्रचोदयात् ।

केतु गायत्री- ॐ गदाहस्ताय विद्महे अमृतेशाय धीमहि, तन्नः केतुः प्रचोदयात् ।

शनि गायत्री- ॐ सूर्यपुत्राय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नः सौरिः प्रचोदयात् ।


द्वितीय जल तत्व


चन्द्र गायत्री- ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृततत्वाय धीमहि, तन्नश्चन्द्रः प्रचोदयात् ।


शुक्र गायत्री- ॐ भृगुसुताय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि, तन्नः शुक्रः प्रचोदयात् ।


तृतीय अग्नि तत्व

भौम गायत्री- ॐ अङ्गारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि, तन्नो भौमः प्रचोदयात् ।  

सूर्य गायत्री- ॐ भास्कराय विद्महे महातेजाय धीमहि, तन्नः सूर्यः प्रचोदयात् ।


चतुर्थ पृथ्वी तत्व

बुध गायत्री- ॐ सौम्यरुपाय विद्महे बाणेशाय धीमहि, तन्नो बुधः प्रचोदयात्,।

पञ्चम आकाश तत्व

गुरू गायत्री- ॐ आङ्गिरसाय विद्महे दण्डायुधाय धीमहि, तन्नो जीवः प्रचोदयात्।

सञ्जीवनी महामृत्युञ्जय


ॐ तत्सवितुर्वरेण्यं त्रयंम्बकंयजामहे भर्गोदेवस्य धीमहि सुगन्धिम्पुष्टिवर्धनम् धियो यो नः प्रचोदयात् ऊर्वारूकमिव बंधनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।  

रुद्र गायत्री - ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्।

विष्णु गायत्री- ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।


इससे सभी ग्रहों का दुष्प्रभाव समाप्त होकर शुभ फलों में वृद्धि होगी, उन्नत परिणाम मिलेंगे और आपकी आय में भी वृद्धि होगी, घर में सुख-शांति का वास होगा,तथा मान- सम्मान में वृद्धि होती है, प्रमोशन अर्थात उन्नति के अवसर प्राप्त होते हैं ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है इस तरह सभी ग्रह आपकी मदद करते हैं आपकी सारी परेशानियां दूर होती हैं।

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Thursday, August 29, 2019

सुख, शान्ति और प्रेम मे वृद्धि हेतु चांदी की शुभ चीजें रखें अपने घर में. Keep auspicious silver items in your house to increase happiness, peace and love…


सुख, शान्ति और प्रेम मे वृद्धि हेतु चांदी की शुभ चीजें रखें अपने घर में
Keep auspicious silver items in your house to increase happiness, peace and love
धातुओं मे चांदी का विशेष महत्व बताया गया है। चांदी के बहुत से उपाय बताए गए हैं। चांदी के इन उपायों से धन, समृद्धि, शांति और सेहत बढ़ती है। इसके प्रयोग से हम घटना-दुर्घटना, गृहकलह और ग्रह-नक्षत्र के दुष्प्रभाव से बच जाते हैं।

चांदी का 
ठोस हाथी
घर में या जेब में ठोस चांदी का हाथी रखना चाहिए। यह पंचम और द्वादश में बैठे राहु का उपाय है। इससे संतान को कष्ट नहीं होता और व्यापार में भी लाभ मिलता है।
चांदी की डिब्बी
चांदी की डिब्बी में पानी भरकर उसे तिजोरी में रखें। पानी के सूख जाने पर दोबारा भर लें। चतुर्थ में राहु हो तो डिब्बी में शहद भरकर घर के बाहर भूमि में दबाएं। सप्तम में राहु हो तो डिब्बी में नदी का जल भरकर उसमें चांदी का एक टुकड़ा डालकर घर में रखें।
चांदी का चौकोर टुकड़ा
चांदी का एक चौकोर टुकड़ा घर में रखें। कुछ लोग इसे जेब में रखने की सलाह देते हैं। यह करियर और व्यापार में प्रगति हेतु होता है। दरअसल, दशमस्थ राहु तथा चतुर्थ भावस्थ केतु के लिए ये उपाय उपयुक्त हैं।
ठोस चांदी की गोली
राहु द्वितीय भाव में है तो चांदी की ठोस गोली अपने पास रखें। लगन में केतु है तो विवाह के समय चांदी की ईंट अपनी पत्नी को दें। यह ईंट कभी न बेचें।
चांदी की चेन और अंगूठी
विवाह में विलंब हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को प्रात: चांदी की एक ठोस गोली चांदी की ही चेन में पिरोकर पहनें। प्रथम भाव में राहु हो तो गले में चांदी की चेन पहनें। राहु चतुर्थ भाव में है तो चांदी की अंगूठी धारण करें।
चांदी का गिलास
एकादश भाव में स्थित राहु तथा पंचम भाव में विराजमान केतु हेतु चांदी के गिलास में पानी पीएं। जिन लोगों को भावनात्मक परेशानियां ज्यादा हैं, वो चांदी का प्रयोग सावधानी से करें।

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Wednesday, August 21, 2019

चाँदी के कुछ अद्भुत प्रयोग Some amazing uses of silver


चाँदी के कुछ अद्भुत प्रयोगSome amazing uses of silver

Vedic vidha


चाँदी का हमारे जीवन में विशेष महत्व है, यह एक अत्यंत शीतल,और शांतिदायक धातु है। यह ऐश्वर्य और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है। जीवन में चाँदी का  प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है।
जानते हैं कि क्यों चाँदी है इतनी शुभ और महत्वपूर्ण हमारे जीवन में......

1. कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए चाँदी का प्रयोग अच्छा परिणाम देता है लेकिन मेष, सिंह और धनु के लिए चाँदी बहुत अच्छी नहीं मानी जाती।अन्य राशियों के लिए मध्यम फलदायक है।

2. चाँदी के पात्र(The vessel) जिस घर में होते हैं वहां सुख, वैभव और संपन्नता आती है। अत: घर में पीतल, तांबा और चाँदी के ही बर्तन होना चाहिए। लोहे, प्लास्टिक या स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

3. ज्योतिष में चाँदी का संबंध चंद्रमा और शुक्र से है। चाँदी शरीर के जल तत्व और कफ को नियंत्रित करती है। चाँदी के प्रयोग से मन मजबूत और दिमाग तेज होता है। साथ ही चाँदी के प्रयोग से चंद्रमा से होने वाली समस्याओं को शांत किया जा सकता है।

 4. चाँदी के ग्लास में पानी पीने से सर्दी-जुकाम की समस्या दूर होती है तो वहीं चाँदी के चम्मच से शहद खाने से शरीर विषमुक्त होता है। जिन लोगों को भावनात्मक परेशानियां ज्यादा हैं, वो चाँदी का प्रयोग सावधानी से करें।

5. चांदी के पात्र में केसर घोलकर माथे पर टीका लगाएं। सुख-शांति, समृद्धि और प्रसिद्धि प्राप्त होगी। यह प्रयोग गुरुवार को करें।

6. चांदी की डिबिया में जड़ : अर्क (अकोड़ा), छाक (छिला)पलाश, खैर, अपामार्ग, पीपल की जड़, गूलर की जड़ खेजड़े(शमी) की जड़, दुर्वा एवं कुशा की जड़ को एक चांदी की डिब्बी में रखकर नित्य पूजा करें। जीवन में कभी असफलता नहीं आएगी, नवग्रह शांत रहेंगे सुख सम्पत्ति की बढ़ोतरी होगी। धन लक्ष्मी प्राप्ति के टोटकों में यह टोटका अनुभूत सिद्ध प्रयोग है।

7. राहु के प्रकोप को दूर करने के लिए कम से कम 200 ग्राम ठोस चाँदी का एक हाथी बनवाएं और उसे अपने घर में कहीं उचित स्थान पर रखें। बुधग्रह अष्टम में होकर खराब प्रभाव दे रहा है तो चाँदी की नथ पहनें।

8. राहु के उपाय के लिए भोजन कक्ष में बैठकर चाँदी की थाली में भोजन करें। केतु के अशुभ स्थिति से बचाव हेतु दूध में अंगूठा डालकर उसे चूसना चाहिए। सूर्य और चन्द्र की वस्तु यथा स्वेत वस्त्र, चाँदी और तांबा दान करना चाहिए।

9 . यदि संभव हो तो हमेशा चाँदी के बर्तन में पानी पिएं। चाँदी बर्तन ना हो तो गिलास में पानी भरें और उसमें चाँदी की अंगुठी डालकर पानी पीएं। यह प्राचीन, सरल और बहुत चमत्कारी  उपाय है। इससे धन संबंधी मामलों में राहत मिलती है।

10. मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिल रहा है तो किसी भी सोमवार की रात जब चंद्रोदय हो जाए तो उसके बाद अपने पलंग के चारों कोनों में चाँदी की कील ठोक दें।ये कील छोटी-छोटी भी लगाई जा सकती है। इससे पैसों की समस्याएं दूर होने लगती हैं।

11. यदि आपके पास धन टिकता नहीं है तो महीने के पहले शुक्रवार को चाँदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेसर व सिंदूर को साथ रखकर भगवती लक्ष्मीजी के चरणों से स्पर्श करवाकर धन रखने के स्थान पर रख दें। निश्‍चित ही लाभ होगा।

12. यदि आपका व्यवसाय कम चल रहा है तो महीने के पहले गुरुवार को पीले कपड़े में काली हल्दी, 11 गोमती चक्र, 1 चाँदी का सिक्का और 11 कौड़ियां बांधकर 108 बार इस मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः।का जप कर अपने कार्य स्थल अथवा दुकान आदि के पवित्र स्थान में रख दें। 

13. चाँदी की कटोरी में थोड़ा सा सूखा धनिया रखकर उसमें चाँदी के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति रखें। इस कटोरी को दुकान या व्यवसायिक स्थल से पूर्व दिशा में रख दें तथा प्रतिदिन प्रात: अगरबत्ती जलाकर इनका पूजन करें।

14. यदि कोई रोग ठीक नहीं हो रहा हो तो गोमती चक्र लेकर चाँदी के तार में पिरोएं तथा पलंग के सिरहाने बांध दे। निश्‍चित ही लाभ मिलेगा।

15. घर के उत्तर-पश्चिम के कोण (वायव्य कोण) में सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चाँदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से घर में धन का अभाव नहीं रहेगा।

16. आप चाहते है अगर उच्च शिक्षा और करियर में 
प्रगति तो चाँदी का चैकोर टुकड़ा हमेशा अपने पास रखें। यदि आप चाहते हैं व्यापार में प्रगति तो चाँदी का छोटा सा ठोस हाथी अपनी जेब में रखें।

17.यदि आप लड़की के विवाह में विलंब हो रहा हो तो शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को प्रातः चाँदी की एक ठोस गोली चाँदी की ही चेन में पिरोकर उसे गंगा जल और कच्चे दूध से पवित्र करने के बाद धूप दीप दिखाएं और फिर शिवलिंग का स्पर्श कराने के बाद गले में धारण कर लें। इसके बाद वहां गरीबों को कुछ मीठा अवश्य खिलाएं।


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Sunday, June 23, 2019

अद्भुत जादुई जड़ Amazing magical root

      अद्भुत जादुई जड़ Amazing magical root


जीवन में धन व समृद्धि की कामना-पूर्त्ति के लिये यह एक अति उत्तम और सरल प्रयोग है ।

रविवार के दिन प्रयोग करने से यह और भी अधिक प्रभावशाली सिद्ध होता है,अगर रवि पुष्य योग आदि हो तो सोने पे सुहागा।

इसके लिये हमें चाहिये –
सिद्ध किया हुआ दालचीनी का एक टुकडा
छोटा पीला कपडा
पूजा के लिये धूप-दीप आदि 

विधि –
सिद्ध दालचीनी के  टुकड़े और पीले कपड़े को देवी माँ के सामने रखें ।

माँ का संक्षिप्त पूजन कर उनके सामने धूप-दीप जलायें ।

माँ से प्रार्थना करें कि हमे सभी ऋण और शापों से मुक्त करें असीम धन-धान्य व समृद्धि प्रदान  करें ।

दालचीनी के टुकडे को दायें हाथ में लेकर मुट्ठी बंद करें और इसे अपने हृदय चक्र पर रखें । 

अब इस मन्त्र“ॐ धनाय नमो नम:” का 108 बार जाप करें । 

इसके बाद, अपने दायें हाथ को अपने मुंह के सामने लायें, मुट्ठी खोलें और इस पर धीरे से फूंकें ।

दालचीनी के इस टुकड़े को पीले कपड़े में लपेटें ।

आपकी “अद्भुत जादुई जड़” ( Amazing magical root) तैयार है ।

इस जादुई जड़ी को अपने पास या पूजाघर में रखें, आप देखेंगे कि आपकी  मनोकामनाऐं कैसे पूरी होती हैं।

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Tuesday, February 5, 2019

नमक के कुछ अद्भुत प्रयोग Some amazing use of salt

 एक ऐसी वस्तु जिसका प्रयोग हम भोजन में नियमित रूप से करते हैं।जिसके बिना एक दिन भी रहना मुश्किल होता है।लेकिन क्या आप जानते हैं कि  भोजन और औषधि प्रयोग के अलावा भी इसका प्रयोग किया जाता है?
यदि नही तो -

आईये जानते हैं नमक के कुछ प्रयोग
Let's know some uses of salt

हमारे यहां मांगलिक कार्यों में सबसे पहले घर में नमक लाया जाता है क्योंकि साबुत नमक घर में रखना बहुत शुभ माना जाता है।


जब शादी में सबसे पहले गणेश स्थापना के पूर्व भी जो पूजा सामग्री रखी जाती है उसमें साबुत नमक भी जरुर रखा जाता है। वास्तु के अनुसार ऐसी मान्यता है कि साबुत नमक में सकारात्मक ऊर्जा को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता होती है।


साथ ही यह नकारात्मक उर्जा को घर से दूर करता है। इसलिए घर में कोई भी शुभ काम करने जा रहे हों तो नमक डालकर पोंछा जरूर लगाएं।

घर में हमेशा साबुत नमक जरुर रखना चाहिए क्योंकि इससे घर से कई तरह के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं। इसीलिए घर के जिस भी कोने में वास्तुदोष दूर करने के लिए वहां एक काँच या मिट्टी के प्याले में भरकर साबुत नमक रखा जाता है।

मन में खिन्नता, उदासी,भय, चिंता होने से, दोनों हाथों में साबुत नमक भर कर कुछ देर रखे रहें, फिर वॉशबेसिन में डाल कर पानी से बहा दें। नमक इधर-उधर न फेंकें। नमक हानिकारक चीजों को नष्ट करता है।

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Thursday, August 2, 2018

जीवन मे उन्नति हेतु कुछ उपाय Some Tips for Advancing Life

जीवन मे उन्नति हेतु कुछ उपाय 
Some Tips for Advancing Life


1.अगर जीवन में आर्थिक दिक्कते आती हो, व्यापार , नौकरी में आपेक्षित सफलता नहीं मिलती हो , कार्य में कमी हो या बेरोजगारी की सी स्थिति हो तो घर से बाहर कार्य के लिए जाते समय 'श्रीमद् भगवद् गीता' के अंतिम श्लोक को 21 बोलकर फिर घर से निकलें तो सफलता मिलने के योग बहुत बढ़ जाते है ।
" यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम "।।

2.जीवन में आर्थिक और किसी भी प्रकार के संकट निवारण के लिये शुक्ल पक्ष के बुधवार से शुरू करते हुए भगवान गणेश की मूर्ति पर कम से कम 21 दिन तक थोड़ी-थोड़ी जावित्री चढ़ावे और रात को सोते समय थोड़ी जावित्री स्वयं भी खाकर सोएं । यह प्रयोग 21, 42, 64 या 84 दिनों तक अवश्य ही करें। इससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है ।

3.जीवन में धन लाभ और कार्यों में मनवाँछित सफलता प्राप्त करने के लिए घर में बजरंग बली का फोटो जिसमें वह उड़ते हुए नज़र आ रहे हो रखकर उसकी विधि पूर्वक पूजा करनी चाहिए।

4.हर माह के प्रथम बुधवार को पाँच मुट्ठी हरे साबुत मूँग ( साबुत मूँग की दाल ) साफ हरे रुमाल / कपडे में बाँधकर सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें, इससे धन सम्बन्धी कार्यों में विघ्न नहीं आते है , आर्थिक पक्ष मजबूत होता जाता है ।

5.आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए बुधवार को हरी वस्तु का सेवन करें लेकिन पीली वस्तु का सेवन बिलकुल भी ना करें और बृहस्पतिवार पीली वस्तु खाएं लेकिन हरी वास्तु का सेवन ना करें तो धन संपत्ति में वृद्धि होती है ।

6.मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद कभी भी किसी को दूध, दही या प्याज नहीं देना चाहिए इससे घर में बरकत ख़त्म हो जाती है ।

7.घर में सुख समृद्धि लाने के लिए घर के वायव्य कोण ( उत्तरपश्चिम के कोण ) में साफ जगह पर सुन्दर से मिट्टी के बर्तन में कुछ सोने-चांदी के सिक्के, लाल कपड़े में बांध कर रखें। फिर उस बर्तन को गेहूं या चावल से भर दें। ऐसा करने से उस घर में धन का प्रवाह लगातार बना रहता है , धन का अपव्यय भी नहीं होता है ।

8.अगर आप जीवन में स्थाई सुख-समृद्धि चाहते हैं, तो आप शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन सूर्यास्त से पहले एक पके हुए मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसमें जटायुक्त नारियल रखकर उसके मुख पर मोली बांधकर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें ।ऐसा माह में एक बार अवश्य ही किया करें ।

9.घर का कोई भी सदस्य बिस्तर पर बैठकर कभी भी भोजन ना करें अन्यथा लक्ष्मी माँ रुष्ट हो जाती है और घर के सदस्यों को आर्थिक संकट घेरे रहते है ।

10.घर में झाड़ू किसी साफ और किसी सुनिश्चित स्थान पर रखे । घर में झाड़ू ऐसी जगह रखे कि वह किसी भी बाहर वाले को दिखाई ना दें । झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखे, उसे ना तो खड़ा करके रखे, ना उसे पैर लगाएँ और ना ही उसके ऊपर से गुजरे , अन्यथा लाख प्रयास के बावजूद भी घर में लक्ष्मी टिक नहीं पाती है ।

11. सदैव याद रखें कभी भी किसी से कोई चीज मुफ्त में न लें , हमेशा उसका मूल्य अवश्य ही चुकाएं , कभी भी किसी व्यक्ति को धोखा देकर धन का संचय न करें , इस तरह से कमाया हुआ धन टिकता नहीं है , वह उस व्यक्ति और उसके परिवार के ऊपर कर्ज के रूप में चढ जाता है और ऐसा करने से व्यक्ति के स्वयं के भाग्य और उसके कर्म से आसानी से मिलने वाली सम्रद्धि और सफलता में भी हमेशा बाधाएँ ही आती है ।

12. हर एक व्यक्ति को चाहे वह अमीर हो या गरीब , उसका जो भी व्यवसाय / नौकरी हो अपनी आय का कुछ भाग प्रति माह धार्मिक कार्यों में अथवा दान पुण्य में अवश्य ही खर्च करें , ऐसा करने से उस व्यक्ति पर माँ लक्ष्मी की सदैव कृपा बनी रहती है , उसके परिवार में हर्ष - उल्लास और सहयोग का वातावरण बना रहता है तथा सामान्यता वह अपने दायित्वों के पूर्ति के लिए पर्याप्त धन अवश्य ही आसानी से कमा लेता है ।

13. स्त्रियों को स्वयं लक्ष्मी का स्वरुप माना गया है । प्रत्येक स्त्री को पूर्ण सम्मान दें । घर की व्यवस्था अपनी पत्नी को सौपें , वही घर को चलाये उसके काम में कभी भी मीन मेख न निकालें । अपने माता पिता को अपनी आय का एक निश्चित हिस्सा अवश्य ही दें । घर में कोई भी बड़ा काम हो तो उस घर के बड़े बुजुर्गों विशेषकर स्त्रियों को अवश्य ही आगे करें । अपने घर एवं रिश्तेदारी में अपनी पत्नी को अवश्य ही आगे रखें । अपनी माँ, पत्नी, बहन एवं बेटी को हर त्यौहार , जन्मदिवस , एवं शादी की सालगिरह आदि पर कोई न कोई उपहार अवश्य ही दे ।

14. घर के मुखिया जो अपने घर व्यापार में माँ लक्ष्मी की कृपा चाहते है वह रात के समय कभी भी चावल, सत्तू , दही , दूध ,मूली आदि खाने की सफेद चीजों का सेवन न करें इस नियम का जीवन भर यथासंभव पालन करने से आर्थिक पक्ष हमेशा ही मजबूत बना रहता है ।

15. शुक्रवार को सवा सौ ग्राम साबुत बासमती चावल और सवा सौ ग्राम ही मिश्री को एक सफेद रुमाल में बांध कर माँ लक्ष्मी से अपनी गलतियों की क्षमा मांगते हुए उनसे अपने घर में स्थायी रूप से रहने की प्रार्थना करते हुए उसे नदी की बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें , धीरे धीरे आर्थिक पक्ष मजबूत होता जायेगा ।

16. प्रथम नवरात्री से नवमी तिथि तक प्रतिदिन एक बार श्रीसूक्त का अवश्य ही पाठ करें इससे निश्चय ही आप पर माता लक्ष्मी की कृपा द्रष्टि बनी रहेगी ।

17. घर के पूजा स्थल और तिजोरी में सदैव लाल कपडा बिछा कर रखें और संध्या में आपकी पत्नी या घर की कोई भी स्त्री नियम पूर्वक वहां पर ३ अगरबत्ती जला कर अवश्य ही पूजा करें ।

18. प्रत्येक पूर्णिमा में नियमपूर्वक साबूदाने की खीर मिश्री और केसर डाल कर बनाये फिर उसे माँ लक्ष्मी को अर्पित करते हुए अपने जीवन में चिर स्थाई सुख , सौभाग्य और सम्रद्धि की प्रार्थना करें , तत्पश्चात घर के सभी सदस्य उस खीर के प्रशाद का सेवन करें ।

19. हर 6 माह में कम से कम एक बार अपने माता पिता को कोई उपहार अवश्य ही दें इससे आपकी आय में सदैव बरकत रहेगी ।

20. घर में तुलसी का पौधा लगाकर वहां पर संध्या के समय रोजाना घी का दीपक जलाने से माता लक्ष्मी उस घर से कभी भी नहीं जाती है ।

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Friday, March 3, 2017

शत्रुओं को परास्त करने / नष्ट करने के उपाय Measures to defeat / destroy enemies

शत्रुओं को परास्त करने / नष्ट करने के उपाय

जीवन में कई बार ऐसा भी समय आता है कि कोई ताकतवर व्यक्ति / शत्रु किसी को अकारण ही परेशान करने लगता है। उससे जितना भी पीछा छुड़ाया जाय वह और भी ज्यादा परेशान करता है। उसके कारण व्यक्ति का जीना हराम हो जाता है हर समय भय, चिन्ता और असुरक्षा की भावना घेरे रहती है । उसकी शिकायत भी नहीं हो पाती है या शिकायत करने से भी कोई फायदा नहीं होता है ।
मन किसी अज्ञात आशंका से भरा रहता है ।
ऐसी स्तिथि में कुछ ऐसे उपाय बताये गए है जिन्हे चुपचाप पूर्ण विश्वास से करने से शत्रु के विरुद्ध जातक के प्रयास सफल होते है, शत्रु कमजोर पड़ने लगता है, शान्त हो जाता है अथवा मित्रवत व्यवहार करने लगता है ।
इन उपायों को करने से साहस आता है, नए शक्तिशाली मददगार मिल जाते है , सम्बंधित व्यक्ति जिसके पास हम मदद के लिए जाते है वह ध्यान पूर्वक समस्या को सुनता है और उचित मदद करता है ।

शत्रु को परास्त करने के अचूक उपाय

यदि आपको कोई शत्रु अनावश्यक परेशान कर रहा हो तो एक भोजपत्र का टुकड़ा लेकर उस पर लाल चंदन से उस शत्रु का नाम लिखकर उसे शहद की डिब्बी में डुबोकर रख दें। आपका शत्रु आपका अहित नहीं कर पायेगा।

यदि कोई व्यक्ति किसी को बगैर किसी को अकारण ही परेशान कर रहा हो, तो शौच करते समय शौचालय में बैठे-बैठे वहीं के पानी से उस व्यक्ति का नाम लिखें और बाहर निकलने से पहले जिस जगह पर पानी से नाम लिखा था, उस स्थान को अपने बाएं पैर से तीन बार ठोकर मारें। लेकिन यह प्रयोग किसी बुरी भावना से न करें, अन्यथा खुद की हानि हो सकती है।

शत्रु को शांत करने के लिए साबुत उड़द की काली दाल के 38 और चावल के 40 दाने मिलाकर किसी गड्ढे में दबा दें और उसके ऊपर नीबू को निचोड़ दें। नीबू निचोड़ते समय लगातार उस शत्रु का नाम लेते रहें, इस उपाय से जैसा भी शत्रु होगा वह बिलकुल निस्तेज जो जायेगा और वह आपका कोई भी अहित नहीं कर पायेगा ।

अगर शत्रु पीछे पड़ा हो, किसी को बिना किसी कारण से परेशान कर रहा हो तो हनुमान जी की शरण में जाएँ । नित्य हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं, हनुमान जी को लाल गुलाब चढ़ाकर हनुमान चालीसा , बजरंग बाण का पाठ करें और प्रतिदिन कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें , और अपने उनसे शत्रु को नष्ट करने / परास्त करने की प्रार्थना करें। अपनी कमीज़ की सामने वाली जेब में लाल रंग की छोटी हनुमान चालीसा रखें ,इससे संकटमोचन की कृपा से सभी तरह के अनिष्ट दूर होते है, मनोबल बढ़ता है, जातक निर्भय हो जाता है, नए और शक्तिशाली मित्र बनते है। शत्रु कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता है और शांत हो जाता है।

यदि शत्रु बहुत अधिक परेशान कर रहा हो तो एक मोर के पंख पर हनुमान जी के मस्तक के सिन्दूर से मंगलवार या शनिवार रात्री में उस शत्रु का नाम लिख कर अपने घर के मंदिर में रात भर रखें फिर प्रातःकाल उठकर बिना नहाये धोए उस मोर पंख को बहते हुए पानी में बहा देने से शत्रु शान्त हो जाता है ।

यदि कोई व्यक्ति किसी को बगैर किसी कारण के परेशान कर रहा हो तो शनिवार की रात्रि में 7 लौंग लेकर उस पर 21 बार उसका नाम लेकर फूंक मारें और अगले दिन रविवार को इनको आग में जला दें। यह प्रयोग लगातार 7 बार करने से अभीष्ट व्यक्ति का वशीकरण होता है अगर कोई शत्रु परेशान कर रहा हो तो वह शांत हो जाता है । लेकिन ध्यान दें कि यह प्रयोग किसी बुरी भावना से अथवा किसी का अहित करने के लिए कदापि नहीं करना चाहिए।

अपने पलंग के नीचे लोहे की छड़ रखे शत्रुभय नही होगा।

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Tuesday, February 14, 2017

गणेश को मखाने चढ़ाकर करे भगवानसमस्या का निवारण Troubleshoot the problem of God by offering a lottery to Ganesh

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य मान कर उनकी आराधना की जाती है। अपने पिता महादेव की ही भांति गणेश भी समस्त कष्टों से मुक्ति देते हैं तथा भक्त के घर को सुख, सौभाग्य और प्रसन्नता से भर देते हैं। गणेशजी के कुछ ऐसे भी उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से तुरन्त समाधान होता है:-

1- ऑफिस के शत्रुओं से ऐसे निपटे

भगवान गणेश का अति शक्तिशाली मंत्र ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा किसी भी बिगड़े काम को बना सकता है। अगर आप अपने ऑफिस में छिपे हुए शत्रुओं से परेशान है तो आपको केवल इतना सा करना है कि किसी मंदिर में जाए तथा गणेशजी की प्रतिमा के आगे 21 मखाने रख कर इस गणेश मंत्र को 24 बार बोले तथा गणेश को अर्पित कर दें। बहुत जल्द आपके प्रतिद्वन्दी धूल चाटते नजर आएंगे।

2- स्कूल या कॉलेज की परेशानियों के लिए

अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज के छात्र है तथा आपको अनचाही समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो। सबसे अच्छा उपाय है कि एक कटोरी में थोड़ा सा गंगा जल लेकर गणेशजी के आगे रख दें। स्कूल, कॉलेज जाते समय इस जल से मुंह धोकर जाएं। आपको कोई नहीं रोक सकेगा।

3- लव मैटर्स में सफलता

अगर आप किसी से प्रेम करते हैं परन्तु किसी तीसरे व्यक्ति के चलते आप सफल नहीं हो पा रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए सर्वोत्तम हैं। आपको केवल इतना सा करना है कि अपने प्रेमी या प्रेमिका की फोटो पर अपने अंगूठे के बराबर गणेश की प्रतिमा रख कर तीन दिन तक गणेश मंत्र ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा की चार माला जप करें। चतुर्दशी के दिन इस फोटो के पैरों से नीचे जमीन पर अपने प्रतिद्वन्दी का नाम लिखे तथा उसे हाथ से मिटा दें। आपके प्रेम संबंध में आ रही समस्याएं तुरंत ही समाप्त हो जाएंगी।

4- व्यापार में लाभ

व्यापार में अगर आप पिछड़ रहे हैं और आपको घाटा हो रहा है तो आप बाजार से 70 ग्राम कत्था लाएं। उसका चूरा बना कर उसमें घी, सिंदूर तथा शहद मिलाकर गणेशजी की प्रतिमा बनाएं और फिर तीन दिन तक ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा मंत्र की रोज एक माला जप करके चतुर्दशी के दिन तांबे के खोल में भरकर यह प्रतिमा अपने व्यापार स्थल के दरवाजे पर अंदर की तरफ लटका दें। उसी समय से आपका व्यापार दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लग जाएगा।

5- समस्त कष्टों के निवारण हेतु

बुधवार के दिन गणेशजी का सिंदूर का चोला चढ़ाएं। उसके बाद लाल चंदन की माला पर ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा मंत्र की दस माला (कुल 1080 बार) जप करें। इस प्रयोग को निरंतर 40 दिन तक करें। आपकी सभी समस्याएं चाहे वो आर्थिक हो, सामाजिक, दुर्भाग्य हो या अन्य किसी भी प्रकार की हो, समाप्त हो जाएंगी।

अक्षत(चावल) के उपाय Measures of rice

चावल के कुछ ऐसे भी उपाय हैं जिनके करने से आपकी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

किसी भी शुभ मुहूर्त या पूर्णिमा के अवसर पर सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर चावलों को हल्दी या केसर से पीले रंग में रंग लें। ध्यान रखें चावल का कोई भी दाना टूटा हुआ न हो। इसके बाद इन्हें भगवान को चढ़ाते हुए प्रार्थना करें कि हे प्रभु मैं यह आपको समर्पित कर रहा हूं। आप इन्हें स्वीकार करें और मेरे कष्टों का निवारण करें।

अगर आप नौकरी ढूंढ रहे हैं या आपके ऑफिस कोई आपको परेशान कर रहा है तो आप मीठे चावल बनाकर कौवों को खिला दें। आपकी समस्या कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी।

अगर आप पैसे की तंगी से जूझ रहे हैं तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप आधा किलो (500 ग्राम) चावल लेकर किसी एकांत शिवलिंग के पास बैठें। शिवलिंग की पूजा करके एक मुट्ठी भोलेनाथ पर चढ़ा दे और बाकी बचे चावल किसी जरूरतमंद को दान कर दें। यह उपाय पूर्णिमा के बाद आने वाले सोमवार से करें और लगातार 5 सोमवार तक करें। घर में पैसा आना शुरु हो जाएगा।

पितृदोष के चलते हमें कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में पितृदोष दूर करने के लिए चावल की खीर तथा रोटी कौवों को खिलाएं। इससे आपको अपने पितरों का आशीष प्राप्त होगा और रूके हुए काम बनने लगेंगे।
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काली मिर्च से जहां स्वास्थ्य तो सही रहता ही है वहीं कई तरह की बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं काली मिर्च के ऐसे ही कुछ उपाय जिनसे आपका भाग्य बदल जाएगा:-

(1) ज्योतिष के अनुसार काली मिर्च को शनि ग्रह की कारक वस्तु माना गया है। शनि की साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति में काले कपड़े में थोड़ी सी काली मिर्च और कुछ पैसे दान करना चाहिए। इससे शनि का प्रकोप तुरंत ही शांत होगा।
(2) अगर आप किसी भी तरह से शनि दोष से पीड़ित है तो भोजन करते समय कभी भी उपर से नमक या मिर्च नहीं लें वरन काला नमक और काली मिर्च का ही प्रयोग करें। इससे शनि का बुरा असर खत्म होगा।
3) अगर आपका काम बार-बार बिगड़ रहा हो तो इसके लिए भी एक बहुत ही आसान सा उपाय है। घर से बाहर निकलते समय मुख्य द्वार पर काली मिर्च रखें और जाते समय इस पर पैर रख कर निकलें, आपका हर कार्य पूरा होगा। परन्तु ध्यान रखें कि काली मिर्च पर पैर रखने के बाद वापिस घर में नहीं आना है अन्यथा इसका उल्टा असर भी हो सकता है।

(4) अगर आप काफी सारा धन कमाना चाहते हैं परन्तु परिस्थितियों तथा भाग्य के चलते नहीं कमा पा रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। आपको सिर्फ इतना सा करना है कि शुक्ल पक्ष (चांदनी पक्ष) में काली मिर्च के पांच दाने लेकर अपने सिर पर से 7 बार उसार लें। इसके बाद किसी सुनसान चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में एक-एक दाना फेंक दे तथा पांचवे बचे काली मिर्च के दाने को आसमान की तरफ फेंक दें और बिना पीछे देखे या किसी से बात घर वापिस आ जाए। आपको जल्दी ही पैसा मिलेगा।
(5) काली मिर्च के 7-8 दाने लेकर उसे घर के किसी कोने में दिए में रखकर जला दें। घर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।
(6) 5 ग्राम हींग, 5 ग्राम कपूर तथा 5 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर पाउडर बना लें और फिर उस चूर्ण की राई के दाने बराबर गोलियां बना लें। अब इन गोलियों को दो बराबर हिस्सों में बांद दें। एक हिस्से को सुबह और दूसरे हिस्से को शाम के समय घर में जलाएं। इस तरह लगातार तीन दिनों तक करने में घर को लगी बुरी नजर उतर जाती है और घर में किसी तरह की कोई बुरी शक्ति होती है तो वह भी चली जाती है।

Wednesday, February 8, 2017

घर मे परेशानी आने के कुछ संकेत Some signs of trouble at home

घर मे परेशानी आने के कुछ संकेत-

जिनको जानना हर इंसान के लिये जरुरी है-

1. अकस्मात घर की चलती हुई घड़ियां बंद हो जाएं तो समझ लीजिए कि आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं।
2. घर की छत पर चिड़ियां कबूतर आदि पक्षी मरे हुए मिलें तो समझ लीजिए कि आपके बच्चों की तबियत बिगड़ सकती है।
3. घर की दीवारों पर अगर सीलन आने लगे तो समझ लीजिए कि आपके मन की शांति छीनने वाली है।
4. घर में पड़े हुए नमकीन पदार्थों में अगर चींटीयां पड़ जाएं तो समझ लीजिए कि आपके व्यवसाय या नौकरी में दिक्कत आने वाली है।
5. सड़क का कुत्ता घर की तरफ मुंह करके रोने लगे तो समझ लीजिए कि दुर्घटना होने के संकेत हैं।
6. तेल के जार में से तेल गर फर्श पर पानी की तरह बह जाए तो समझ लीजिए कि लाभ के रास्ते रुक जाएंगे।
7. घर में से सोने के आभूषण गायब या चोरी हो जाए तो बड़ी धन हानी की ओर इशारा है।
8. घर मे लगा हुआ तुलसी का पौधा जल जाए अथवा अकारण सूख जाए तो ये संकेत हैं की कुछ अशुभ होगा।
9. दूध बार-बार उफान करके बहे तो समझ लीजिए के कोई बहुत ज़्यादा बीमार पड़ने वाला है।
10. घर में शादीशुदा बहन, बेटी, बुआ, साली, मौसी अगर बिन बुलाए ठहरने हेतु आ जाए तो समझ लीजिए के दुर्भाग्य दस्तक दे रहा है।
11. सरकारी कागज़ात जैसे की बिल्स, रजिस्ट्री में दीमक लग जाए अथवा गुम हो तो सरकार द्वारा दंडित होने के संकेत हैं।
12. बार-बार कपड़ो का जलना अथवा फट जाना आपकी सामाजिक बदनामी और फज़ीहत की ओर संकेत देता है।
13. कांच अथवा चीनी-मिट्टी के बर्तनों में दरार आना होस्पिटल के बिल बढ़ने के संकेत देता है।
मंगलागौरी व्रत mangalaagauree vrat

Friday, September 23, 2016

जीवन समस्याओं से भरा हो, तो........अपनायें कुछ उपाय If life is full of problems, then adopt some solutions

1. जन्मकुंडली में यदि ग्यारहवें घर में शनि हो, तो मुख्य द्वार की चौखट बनाने से पहले उसके नीचे चंदन दबा दें, सुख-समृद्धि से घर सुशोभित रहेगा।
2. भवन-निर्माण से पहले भूखंड पर पांच ब्राह्मणों को भोजन करना बहुत शुभ होता है। इससे घर में धन, ऐश्वर्य व सुखों का वास होता है। बच्चे भी संस्कारी व आज्ञाकारी होते हैं।
3. यदि जीवन समस्याओं व दुखों से भरा हो, तो सौ ग्राम साबुत चावल किसी तालाब में डाल दें।
4. यदि घर में मां को लगातार कोई कष्ट सता रहा हो, तो 121 पेड़े लेकर बच्चों को बांट दें कष्ट दूर हो जाएगा।
5. यदि जमीन जायदाद लाख कोशिशों के बावजूद अधिक दामों न बिक पा रहा हो, तो कभी-कभी चाय की पत्ती जमादार को दें। चांदी का चैकोर टुकड़ा सदैव अपने पास रखें और चांदी के गिलास में ही पानी पीएं। हमेशा सफेद टोपी पहनें। संपत्ति अधिक दामों में बिक जाएगी।
6. राहु ग्रह की अशुभता दूर करनी हो, तो भगवती काली की उपासना करें । राहु अशुभ हो तो अचानक शारीरिक कष्ट होता है। चांदी की चेन गले में पहनें, राहत मिलेगी। कुत्तों को रोटी अवश्य खिलाएं, गरीबों को सूज़ी का हलवा अपने हाथ से बांटें, कष्ट दूर होगा।
7. यदि व्यवसाय या रोजगार में विघ्न बहुत आ रहे हों तो दस अंधों को भोजन कराएं और गुलाब जामुन खिलाएं। अपने माता-पिता की सेवा करें, विघ्न अपने आप दूर हो जाएंगे ।
8. पढाई करते वक्त विशेष कर नींद आए और पढ़ाई में मन न लगे, रुकावटें आएं तो इसके लिए पूर्व की तरफ सिरहाना करके सोएं। रोज रामायण के सुन्दरकांड के कुछ अंशों का पाठ करना चाहिए। इसके साथ-साथ सवा 5 रत्ती का एक खूबसूरत मोती और सवा 6 रत्ती का मूंगा चांदी की अंगूठी में जड़वा कर क्रमशः छोटी अंगुली और अनामिका में धारण करें । पढ़ते वक्त नींद नहीं आएगी तथा इस उपाय से विद्यार्थी परीक्षा में अव्वल आते हैं और समस्त रुकावटें दूर हो जाती हैं।
9. मानसिक अशांति की समस्या किसी पूर्व पाप का परिणाम होता है। इसे दूर करने के लिए यह उपाय बहुत लाभकारी है। प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा और उनका स्मरण करें। हनुमान चालीसा का अवश्य पाठ करें। शुक्ल पक्ष के प्रथम मंगलवार से उपाय शुरू करें। सोते वक्त एक छोटा सा चाकू सिरहाने के नीचे रखें। जिस कमरे में सोते हों, कपूर  जलाएं। समस्या का सामधान हो जाता है। पूर्व जन्म के पाप नष्ट होने लगते हैं और स्थितियां अनुकूल होने लगती हैं तथा मानसिक अशांति दूर होती है।
10. कर्ज से मुक्ति के लिए: कर्ज से पीड़ित व्यक्ति को चाहिए कि दोनों मुटठी में काली राई लें। चैराहे पर पूर्व दिशा की ओर मुंह रखें तथा दाहिने हाथ की राई को बाईं ओर और बाएं हाथ की राई को दाहिनी दिशा में फेंक दें। एक साथ राई को फेंकना चाहिए। राई फेंकने के पश्चात चौराहे पर सरसों का तेल डाल कर दोमुखी दीपक जला देना चाहिए। दिया मिट्टी का रखना चाहिए। यह प्रयोग शुक्ल पक्ष के प्रथम शनिवार को संध्या के समय करें। श्रद्धा द्वारा किया गया यह उपाय अवश्य कर्ज से मुक्ति दिलवाता है। एक बार सफलता न प्राप्त हो, तो दोबारा फिर कर लेना चाहिए। जिस चौराहे पर टोटका किया जा चुका हो उस दिन उस चौराहे पर टोटका नहीं करना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। यदि अमावस्या हो और शनिवार हो तो यह विशेष फलदायी होता है। तब यह टोटका करना जादुई चमत्कार से कम नहीं है

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Tuesday, August 2, 2016

धन चाहें तो अपनाएं ये उपाय If you want money, then take these measures

दरिद्रता को शास्त्रों मे मृत्यु माना गया है। जीवन बिना धन के नहीं चल सकता। रोजमर्रा के जीवन के लिए आपको धन की आवश्यकता तो पड़नी ही है। धन हमेशा से ही भौतिक सुख सुविधाओं का भी पर्याय बना हुआ है।
हर व्यक्ति धन कमाने के लिए हर संभव प्रयास करता है। कुछ लोग धन कमाने  में आगे होते हैं तो कुछ थोड़े कम।
पर जो असफल रह जाते हैं, वे इसके लिए अनेक प्रकार के उपाय करते हैं। यहां कुछ ऐसे ही नुस्खे हैं जिन्हें अगर आप आस्था और विश्वास से आजमाएं तो आप भी धनवान बन सकते हैं।

1. प्रत्येक गुरुवार को तुलसी के पौधे में दूध अर्पित करने से आर्थिक संपन्नता की वृद्धि होती है।
2. बरगद के वृक्ष की छांव में यदि कोई पौधा उग आया हो तो उसे मिट्टी सहित खोद कर निकालें और अपने घर में लगाएं। जिस गति से वह पौधा बढ़ेगा उतनी ही गति से आपकी समृद्धि में वृद्धि होगी।
3. माह के पहले बुधवार की रात्रि में कच्ची हल्दी की एक गांठ भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें और अगले दिन गुरुवार को उसे पीले धागे में बांधकर अपनी दाहिनी भुजा पर धारण करें। इससे आर्थिक संपन्नता में वृद्धि होगी।
4. धन रखने के स्थान पर पान के पत्ते में शमी की लकड़ी को लपेटकर रखने से धन का अभाव कभी नहीं रहता।
5. नियमित रूप से केले के वृक्ष में जल अर्पित करने और दोनों समय शुद्ध घी का दीपक जलाने से आर्थिक समृद्धि होगी।
6. रविपुष्य योग में मदार की जड़ लाकर दाएं हाथ में पहनने से आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
7. यदि आपके पास धन नहीं रुकता हो तो किसी भी माह के पहले शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेशर व सिंदूर को साथ रखकर मां लक्ष्मीजी के चरणों से स्पर्श करवाकर धन रखने के स्थान पर रख दें। फिर इसका प्रभाव देखे

8.अगर आप धनवान बनना चाहते हैं तो आप अपने पर्स में हमेशा 5 इलायची जरूर रखें।

9.यदि आप सुंदर बीवी चाहते हैं तो हर गुरुवार सुबह पांच इलायची, पीले वस्त्र के साथ किसी गरीब को दान दें।

10.अगर लाख मेहनत करने पर भी मनचाहा वेतन या प्रमोशन नहीं मिल रहा है तो आज से ही रोज रात में एक हरे कपड़े में एक इलायची को बांधकर तकिये के नीचे रखकर सो जाएं और प्रात: उसे घर के किसी बाहरी व्यक्ति को दे दीजिए। 

Wednesday, July 13, 2016

बजरंग बाण Bajrang baan

बजरंग बाण का अमोघ विलक्षण प्रयोग

अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिये बजरंग बाण अमोघ और विलक्षण प्रयोग माना जाता है
Bajrang Baan is considered to be the most enduring and extraordinary experiment to fulfill his desires.

अपने इष्ट कार्य की सिद्धि के लिए मंगल अथवा शनिवार के दिन हनुमानजी के  चित्र या मूर्ति के सामने ऊन अथवा कुश के आसन पर बैठ जायें । अनुष्ठान के लिये शुद्ध स्थान तथा शान्त वातावरण आवश्यक है। घर में यदि यह सुलभ न हो तो कहीं एकान्त स्थान अथवा एकान्त में स्थित हनुमानजी के मन्दिर में प्रयोग करें।
हनुमान जी के अनुष्ठान मे अथवा पूजा आदि में दीपदान का विशेष महत्त्व होता है। पाँच अनाजों (गेहूँ, चावल, मूँग, उड़द और काले तिल) को अनुष्ठान से पूर्व एक-एक मुट्ठी प्रमाण में लेकर शुद्ध गंगाजल में भिगो दें। अनुष्ठान वाले दिन इन अनाजों को पीसकर उनका दीया बनाएँ। बत्ती के लिए अपनी लम्बाई के बराबर कलावे का एक तार लें अथवा एक कच्चे सूत को लम्बाई के बराबर काटकर लाल रंग में रंग लें। इस धागे को पाँच बार मोड़ लें। इस प्रकार के धागे की बत्ती को सुगन्धित तिल के तेल में डालकर प्रयोग करें। समस्त पूजा काल में यह दिया जलता रहना चाहिए। हनुमानजी के लिये गूगुल की धूनी की भी व्यवस्था रखें।

जप के प्रारम्भ में यह संकल्प अवश्य लें कि आपका कार्य जब भी होगा, हनुमानजी के निमित्त नियमित कुछ भी करते रहेंगे। अब शुद्ध उच्चारण से हनुमान जी की छवि पर ध्यान केन्द्रित करके बजरंग बाण का जाप प्रारम्भ करें। “श्रीराम–” से लेकर “–सिद्ध करैं हनुमान” तक एक बैठक में ही इसकी एक माला जप करनी है।

गूगुल की सुगन्धि देकर जिस घर में बगरंग बाण का नियमित पाठ होता है, वहाँ दुर्भाग्य, दारिद्रय, भूत-प्रेत का प्रकोप और असाध्य शारीरिक कष्ट आ ही नहीं पाते। समयाभाव में जो व्यक्ति नित्य पाठ करने में असमर्थ हो, उन्हें कम से कम प्रत्येक मंगलवार को यह जप अवश्य करना चाहिए।

बजरंग बाण ध्यान

श्रीराम
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं।
दनुज वन कृशानुं, ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं।
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि।।

दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान।।

चौपाई
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै।।
जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परम पद लीन्हा।।
बाग उजारि सिन्धु मंह बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा।।
अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई। जै जै धुनि सुर पुर में भई।।
अब विलंब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु प्रभु अन्तर्यामी।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होई दुख करहु निपाता।।
जै गिरधर जै जै सुख सागर। सुर समूह समरथ भट नागर।।
ॐ हनु-हनु-हनु हनुमंत हठीले। वैरहिं मारू बज्र सम कीलै।।
गदा बज्र तै बैरिहीं मारौ। महाराज निज दास उबारों।।
सुनि हंकार हुंकार दै धावो। बज्र गदा हनि विलम्ब न लावो।।
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुँ हुँ हुँ हनु अरि उर शीसा।।
सत्य होहु हरि सत्य पाय कै। राम दुत धरू मारू धाई कै।।
जै हनुमन्त अनन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत है दास तुम्हारा।।
वन उपवन जल-थल गृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।
पाँय परौं कर जोरि मनावौं। अपने काज लागि गुण गावौं।।
जै अंजनी कुमार बलवन्ता। शंकर स्वयं वीर हनुमंता।।
बदन कराल दनुज कुल घालक। भूत पिशाच प्रेत उर शालक।।
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बैताल वीर मारी मर।।
इन्हहिं मारू, तोंहि शमथ रामकी। राखु नाथ मर्याद नाम की।।
जनक सुता पति दास कहाओ। ताकी शपथ विलम्ब न लाओ।।
जय जय जय ध्वनि होत अकाशा। सुमिरत होत सुसह दुःख नाशा।।
उठु-उठु चल तोहि राम दुहाई। पाँय परौं कर जोरि मनाई।।
ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनु हनुमंता।।
ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल दल।।
अपने जन को कस न उबारौ। सुमिरत होत आनन्द हमारौ।।
ताते विनती करौं पुकारी। हरहु सकल दुःख विपति हमारी।।
ऐसौ बल प्रभाव प्रभु तोरा। कस न हरहु दुःख संकट मोरा।।
हे बजरंग, बाण सम धावौ। मेटि सकल दुःख दरस दिखावौ।।
हे कपिराज काज कब ऐहौ। अवसर चूकि अन्त पछतैहौ।।
जन की लाज जात ऐहि बारा। धावहु हे कपि पवन कुमारा।।
जयति जयति जै जै हनुमाना। जयति जयति गुण ज्ञान निधाना।।
जयति जयति जै जै कपिराई। जयति जयति जै जै सुखदाई।।
जयति जयति जै राम पियारे। जयति जयति जै सिया दुलारे।।
जयति जयति मुद मंगलदाता। जयति जयति त्रिभुवन विख्याता।।
ऐहि प्रकार गावत गुण शेषा। पावत पार नहीं लवलेषा।।
राम रूप सर्वत्र समाना। देखत रहत सदा हर्षाना।।
विधि शारदा सहित दिनराती। गावत कपि के गुन बहु भाँति।।
तुम सम नहीं जगत बलवाना। करि विचार देखउं विधि नाना।।
यह जिय जानि शरण तब आई। ताते विनय करौं चित लाई।।
सुनि कपि आरत वचन हमारे। मेटहु सकल दुःख भ्रम भारे।।
एहि प्रकार विनती कपि केरी। जो जन करै लहै सुख ढेरी।।
याके पढ़त वीर हनुमाना। धावत बाण तुल्य बनवाना।।
मेटत आए दुःख क्षण माहिं। दै दर्शन रघुपति ढिग जाहीं।।
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।
डीठ, मूठ, टोनादिक नासै। परकृत यंत्र मंत्र नहीं त्रासे।।
भैरवादि सुर करै मिताई। आयुस मानि करै सेवकाई।।
प्रण कर पाठ करें मन लाई। अल्प-मृत्यु ग्रह दोष नसाई।।
आवृत ग्यारह प्रतिदिन जापै। ताकी छाँह काल नहिं चापै।।
दै गूगुल की धूप हमेशा। करै पाठ तन मिटै कलेषा।।
यह बजरंग बाण जेहि मारे। ताहि कहौ फिर कौन उबारे।।
शत्रु समूह मिटै सब आपै। देखत ताहि सुरासुर काँपै।।
तेज प्रताप बुद्धि अधिकाई। रहै सदा कपिराज सहाई।।
दोहा
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै। सदा धरैं उर ध्यान।।
तेहि के कारज तुरत ही, सिद्ध करैं हनुमान।।

Friday, June 24, 2016

सुख-समृद्धि व मन की प्रसन्नता के लिए For happiness and prosperity and happiness of mind

सुख-समृद्धि व मन की प्रसन्नता के लिए बैठक कक्ष में फूलों का गुलदस्ता रखें। शयनकक्ष में खिड़की के पास भी गुलदस्ता रखना चाहिए।
घर में कभी भी कंटीली झाडिय़ां या पौधे न रखें। इन्हें लगाने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।उन पुष्प या पौधे को सजावट में न ले जिससे दूध झरता हो। शुभता की दृष्टि से ये अशुभ होते हैं।शयनकक्ष में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए। आलस्य के कारण ऐसा करने पर रोग व दरिद्रता आती है।
रात में बुरे सपने आते हों तो जल से भरा तांबे का बर्तन सिरहाने रखकर सोएं।
यदि गृहस्थ जीवन में समस्याएं हों तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक प्रतिदिन जलाना चाहिए।
यदि शत्रु पक्ष से पीडित हो तो पलंग के नीचे लोहे का दण्ड रखें।पवित्र स्थान या पूजा स्थल ईशान कोण(पूर्व-उत्तर) में ही बनवाएं। इससे घर में खुशहाली आएगी।
टी.वी. या अन्य अग्नि संबंधी उपकरण सदैव आग्नेय कोण में रखें।
शयन कक्ष में नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें। ऐसा करने से घर में क्लेश होता है।

Wednesday, June 22, 2016

जीवन में सर्वत्र सुख समृद्धि और प्रसिद्ध पाने के लिए कुछ खास उपाय Something special for happiness and prosperity everywhere in life

जीवन में सर्वत्र सुख समृद्धि और प्रसिद्ध पाने के लिए कुछ खास उपाय:-

1. जीवन में मनवांछित सफलता प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से अपने माता - पिता और बड़े बुजर्गो का आशीर्वाद लें कर ही अपने दिन की शुरुआत करें और तभी घर से कहीं बाहर जाएँ ,याद रखिये उनका कभी भी किसी भी दशा में दिल न दुखाएं ।

2.स्त्रियों को देवी का स्वरुप माना गया है घर की सभी स्त्रियों(एवं किसी भी स्त्री को )पूर्ण सम्मान दें ,शास्त्रों में भी लिखा है जिस घर में स्त्रियाँ प्रसन्न रहती है वहां पर सौभाग्य स्वयं खिंचा चला आता है ।

3.जीवन में स्थाई सुख और सफलता तभी प्राप्त होती है जब हमारे कर्म शुभ होते है , क्रोधी , लालची, अभिमानी , शक्ति का दुरूपयोग करने वाला , गलत तरीके से धन संग्रह करने वाले को यदि धन, शक्ति और सत्ता का आस्थाई सुख मिलता भी है तो उसको पारिवारिक जीवन का सुख नहीं मिलता है उसका बुडापा कष्टमय बीतता है , उसके जीवन में निरंतर अस्थिरता बनी रहती है , उसके परिवार में कोई न कोई रोग बना ही रहता है इसलिए हम सभी को अपने कर्म अवश्य ही अच्छे करने चाहिए ।

4.यदि जीवन में लगातार कार्यों में बाधाएं आती है तो किसी भी दिन किसी मंदिर में अनाज के दाने चड़ाकर सच्चे मन से अपनी मनोकामना को कहिये , काम अवश्य ही निर्विघ्न रूप से पूर्ण और सफल होगा ।

5.सुबह उठते ही सर्वप्रथम अपने दोनों हाथों की हथेलियों को जोड़कर गौर से देखें , फिर उसे ३ बार चूम कर अपने चेहरे पर फिराएं , उसके बाद अपने इष्टदेव को मन ही मन में प्रणाम करते हुए अपना दाहिना पावँ जमीन पर रखें , तत्पश्चात अपने माता - पिता के चरण छू कर उनसे आशीर्वाद लें उनका अभिवादन करें तभी कुछ और बोलें ..यह दिन की शुरुआत बहुत ही चमत्कारी मानी जाती है , इससे आप निश्चित ही पूरे दिन उत्साह और प्रसन्नता का अनुभव करेंगे ।

6.प्रतिदिन प्रातः काल कुल्ला करके सर्वप्रथम थोडा शहद चख लें , तत्पश्चात नियमित रूप से सुबह नहाने के बाद सूर्य देवता को ताम्बें के बर्तन में गुड़ / चीनी , फूल मिश्रित जल से अर्ध्य दिया करें , इससे जीवन में समस्त बाधाएँ दूर होती है एवं मान सम्मान ,ऐश्वर्य और सफलता की प्राप्ति होती है ।

7.मंगलवार के दिन मिट्टी के एक बर्तन में शुद्ध शहद भरकर किसी एकांत स्थान में चुपचाप रख आईये,कार्य निर्विघ्न रूप से बनने लगेंगे,ऐसा करने से पहले या बाद में इसे किसी को भी न बताएं ।

8.यदि गृह स्वामी अपने भोजन से गाय , चिड़िया और कुत्ते के लिए कुछ अंश निकालकर उन्हें नियमित रूप से खिला दें तो उसके घर में सदैव सुख और सौभाग्य का वास बना रहता है ।

9.रविवार को छोड़कर रोजाना सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ में सादा जल और शनिवार के दिन दूध, गुड / शक्कर , मिश्रित जल चड़ाकर और संध्या के समय धूप / कडवे तेल का दीपक अर्पित करके अपनी मनोकामना कहिये , हर कार्यों में शीघ्र ही सफलता मिलनी लगेगी ।

10.एक बिलकुल नया लाल सूती वस्त्र लेकर उसमें जटायुक्त नारियल बांधकर प्रभु का स्मरण करते हुए उस नारियल से अपनी मनोकामना 7 बार कहें फिर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें , कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर होने लगेगीं ।

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Saturday, June 11, 2016

नौकरी पाने के अचूक उपाय The right way to get a job

हर व्यक्ति की अपने जीवन में कामना होती है की उसे अच्छी नौकरी मिले या उसका रोज़गार उसका कारोबार श्रेष्ठ हो । कभी-कभी पर्याप्त योग्यता होने, सब कुछ ठीक होने , लिखित परीक्षा, इंटरव्यू अच्छा होने के बाद भी कुछ ऐसी अड़चने आ जाती हैं, जिससे नौकरी मिलते-मिलते रह जाती है। या अच्छी नौकरी नहीं मिलती है । ज्योतिष के अनुसार ये सब कुण्डली के ग्रहों के कारण होता है, जिससे आपके बनते काम बनते बनते बिगड़ जाते है , आपकी नौकरी , रोज़गार में कोई ना कोई दिक्कते आ जाती है । लेकिन कुछ उपायों को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ चुपचाप करके हम अपनी नौकरी की राह में आने वाली सभी अड़चनों को निश्चय ही दूर कर सकते है ।

1.अपनी अच्छी नौकरी के लिए प्रत्येक सोमवार को शिव जी के मंदिर जाकर शिवलिंग पर मीठा कच्चा दूध चढ़ाते हुए अखंडित अक्षत ( साबुत चावल , जो टूटे हुए ना हो ) अर्पित करके भगवान भोले नाथ से अपने मन की बात करें । इससे नौकरी में आने वाली समस्त अड़चने दूर हो जाती है ।

2.माह की किसी भी गणेश चतुर्थी के दिन गणेश जी का कोई ऐसा चित्र या मूर्ति जिसमें उनकी सूंड़ दाईं ओर मुड़ी हो उस पर 7 या 11 दूर्वा अर्पित करें । फिर भगवान के आगे लौंग तथा सुपारी रखकर पूरी श्रद्धा से उनकी पूजा करें। तत्पश्चात जब भी किसी नौकरी के लिए या महत्वपूर्ण काम पर जाना हो तो इस लौंग को तथा सुपारी को साथ लेकर जाएं। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी ।

3.जिन व्यक्तियों को बेहतर व्यापार , नौकरी की चाह है वह अपने घर में बजरंग बली का फोटो जिसमें उनका उड़ता हुआ चित्र हो लगाकर उसकी पूजा करें ।

4.यदि आप लाख प्रयत्न करने के बाद भी बेरोजगार हैं या आपको अपने कार्यों में ज़रा सी भी सफलता नहीं मिल रही है तो आप बिना दाग वाला पीला नींबू लेकर उसके चार बराबर के टुकड़े कर लें। फिर संध्या के समय किसी सुनसान चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में उन्हे फेंक दें और बिना पीछे मुड़े देखे घर वापस आ जायें। या उपाय शुक्ल पक्ष के किसी भी दिन से शुरू करते हुए सात दिन लगातार करें। इससे शीघ्र ही कार्य बनने लगेंगे, नौकरी, कारोबार में सफलता मिलेगी। यह प्रयोग अमावस्या विशेषकर शनि अमावस्या के दिन विशेष रूप से प्रभावी होता है ।

5.जब भी आप किसी नौकरी के लिए इंटरव्यू देने जाये , तो एक नींबू के ऊपर चारो दिशाओं में चार लौंग गाड़ कर ( अगर लौंग ना गढ़ पाये तो नींबू में आलपिन से छेद करके लौंग गाड़ दें ) ‘ॐ श्री हनुमते नम:’ मंत्र का 108 बार जप करके उस नींबू को भी अपने साथ लेकर जाएं। आपको नौकरी मिलने की सम्भावना प्रबल होगी ।

6.जब भी आप किसी इंटरव्यू देने जाये तो गुड चना या आटे के पेड़े में गुड रखकर जाये और रास्ते में कोई भी गाय नजर आए तो उसे अपने हाथ से यह खिला दें , आपको शुभ समाचार मिलेंगे ।

7.यदि आपका कोई जरुरी काम होते होते रह जाता है तो आप शुक्ल पक्ष में हल्दी की 7 साबुत गांठें, 7 गुड़ की डलियां, एक रुपये का सिक्का किसी पीले कपड़े में बांध कर रेलवे लाइन के पार फेंक दें। फेंकते समय कहें काम दे, इससे काम के आपके पक्ष में होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी।

8.किसी भी मंगलवार से प्रारंभ करते हुए 40 दिनों तक नित्य प्रात: नंगे पैर हनुमानजी के मंदिर में जाकर उन्हें लाल गुलाब के फूल चढ़ाएं। ऐसा करने से शीघ्र ही रोजगार मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है।

9.इंटरव्यू देने जाने से पहले सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान करते समय पानी में थोड़ी पिसी हल्दी मिलाकर स्नान करें फिर भगवान के सामने 11 अगरबत्ती जलाकर अपनी मनोकामना कहें। इंटरव्यू देने के लिए निकलते समय एक चम्मच दही और चीनी खाकर सबसे पहले दायां पैर घर से बाहर निकालें ।

10.मान्यता है कि यदि सुबह-सुबह पंक्षियों को दाना खिलाया जाय तो नौकरी , रोज़गार सम्बन्धी कामनाएं पूर्ण होती है । यदि रोज सुबह आप पंक्षियों को सात प्रकार के अनाजों को मिलाकर दाना खिलाते हैं तो निश्चय ही आपकी मनचाही नौकरी के योग प्रबल होंगे ।

11.प्रत्येक शनिवार को शनि देव की पूजा करते हुए "ॐ शं शनैश्चराय नम:" मंत्र का 108 बार  जप करे।

12."विश्व भरन पोषन कर जोई ताकर नाम भरत अस होइ।
     गई बहोर गरीब नेवाजू सरल सबद साहिब रघुराजू।।"
इस मन्त्र का सवालाख जप करें।

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