Tuesday, November 19, 2013

साढ़े तीन स्वयं सिद्धि मुहूर्त Three and a half muhoort

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा,वैशाख शुक्ल तृतीया,आश्विन शुक्ल दशमी,कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तथा दीपावली प्रदोष वेला,ये चार स्वयं सिद्ध मुहूर्त है। इनमें पञ्चांग शुद्धि की आवश्यकता नहीं है। इनमें से प्रथम तीन मुहूर्त पूर्ण बली तथा चौथा अर्धबली होनें से इन्हें साढ़े तीन मुहूर्त कहतें हैं।

Tuesday, November 12, 2013

समय की परिभाषा Definition of time

रत्रिमान के 15 भाग करने पर तीन भाग तक प्रदोष बेला,
आठवां भाग महानिशीथ काल,
तेरहवां भाग ब्रह्म मुहूर्त,
चौदहवां भाग उषाः काल, और पन्द्रहवां भाग अरुणोदय काल कहलाता है।
प्रातः सन्ध्या सूर्योदय उपरान्त तीन घटी और सायं संध्या सूर्यास्त के पश्चात तीन घटी तक होती है।

काल(समय)की परिभाषा Definition of time (time)

दिनमान को पांच से विभाजित करने पर पहला भाग- प्रातः काल
दूसरा भाग-संगव काल या पूर्वान्ह काल
तीसरा भाग-मध्यान्ह काल
चौथा भाग- अपराह्न काल
और पाचवां भाग-सायं काल कहलाता है।
इसकी गणना सूर्योदय से शुरू होती है।
दिनमान के पन्द्रह भाग करने पर आठवां भाग अभिजित मुहूर्त और दशवाँ भाग विजय मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

अभिजित मुहुर्त Abhijit muhurt

दिनमान के 15भाग करने पर आठवां भाग अभिजित मुहूर्त कहलाता है।
इसमें अनेकों दोषों के निवारण की शक्ति होती है।
अतः कोई शुभ लग्न मुहूर्त न बनता हो तो जातकादि सभी शुभ कार्य अभिजित मुहूर्त में किये जा सकते हैं ,परन्तु बुधवार के दिन इसका निषेध है।
भगवान को अत्यन्त प्रिय यह पावन काल सबको शान्ति देने वाला है।

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