सुख-समृद्धि व मन की प्रसन्नता के लिए बैठक कक्ष में फूलों का गुलदस्ता रखें। शयनकक्ष में खिड़की के पास भी गुलदस्ता रखना चाहिए।
घर में कभी भी कंटीली झाडिय़ां या पौधे न रखें। इन्हें लगाने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।उन पुष्प या पौधे को सजावट में न ले जिससे दूध झरता हो। शुभता की दृष्टि से ये अशुभ होते हैं।शयनकक्ष में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए। आलस्य के कारण ऐसा करने पर रोग व दरिद्रता आती है।
रात में बुरे सपने आते हों तो जल से भरा तांबे का बर्तन सिरहाने रखकर सोएं।
यदि गृहस्थ जीवन में समस्याएं हों तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक प्रतिदिन जलाना चाहिए।
यदि शत्रु पक्ष से पीडित हो तो पलंग के नीचे लोहे का दण्ड रखें।पवित्र स्थान या पूजा स्थल ईशान कोण(पूर्व-उत्तर) में ही बनवाएं। इससे घर में खुशहाली आएगी।
टी.वी. या अन्य अग्नि संबंधी उपकरण सदैव आग्नेय कोण में रखें।
शयन कक्ष में नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें। ऐसा करने से घर में क्लेश होता है।
घर में कभी भी कंटीली झाडिय़ां या पौधे न रखें। इन्हें लगाने से समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।उन पुष्प या पौधे को सजावट में न ले जिससे दूध झरता हो। शुभता की दृष्टि से ये अशुभ होते हैं।शयनकक्ष में झूठे बर्तन नहीं रखना चाहिए। आलस्य के कारण ऐसा करने पर रोग व दरिद्रता आती है।
रात में बुरे सपने आते हों तो जल से भरा तांबे का बर्तन सिरहाने रखकर सोएं।
यदि गृहस्थ जीवन में समस्याएं हों तो कमरे में शुद्ध घी का दीपक प्रतिदिन जलाना चाहिए।
यदि शत्रु पक्ष से पीडित हो तो पलंग के नीचे लोहे का दण्ड रखें।पवित्र स्थान या पूजा स्थल ईशान कोण(पूर्व-उत्तर) में ही बनवाएं। इससे घर में खुशहाली आएगी।
टी.वी. या अन्य अग्नि संबंधी उपकरण सदैव आग्नेय कोण में रखें।
शयन कक्ष में नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें। ऐसा करने से घर में क्लेश होता है।
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