Saturday, February 27, 2021

जानें हनुमान चालीसा में हनुमानजी का नाम कितनी बार आता है? Know how many times Hanumanji's name appears in Hanuman Chalisa?

जानें हनुमान चालीसा में हनुमानजी का नाम कितनी बार आता है?
Know how many times Hanumanji's name appears in Hanuman Chalisa?

हनुमान चालीसा में हनुमानजी का हनुमान नाम चार बार आया है।

सभी नाम कुल मिलाकर 27 बार आये हैं।

1-पवन कुमार

2-ज्ञान गुण सागर

3-कपीस

4-रामदूत

5-अतुलित बल धाम

6-अंजनि पुत्र

7-पवनसुत

8-महाबीर 2

9-बजंरगी

10-कञ्चन वर्ण

11-संकरसुवन

12-केसरी नंदन

13-तेजप्रताप

14-जगवंदन

15-विद्यावान

16-असुर निकंदन

17-राम दुलारे

18-हनुमत 2

19-बलबीरा

20-पवनतनय

21-हनुमान 4

22-विक्रम


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Thursday, February 25, 2021

जानें ज्योतिष के आधार पर आपके पास कितनी धन-संपत्ति होगी? Know how much wealth you will have based on astrology?

 जानें ज्योतिष के आधार पर आपके पास कितनी धन-संपत्ति होगी?

Know how much wealth you will have based on astrology?



अधिकतर लोगों के मन में यह सवाल उत्पन्न होता है कि हमारे पास कितनी धन संपत्ति होगी?

हम अपने जीवन में धन के मामले में कितने समृद्ध होंगे?

क्या हमारे पास हमारी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में धन होगा?आदि आदि न जाने कितने प्रश्न विचारों के साथ हमारे मष्तिष्क में चलते रहते हैं।इसके आंकलन के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका ज्योतिष शास्त्र की है।

हम अपनी धन सम्पदा का ज्योतिष शास्त्र के माध्यम से आकलन कर सकते हैं।


दूसरे भाव से सुवर्णरत्नादि कोष,लक्षाधिपति तथा विपुल सम्पदा का ज्ञान किया जाता है।गुरु कारक और मङ्गल नेष्ट होता है।


चतुर्थ भाव से पशु,वाहन भवन,कृषि,जमीन जायदाद का ज्ञान किया जाता है।चन्द्रमा कारक होता है।


अष्टम भाव से भूमिगत द्रव्य,लाटरी, तथा किसी भी प्रकार से आकस्मिक धन की प्राप्ति तथा ससुराल पक्ष आदि से लाभ की स्थिति देखी जाती है।शनि कारक होता है।


नवम भाव से भाग्य का विचार किया जाता है ताकि ये सारी सम्पदा हमे निर्विघ्न प्राप्त हो।सूर्य और गुरु कारक होते हैं।


एकादश भाव से सम्पूर्ण धनागम लाटरी आदि का लाभ देखा जाता है।गुरु कारक होता है।


इस तरह हम इन पाँच भावो और इनके कारक ग्रहों के द्वारा अपनी चल-अचल संपत्ति का आंकलन और उसका उपभोग देख सकते हैं।

इनकी जितनी अनुकूलता हमारी जन्मपत्री में होगी धन-संपत्ति की उतनी उपलब्धता सुनिश्चित है।


 


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