Saturday, June 12, 2021

चक्रव्यूह का रहस्य Chakravyuh ka rahasya

 चक्रव्यूह का रहस्य Chakravyuh ka rahasya

चक्रव्यूह एक ऐसा नाम जिसके बारे में सभी को ज्ञात है।इसका नाम आते ही महाभारत काल और अभिमन्यु का स्मरण हो जाता है।
पुराणो मे कुल 128 व्युहों का जिक्र आता है उन्मे से 40 व्यूह का महाभारत युद्ध मे प्रयोग किया  गया।
चक्रव्यूह एक बहु-स्तरीय रक्षात्मक सैन्य संरचना है जो ऊपर से देंखने पर चक्र या पद्म की भाँति प्रतीत होती है इसके हर द्वार की रक्षा एक महारथी योध्दा करता है।

इस व्यूह का प्रयोग महाभारत में कौरव सेनापति द्रोणाचार्य द्वारा धर्मराज युधिष्ठिर को बंदी बनाने हेतु हुआ था।

राजा या प्रधानसेनापति प्रायः व्यूह के मध्य में रहता था और उसपर सहसा आक्रमण नहीं हो सकता था। जब इस प्रकार सेना के सब अंग स्थापित कर दिए जाते थे, तब शत्रु सहसा उन्हें छिन्न भिन्न नहीं कर सकते थे।
सैनिकों की स्थिति का क्रम टूटना व्यूहभंग या व्यूहभेद कहलाता था।कुछ प्रमुख व्यूह शब्दावली

दण्डव्यूह -- दण्डे के जैसी रचना,


शकटव्यूह -- शकट (गाड़ी) जैसी व्यूहरचना


वराहव्यूह -- सूअर के तुल्य आकृति वाला व्यूह


मकरव्यूह -- मगरमच्छ जैसा व्यूह


सूचीव्यूह -- सुई जैसा व्यूह,


पद्मव्यूह -- कमल की पंखुड़ियों के आकार से मिलता हुआ व्यूह,


चक्रव्यूह -- वृत्ताकार या चक्राकार व्यूह,


वज्रव्यूह -- सैनिकों का एक त्रिस्तरीय व्यूह


गरुड़व्यूह (श्येनव्यूह) -- बाज पक्षी के आकार जैसा व्यूह,


धनुर्व्यूह -- धनुष के आकार का व्यूह


अर्धचन्द्रच्यूह -- आधे चन्द्रमा के आकार का व्यूह,


सर्वतोभद्रव्यूह -- महान व्यूह


ऊर्मिव्यूह -- समुद्र की लहरों के गुण वाला व्यूह


चक्रव्यूह को कौन योद्धा भेद सकते थे ?

चक्रव्यूह एक बहुत ही शक्तिशाली व्यूह रचना थी जिसे भेद पाना लगभग असंभव था। महाभारत के समय मे सिर्फ 9 योद्धा थे जो चक्रव्यूह को सफलतापूर्वक भेद सकते  थे। चक्रव्यूह को भेदने के लिये योद्धा का कुशल धनुर्धर होना आवश्यक था।चक्रव्यूह को सिर्फ और सिर्फ धनुर्धर ही भेद सकता था ।


पांडवो की तरफ से अर्जुन , श्री कृष्ण , अभिमन्यु (अधूरा ज्ञान था )।


कौरवो की तरफ से भीष्मद्रोणकर्ण और अश्वत्थामा ।


महाभारत के समय मे श्री कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न और भगवान परशुराम  दो ऐसे  योद्धा भी  थे जिन्होने महाभारत के युद्ध मे भाग नही लिया था किन्तु उन्हे चक्रव्यूह को भेदने की जानकारी थी।

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