Wednesday, February 15, 2017

दुर्गा सप्तशती के सात सौ प्रयोग Seven hundred experiments of Durga Saptashati

नवरात्र के दौरान माता को प्रसन्न करने के लिए साधक विभिन्न प्रकार के पूजन करते हैं जिनसे माता प्रसन्न होकर उन्हें अद्भुत शक्तियां प्रदान करती हैं। ऐसा माना जाता है कि यदि नवरात्र में दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ विधि विधान से किया जाए तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं।
शप्तशती अर्थात सात सौ,
आइये जानते हैं कि कौन-कौन से कितने प्रयोग किये जा सकते हैं।
Let us know which of the many experiments can be done.

दुर्गा सप्तशती में (700) सात सौ प्रयोग है जो इस प्रकार
है:- मारण के 90, मोहन के 90, उच्चाटन के दो सौ(200), स्तंभन के दो सौ(200), विद्वेषण के साठ(60) और वशीकरण के साठ(60)। इसी कारण इसे
सप्तशती कहा जाता है।

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किन-किन जगहों पर पत्नी को पति के दाई/बाई तरफ बैठना चाहिये? In what places should the wife sit on her husband's midwife?

हमारे शास्त्रों में पति-पत्नी के संबंध को बहुत ही पवित्र मान कर इसकी प्रशंसा की गई है। इस संबंध द्वारा स्त्री-पुरुष अपने-अपने दायित्वों को पूरा करते हुए इस धरती पर समस्त सुख-साधनों का भोग कर मृत्यु के पश्चात स्वर्ग प्राप्त करें, इसके लिए ऋषि-मुनियों ने कुछ नियम बनाएं। इन्हीं नियमों में बताया गया है कि कब स्त्री को पुरुष के बाईं तरफ तथा कब दाईं तरफ बैठना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार जो कर्म स्त्रीप्रधान या इस सांसारिक जीवन से संबद्ध होते हैं, उनमें स्त्री को बाएं तरफ बैठना चाहिए। उदाहरण के लिए स्त्री-पुरुष का सहवास, दूसरों की सेवा करना तथा अन्य सांसारिक कार्यों में पत्नी के लिए पति के बाई तरफ बैठने का नियम है।
इसी प्रकार जो कार्य पुरुष प्रधान या पुण्य और मोक्ष देने वाले हैं जैसे कन्यादान, विवाह, यज्ञ, पूजा-पाठ आदि, उनको करते समय पत्नी दाएं तरफ विराजमान होती है।

ऐसे समय पत्नी को पति की बाईं तरफ बैठना चाहिए।
संस्कार गणपति में कहा गया है, वामे सिन्दूरदाने च वामे चैव द्विरागमने, वामे शयनैकश्यायां भवेज्जाए प्रियार्थिनी।

आर्शीवार्दे अभिषेके च पादप्रक्षालेन तथा, शयने भोजने चैव पत्नी तूत्तरतो भवेत।।

अर्थात् सिंदूर दान, द्विरागमन के समय, भोजन, शयन, सहवास, सेवा तथा बड़ों से आर्शीवाद लेते समय पत्नी को पति के बाईं तरफ रहना चाहिए।

इन कामों में पत्नी को बैठना चाहिए पति के दाईं तरफ
कन्यादाने विवाहे च प्रतिष्ठा-यज्ञकर्मणि, सर्वेषु धर्मकार्येषु पत्नी दक्षिणत- स्मृता।

अर्थात् कन्यादान, विवाह, यज्ञकर्म, पूजा तथा अन्य धर्म-कर्म के कार्यों में पत्नी को सदैव पति के दाईं और बैठना चाहिए।

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Tuesday, February 14, 2017

गणेश को मखाने चढ़ाकर करे भगवानसमस्या का निवारण Troubleshoot the problem of God by offering a lottery to Ganesh

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य मान कर उनकी आराधना की जाती है। अपने पिता महादेव की ही भांति गणेश भी समस्त कष्टों से मुक्ति देते हैं तथा भक्त के घर को सुख, सौभाग्य और प्रसन्नता से भर देते हैं। गणेशजी के कुछ ऐसे भी उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से तुरन्त समाधान होता है:-

1- ऑफिस के शत्रुओं से ऐसे निपटे

भगवान गणेश का अति शक्तिशाली मंत्र ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा किसी भी बिगड़े काम को बना सकता है। अगर आप अपने ऑफिस में छिपे हुए शत्रुओं से परेशान है तो आपको केवल इतना सा करना है कि किसी मंदिर में जाए तथा गणेशजी की प्रतिमा के आगे 21 मखाने रख कर इस गणेश मंत्र को 24 बार बोले तथा गणेश को अर्पित कर दें। बहुत जल्द आपके प्रतिद्वन्दी धूल चाटते नजर आएंगे।

2- स्कूल या कॉलेज की परेशानियों के लिए

अगर आप किसी स्कूल या कॉलेज के छात्र है तथा आपको अनचाही समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो। सबसे अच्छा उपाय है कि एक कटोरी में थोड़ा सा गंगा जल लेकर गणेशजी के आगे रख दें। स्कूल, कॉलेज जाते समय इस जल से मुंह धोकर जाएं। आपको कोई नहीं रोक सकेगा।

3- लव मैटर्स में सफलता

अगर आप किसी से प्रेम करते हैं परन्तु किसी तीसरे व्यक्ति के चलते आप सफल नहीं हो पा रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए सर्वोत्तम हैं। आपको केवल इतना सा करना है कि अपने प्रेमी या प्रेमिका की फोटो पर अपने अंगूठे के बराबर गणेश की प्रतिमा रख कर तीन दिन तक गणेश मंत्र ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा की चार माला जप करें। चतुर्दशी के दिन इस फोटो के पैरों से नीचे जमीन पर अपने प्रतिद्वन्दी का नाम लिखे तथा उसे हाथ से मिटा दें। आपके प्रेम संबंध में आ रही समस्याएं तुरंत ही समाप्त हो जाएंगी।

4- व्यापार में लाभ

व्यापार में अगर आप पिछड़ रहे हैं और आपको घाटा हो रहा है तो आप बाजार से 70 ग्राम कत्था लाएं। उसका चूरा बना कर उसमें घी, सिंदूर तथा शहद मिलाकर गणेशजी की प्रतिमा बनाएं और फिर तीन दिन तक ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा मंत्र की रोज एक माला जप करके चतुर्दशी के दिन तांबे के खोल में भरकर यह प्रतिमा अपने व्यापार स्थल के दरवाजे पर अंदर की तरफ लटका दें। उसी समय से आपका व्यापार दिन दूना रात चौगुना बढ़ने लग जाएगा।

5- समस्त कष्टों के निवारण हेतु

बुधवार के दिन गणेशजी का सिंदूर का चोला चढ़ाएं। उसके बाद लाल चंदन की माला पर ऊँ गं गणपतये वरवरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा मंत्र की दस माला (कुल 1080 बार) जप करें। इस प्रयोग को निरंतर 40 दिन तक करें। आपकी सभी समस्याएं चाहे वो आर्थिक हो, सामाजिक, दुर्भाग्य हो या अन्य किसी भी प्रकार की हो, समाप्त हो जाएंगी।

सनातन धर्म में क्यों वर्जित है स्त्री का नारियल फोड़ना What is taboo in Sanatan religion is to break the woman's coconut

सनातन धर्म में धर्म की प्रकृति के साथ एकात्मकता दिखाई गई है। यहां प्रकृति का पांच तत्वों जल, थल, अग्नि, वायु तथा आकाश में वर्गीकरण ब्रह्माण्ड की सभी वस्तुओं में एक ईश्वर की प्रधानता बताई गई है। इसी क्रम में जानवरों, पेड़-पौधों, फल, फूल सभी को विशेष स्थान देकर उनकी महत्ता स्थापित की गई है।
पूजा के दौरान या फिर किसी शुभ कार्य के आरंभ के समय नारियल का प्रयोग किया जाता है। गृह प्रवेश या फिर किसी नए कार्य का शुभारंभ भी नारियल को फोड़कर ही किया जाता है।

हमारे धर्म में स्त्री को साक्षात लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है तथा "यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, तत्र रमन्ते देवता"कह कर उनकी श्रेष्ठता की बात की गई है। फिर भी पारंपरिक रूप से पूजा के दौरान अथवा अन्य किसी भी स्वरूप में महिलाओं को नारियल फोड़ने का अधिकार नहीं दिया गया है। यह विशेषाधिकार विशेष रूप से पुरुषों के लिए ही सीमित रखा गया है।क्यों

परंपरागत रूप से नारियल को नई सृष्टि का बीज माना गया है। इसकी कथा ब्रह्मऋषि विश्वामित्र द्वारा नई सृष्टि के सृजन करने से जुड़ी हुई है। तब उन्होंने सर्वप्रथम पहली रचना के रूप में नारियल का निर्माण किया, यह मानव का ही प्रतिरूप माना गया था। नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है और इसे प्रजनन यानि उत्पादन से जोड़कर देखा गया है।

स्त्रियां संतान उत्पत्ति की कारक होती हैं इसी कारण उनके लिए नारियल को फोड़ना एक वर्जित कर्म मान कर निषिद्ध कर दिया गया। हालांकि प्रामाणिक रूप से ऐसा किसी भी धार्मिक ग्रंथ में नहीं लिखा गया है, न ही ऐसा किसी देवी-देवता द्वारा निर्देश दिया गया है। परन्तु सामाजिक मान्यताओं तथा विश्वास के चलते ही वर्तमान में हिंदू महिलाएं नारियल नहीं तोड़ती है।

अक्षत(चावल) के उपाय Measures of rice

चावल के कुछ ऐसे भी उपाय हैं जिनके करने से आपकी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

किसी भी शुभ मुहूर्त या पूर्णिमा के अवसर पर सुबह जल्दी उठकर नहा-धोकर चावलों को हल्दी या केसर से पीले रंग में रंग लें। ध्यान रखें चावल का कोई भी दाना टूटा हुआ न हो। इसके बाद इन्हें भगवान को चढ़ाते हुए प्रार्थना करें कि हे प्रभु मैं यह आपको समर्पित कर रहा हूं। आप इन्हें स्वीकार करें और मेरे कष्टों का निवारण करें।

अगर आप नौकरी ढूंढ रहे हैं या आपके ऑफिस कोई आपको परेशान कर रहा है तो आप मीठे चावल बनाकर कौवों को खिला दें। आपकी समस्या कुछ ही दिनों में दूर हो जाएगी।

अगर आप पैसे की तंगी से जूझ रहे हैं तो सबसे अच्छा उपाय है कि आप आधा किलो (500 ग्राम) चावल लेकर किसी एकांत शिवलिंग के पास बैठें। शिवलिंग की पूजा करके एक मुट्ठी भोलेनाथ पर चढ़ा दे और बाकी बचे चावल किसी जरूरतमंद को दान कर दें। यह उपाय पूर्णिमा के बाद आने वाले सोमवार से करें और लगातार 5 सोमवार तक करें। घर में पैसा आना शुरु हो जाएगा।

पितृदोष के चलते हमें कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसे में पितृदोष दूर करने के लिए चावल की खीर तथा रोटी कौवों को खिलाएं। इससे आपको अपने पितरों का आशीष प्राप्त होगा और रूके हुए काम बनने लगेंगे।
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कलीमिर्च के अद्भुत प्रयोग Wonderful use of lime

काली मिर्च से जहां स्वास्थ्य तो सही रहता ही है वहीं कई तरह की बाधाओं से भी मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं काली मिर्च के ऐसे ही कुछ उपाय जिनसे आपका भाग्य बदल जाएगा:-

(1) ज्योतिष के अनुसार काली मिर्च को शनि ग्रह की कारक वस्तु माना गया है। शनि की साढ़े साती या ढैय्या की स्थिति में काले कपड़े में थोड़ी सी काली मिर्च और कुछ पैसे दान करना चाहिए। इससे शनि का प्रकोप तुरंत ही शांत होगा।
(2) अगर आप किसी भी तरह से शनि दोष से पीड़ित है तो भोजन करते समय कभी भी उपर से नमक या मिर्च नहीं लें वरन काला नमक और काली मिर्च का ही प्रयोग करें। इससे शनि का बुरा असर खत्म होगा।
3) अगर आपका काम बार-बार बिगड़ रहा हो तो इसके लिए भी एक बहुत ही आसान सा उपाय है। घर से बाहर निकलते समय मुख्य द्वार पर काली मिर्च रखें और जाते समय इस पर पैर रख कर निकलें, आपका हर कार्य पूरा होगा। परन्तु ध्यान रखें कि काली मिर्च पर पैर रखने के बाद वापिस घर में नहीं आना है अन्यथा इसका उल्टा असर भी हो सकता है।

(4) अगर आप काफी सारा धन कमाना चाहते हैं परन्तु परिस्थितियों तथा भाग्य के चलते नहीं कमा पा रहे हैं तो यह उपाय आपके लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद है। आपको सिर्फ इतना सा करना है कि शुक्ल पक्ष (चांदनी पक्ष) में काली मिर्च के पांच दाने लेकर अपने सिर पर से 7 बार उसार लें। इसके बाद किसी सुनसान चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में एक-एक दाना फेंक दे तथा पांचवे बचे काली मिर्च के दाने को आसमान की तरफ फेंक दें और बिना पीछे देखे या किसी से बात घर वापिस आ जाए। आपको जल्दी ही पैसा मिलेगा।
(5) काली मिर्च के 7-8 दाने लेकर उसे घर के किसी कोने में दिए में रखकर जला दें। घर की समस्त नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।
(6) 5 ग्राम हींग, 5 ग्राम कपूर तथा 5 ग्राम काली मिर्च को मिलाकर पाउडर बना लें और फिर उस चूर्ण की राई के दाने बराबर गोलियां बना लें। अब इन गोलियों को दो बराबर हिस्सों में बांद दें। एक हिस्से को सुबह और दूसरे हिस्से को शाम के समय घर में जलाएं। इस तरह लगातार तीन दिनों तक करने में घर को लगी बुरी नजर उतर जाती है और घर में किसी तरह की कोई बुरी शक्ति होती है तो वह भी चली जाती है।

Wednesday, February 8, 2017

अनैतिकता Immorality

अनैतिकता तो आज आम बात हो गई है। ठगी, विश्वासघात, वचनभंग, खुदगर्जी, बेमुरव्वती, अहंकार, परपीड़न, कर्तव्य त्याग आदि बुराइयाँ बेतरह बढ़ रही हैं। सरकारी कर्मचारी, व्यापारी, धर्म प्रचारक, नेता, मजदूर आदि सभी वर्गों में इस प्रकार की दूषित मनोवृत्ति बढ़ रही है। अविश्वास, असंतोष और आशंका से हर एक का मन भारी हो रहा है। इस स्थिति को कानून, पुलिस, फौज या सरकार नहीं सुधार सकती। जब अन्तरात्मा में ईश्वरीय वाणी जागृत होकर धर्म भावना, कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, त्याग, प्रेम, और सेवा की भावना पैदा होगी, तभी व्यापक अनैतिकता की दुखदायक स्थिति का अन्त होगा और इसके लिए प्रत्येक  को अपने स्तर पर स्वयं प्रयास करना होगा। प्रत्येक का स्वत: के लिए किया गया यह प्रयास उसके अद्यात्मिक स्तर को तो उन्नत करेगा ही किन्तु परोक्ष रूप से देश को विश्व में स्थापित करने में भी योगदान देगा।
आओ कुछ ऐसी खोज करें जिससे अपना व राष्ट्र का सहयोग हो।

घर की शान्ति के के लिए कुछ आवस्यक बाते Some need for home consoles

घर की शान्ति के के लिए कुछ आवस्यक बाते।

1 ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहिए
2 जानवरो और नोकरो से प्रेम पूर्वक बर्ताव करना चाहिए
3 अपने साथियो से भी अच्छा बर्ताव करना चाहिए।
4 अपनी गलती स्वीकार करना चाहिए।
5 किसी को दबाने की कोशिस नहीं करना चाहिए।
6 एक दूसरे की बुराई नहीं करना चाहिए।
7 सवकी भावनाओ की कदर करनी चाहिए।
8 ज़रा ज़रा सी बातो पर ध्यान नहीं देना
9 सबको उचित प्रेम देना किसी को सूना ना लगे।
10 सबकी योग्यता और प्रतिभा को प्रोत्साहन देना।
11 गुस्से में जवाव नहीं देना
12 एक दूसरे को सहयोग करना
13 क्रोध में किसी की गलती को ना बताना प्रेम से बोलना
14 पुरानी बाते नहीं उखाड़ना
15 आज का झगड़ा कल तक नहीं चलाना
16 क्रोध मन में रखकर नहीं सोना
17 गलतफहमी नहीं पालना
18 आपस में एक दूसरे का उपकार मानना
19 क्षमा करने की और भुलने की क्षमता रखना
20 कभी तनाव नहीं रखना
21 आपसी झगडे का लाभ दूसरे ना उठाये इसका ध्यान रखना
22 अपनी मर्यादा का ध्यान रखना
23 हमेशा एकता बनाये रखना
24 सेवक को नहीं खुद को सुधारने का प्रयास करना
25 किसी को ज्यादा डाटना नहीं।
26 मनुष्य जन्म को सफल बनाने का प्रयास करना
27 रोज़ कम से कम दस मिनट अपनी आत्मा का चिंतन ज़रूर करना
28 मिथ्या मान्यताओं को नष्ट करने का पुरुषार्थ करना
29 मरने से पहले सम्यग्दर्शन (सही मान्यता) को प्राप्त करने का पुरुषार्थ करना
30 अंत में अपनी आत्मा में लीन होकर मोक्ष महल में प्रवेश करना और अनंत काल के लिए सुखी होना,भक्त से भगवान बनना पामर से परमात्मा बनना खुद से खुदा बनना और इस मानव जीवन को सफल करना, विचारना...

घर मे परेशानी आने के कुछ संकेत Some signs of trouble at home

घर मे परेशानी आने के कुछ संकेत-

जिनको जानना हर इंसान के लिये जरुरी है-

1. अकस्मात घर की चलती हुई घड़ियां बंद हो जाएं तो समझ लीजिए कि आपके बनते हुए काम बिगड़ सकते हैं।
2. घर की छत पर चिड़ियां कबूतर आदि पक्षी मरे हुए मिलें तो समझ लीजिए कि आपके बच्चों की तबियत बिगड़ सकती है।
3. घर की दीवारों पर अगर सीलन आने लगे तो समझ लीजिए कि आपके मन की शांति छीनने वाली है।
4. घर में पड़े हुए नमकीन पदार्थों में अगर चींटीयां पड़ जाएं तो समझ लीजिए कि आपके व्यवसाय या नौकरी में दिक्कत आने वाली है।
5. सड़क का कुत्ता घर की तरफ मुंह करके रोने लगे तो समझ लीजिए कि दुर्घटना होने के संकेत हैं।
6. तेल के जार में से तेल गर फर्श पर पानी की तरह बह जाए तो समझ लीजिए कि लाभ के रास्ते रुक जाएंगे।
7. घर में से सोने के आभूषण गायब या चोरी हो जाए तो बड़ी धन हानी की ओर इशारा है।
8. घर मे लगा हुआ तुलसी का पौधा जल जाए अथवा अकारण सूख जाए तो ये संकेत हैं की कुछ अशुभ होगा।
9. दूध बार-बार उफान करके बहे तो समझ लीजिए के कोई बहुत ज़्यादा बीमार पड़ने वाला है।
10. घर में शादीशुदा बहन, बेटी, बुआ, साली, मौसी अगर बिन बुलाए ठहरने हेतु आ जाए तो समझ लीजिए के दुर्भाग्य दस्तक दे रहा है।
11. सरकारी कागज़ात जैसे की बिल्स, रजिस्ट्री में दीमक लग जाए अथवा गुम हो तो सरकार द्वारा दंडित होने के संकेत हैं।
12. बार-बार कपड़ो का जलना अथवा फट जाना आपकी सामाजिक बदनामी और फज़ीहत की ओर संकेत देता है।
13. कांच अथवा चीनी-मिट्टी के बर्तनों में दरार आना होस्पिटल के बिल बढ़ने के संकेत देता है।
मंगलागौरी व्रत mangalaagauree vrat

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त  Mantra theory for suffering peace संसार की समस्त वस्तुयें अनादि प्रकृति का ही रूप है,और वह...