Tuesday, September 2, 2025

चन्द्रग्रहण 2025 lunar eclipse 2025

 भारत में दृश्य खग्रास  चन्द्रग्रहण 

सितम्बर 2025 में होने वाले चन्द्रग्रहण का विवरण 




दिनांक 07 सितंबर 2025 भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा रविवार को भारतीय समयानुसार रात्रि 09 बजकर 57 मिनट से देर रात 01 बजकर 27 मिनट तक होने वाला खग्रास चन्द्रग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा।
भारत के सभी शहरों व गांवों से इसका प्रारम्भ, मध्य तथा मोक्ष स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।


यह दक्षिण-पश्चिम की ओर से ग्रसित होकर उत्तर- पूर्व की ओर मोक्ष को प्राप्त होगा।


इस ग्रहण को भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान, इराक, तुर्की, इजरायल, सऊदी अरब समेत पूरा मिडिल ईस्ट,  

जिंबाम्बे, अंगोला, अल्जीरिया, मिश्र, सूडान समेत पूरा अफ्रीकी प्रायद्वीप,

यूक्रेन, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड, ब्रिटेन, ग्रीस, नार्वे, स्वीडन समेत पूरा यूरोप,

रूस, कजाकिस्तान, कोरिया, थाईलैंड, जापान, म्यांमार, बैंकॉक, मलेशिया, फिलिपींस, ऑस्ट्रेलिया, फिजी, चीन आदि पूर्वी देशों से (केवल उत्तरी व दक्षिण अमेरिका छोड़कर) अन्य सभी देशों से देखा जा सकेगा। 


सूतक - खग्रास चन्द्रग्रहण का सूतक दिन में 12 बजकर 57 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगा। सूतक में बाल, वृद्ध, रोगी वह आसक्तजनों को छोड़कर अन्य किसी को भोजन शयनादि नहीं करना चाहिए।

यह ग्रहण पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र और कुम्भ राशि में हो रहा है अतः इनमें जन्म लेने वाले जातकों पर भारी अर्थात् कष्टकारी होता है।


इसके लिए यथाशक्ति दान पुण्य करना शुभ रहता है।

अतः ग्रहण स्पर्श के समय स्नान मध्य में हवन और पूजन तथा ग्रहण मोक्ष के समय श्रद्धा से अन्न,वस्त्र, धन आदि का दान और ग्रहण सर्वमुक्त होने पर पुनः स्नान करना चाहिए।


विशेष - ग्रहण के दिन रात्रि में स्नान- दानादि का निषेध नहीं होता है- 

चन्द्रग्रहणे तथा रात्रौ स्नानं दानं प्रशस्यते।।



सूर्य और चन्द्र ग्रहण विवरण सन् 2025-26 Solar and Lunar Eclipse Details 2025-26

सूर्य और चन्द्र ग्रहण विवरण सन् 2025-26

Solar and Lunar Eclipse Details 2025-26



३० मार्च २०२५ से १९ मार्च २०२६ तक विक्रम सम्वत् २०८२ में समस्त भूमण्डल पर दो सूर्यग्रहण तथा दो चन्द्रग्रहण होंगे।


जिनमें से भारतीय भूभाग पर ०७ सितम्बर २०२५ भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा रविवार को होने वाला खग्रास चन्द्रग्रहण तथा ०३ मार्च २०२६ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार को होने वाला खग्रास चन्द्रग्रहण ही दिखाई देंगे।
जिनका सूतक तथा ग्रहण विधान माना जाएगा।


अन्य दो सूर्यग्रहण का भारत में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये दोनों सूर्यग्रहण भारत में भी दिखाई देंगे।

Youtube link-

 http://youtube.com/post/UgkxqUKapZ9meM-ZUZ5TfWU9gNU6taJWPquP?si=ogePVGm7lVoPYvRi

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Monday, September 1, 2025

महालय श्राद्ध पक्ष 2025 mhalaya shradha paksha 2025

महालय श्राद्ध पक्ष 2025
mhalaya shradha paksha 2025

महालय श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) 7 सितंबर 2025 से शुरू होकर 21 सितंबर 2025 तक चलेगा।


यह पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन  कृष्ण अमावस्या तक रहता है। इस प्रकार इसमें कुल सोलह तिथियां होती हैं।


इस दौरान हर दिन विशेष श्राद्ध किया जाता है, जैसे कि पूर्णिमा श्राद्ध, प्रतिपदा श्राद्ध, द्वितीया श्राद्ध, भरणी श्राद्ध, मघा श्राद्ध इत्यादि।


अंतिम दिन को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है, जिस दिन उन पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती।


श्राद्ध 2025 में प्रमुख तिथियां निम्नलिखित हैं:-


पितृपक्ष की शुरुआत 7 सितंबर पूर्णिमा से होगी और 21 सितंबर को अमावस्या तिथि पर पितृपक्ष समाप्त होगा।


पूर्णिमा तिथि श्राद्ध - 7 सितंबर 2025 रविवार (दिन में 12:57 तक कर लें, उसके पश्चात ग्रहण का सूतक काल आरम्भ हो जाएगा)


पितृपक्ष 2025 में श्राद्ध की तिथियां


07 सितंबर 2025 रविवार पूर्णिमा श्राद्ध
08 सितंबर 2025 सोमवार प्रतिपदा श्राद्ध
09 सितंबर 2025 मंगलवार द्वितीया श्राद्ध
10 सितंबर 2025 बुधवार तृतीया व चतुर्थी श्राद्ध
11 सितंबर 2025 गुरुवार चतुर्थी/पंचमी व महा भरणी श्राद्ध
12 सितंबर 2025 शुक्रवार षष्ठी श्राद्ध
13 सितंबर 2025 शनिवार सप्तमी श्राद्ध
14 सितंबर 2025 रविवार अष्टमी श्राद्ध
15 सितंबर 2025 सोमवार नवमी श्राद्ध
16 सितंबर 2025 मंगलवार दशमी श्राद्ध
17 सितंबर 2025 बुधवार एकादशी श्राद्ध
18 सितंबर 2025 गुरुवार द्वादशी श्राद्ध
19 सितंबर 2025 शुक्रवार त्रयोदशी व मघा श्राद्ध
20 सितंबर 2025 शनिवार चतुर्दशी श्राद्ध
21 सितंबर 2025 रविवार सर्वपितृ अमावस्या श्राद्ध पितृ विसर्जन


श्राद्ध पक्ष की अवधि कुल 15 दिन की होती है और यह पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपुर्ण माना जाता है। 

इस दौरान पिण्डदान, तर्पण और श्राद्ध के अन्य धार्मिक कर्म किए जाते हैं, जिससे पितर प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।


Youtube पर देखें:- http://youtube.com/post/Ugkx0aI3_kpa9BXvxRA2mm20-mhZhx8S-ui7?si=wt4N7D7ADHeln-5Z

Monday, July 14, 2025

ज्योतिष और उपाय मिलकर आपको देते हैं नई राह Astrology and remedies together give you a new path

 ज्योतिष और उपाय 

मिलकर आपको देते हैं नई राह 

विचार ही सार है यह आगे चलकर निश्चित होता है और कर्म में परिवर्तित हो जाता है।


सृजन, परिवर्तन और विनाश —यह ब्रह्मांड का नियम है।


क्या आपने कभी ध्यान दिया है...

जब कोई बीज अंकुरित होता है,

तो वह पहले मिट्टी में खोता है...

टूटता है...

अपने पुराने रूप को पूरी तरह त्याग देता है।

लेकिन उसी टूटन से जीवन की नन्हीं कली जन्म लेती है।


यही प्रकृति का नियम है —

सृजन,परिवर्तन और विनाश का।


ब्रह्मांड हर पल बदल रहा है, 

हर क्षण परिवर्तित हो रहा है।

ठीक वैसे ही, जैसे हमारा जीवन।


कभी रिश्ते टूटते हैं,

कभी करियर ठहरता है,

कभी सपने बिखरते हैं…

लेकिन क्या आपने कभी पीछे मुड़कर देखा है?

अक्सर उन्हीं 'अंत' ने हमें नया रास्ता दिया होता है।


और यही बात ज्योतिषशास्त्र हमें सिखाता है।

जब कोई ग्रहदशा आती है या किसी ग्रह गोचर का प्रभाव— जैसे शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु का गोचर, या गुरु का प्रभाव —

तो हमारे जीवन में भी अदृश्य परिवर्तन शुरू हो जाते हैं।


पर ज्योतिष डराने के लिए नहीं है,

समझाने और सजग करने के लिए है।


अगर समय कठिन है —

तो उपाय भी हैं।

अगर राह कठिन है —

तो चेतावनी भी पहले से मिल सकती है।


समय केवल चलता नहीं,

वह बताता है — संकेत देता है।

बस ज़रूरत है उसकी भाषा को समझने की।

ग्रहों के अनुकूलन हेतु उपाय करने की आवश्यकता होती है। जिससे जीवन में सुख, शांति और सफलता की संभावना अधिक हो जाती है।


ज्योतिष आपको राह दिखाएगा और उपाय लक्ष्य तक पहुंचाएगा।

।। जय श्री कृष्ण।।

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Thursday, May 15, 2025

प्रदोष व्रत 2025-26 pradosh vrat


प्रदोष व्रत 2025- 26


वर्ष भर के प्रदोष व्रत 




 

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त  Mantra theory for suffering peace संसार की समस्त वस्तुयें अनादि प्रकृति का ही रूप है,और वह...