Thursday, September 12, 2024

श्री विष्णु सहस्रनामावली Shree Vishnu sahasranamavali

श्री विष्णु सहस्रनामावली 

Shree Vishnu sahasranamavali





भगवान श्री हरि विष्णु सनातन धर्म में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक हैं। भगवान शिव और ब्रह्मा के साथ, वह सनातन धर्म की त्रिमूर्ति अवधारणा के भाग हैं। भगवान विष्णु ब्रह्माण्ड के संरक्षक और रक्षक हैं,वे ही इस समस्त संसार के पालन कर्ता हैं।
जबकि भगवान शिव और भगवान ब्रह्मा क्रमशः ब्रह्मांड के संहारक और निर्माता हैं।
भगवान श्री हरि विष्णु जी के सहस्रनाम का प्रतिदिन पाठ करने से हर मनोकामना की पूर्ति होती है।

श्री विष्णु सहस्रनामावली 
Shree Vishnu sahasranamavali

1-ॐ विश्वस्मै नमः।

2-ॐ विष्णवे नमः।

3-ॐ वषट्काराय नमः।

4-ॐ भूतभव्यभवत्प्रभवे नमः।

5-ॐ भूतकृते नमः।

6-ॐ भूतभृते नमः।

7-ॐ भावाय नमः।

8-ॐ भूतात्मने नमः।

9-ॐ भूतभावनाय नमः।

10-ॐ पूतात्मने नमः।

11-ॐ परमात्मने नमः।

12-ॐ मुक्तानां परमायै गतये नमः।

13-ॐ अव्ययाय नमः।

14-ॐ पुरुषाय नमः।

15-ॐ साक्षिणे नमः।

16-ॐ क्षेत्रज्ञाय नमः।

17-ॐ अक्षराय नमः।

18-ॐ योगाय नमः।

19-ॐ योगविदां नेत्रे नमः।

20-ॐ प्रधानपुरुषेश्वराय नमः।

21-ॐ नारसिंहवपुषे नमः।

22-ॐ श्रीमते नमः।

23-ॐ केशवाय नमः।

24-ॐ पुरुषोत्तमाय नमः।

25-ॐ सर्वस्मै नमः।

26-ॐ शर्वाय नमः।

27-ॐ शिवाय नमः।

28-ॐ स्थाणवे नमः।

29-ॐ भूतादये नमः।

30-ॐ निधये अव्ययाय नमः।

31-ॐ सम्भवाय नमः।

32-ॐ भावनाय नमः।

33-ॐ भर्त्रे नमः।

34-ॐ प्रभवाय नमः।

35-ॐ प्रभवे नमः।

36-ॐ ईश्वराय नमः।

37-ॐ स्वयम्भुवे नमः।

38-ॐ शम्भवे नमः।

39-ॐ आदित्याय नमः।

40-ॐ पुष्कराक्षाय नमः।

41-ॐ महास्वनाय नमः।

42-ॐ अनादिनिधनाय नमः।

43-ॐ धात्रे नमः।

44-ॐ विधात्रे नमः।

45-ॐ धातुरुत्तमाय नमः।

46-ॐ अप्रमेयाय नमः।

47-ॐ हृषीकेशाय नमः।

48-ॐ पद्मनाभाय नमः।

49-ॐ अमरप्रभवे नमः।

50-ॐ विश्वकर्मणे नमः।

51-ॐ मनवे नमः।

52-ॐ त्वष्ट्रे नमः।

53-ॐ स्थविष्ठाय नमः।

54-ॐ स्थविराय ध्रुवाय नमः।

55-ॐ अग्राह्याय नमः।

56-ॐ शाश्वताय नमः।

57-ॐ कृष्णाय नमः।

58-ॐ लोहिताक्षाय नमः।

59-ॐ प्रतर्दनाय नमः।

60-ॐ प्रभूताय नमः।

61-ॐ त्रिककुब्धाम्ने नमः।

62-ॐ पवित्राय नमः।

63-ॐ मङ्गलाय परस्मै नमः।

64-ॐ ईशानाय नमः।

65-ॐ प्राणदाय नमः।

66-ॐ प्राणाय नमः।

67-ॐ ज्येष्ठाय नमः।

68-ॐ श्रेष्ठाय नमः।

69-ॐ प्रजापतये नमः।

70-ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

71-ॐ भूगर्भाय नमः।

72-ॐ माधवाय नमः।

73-ॐ मधुसूदनाय नमः।

74-ॐ ईश्वराय नमः।

75-ॐ विक्रमिणे नमः।

76-ॐ धन्विने नमः।

77-ॐ मेधाविने नमः।

78-ॐ विक्रमाय नमः।

79-ॐ क्रमाय नमः।

80-ॐ अनुत्तमाय नमः।

81-ॐ दुराधर्षाय नमः।

82-ॐ कृतज्ञाय नमः।

83-ॐ कृतये नमः।

84-ॐ आत्मवते नमः।

85-ॐ सुरेशाय नमः।

86-ॐ शरणाय नमः।

87-ॐ शर्मणे नमः।

88-ॐ विश्वरेतसे नमः।

89-ॐ प्रजाभवाय नमः।

90-ॐ अह्ने  नमः।

91-ॐ संवत्सराय नमः।

92-ॐ व्यालाय नमः।

93-ॐ प्रत्ययाय नमः।

94-ॐ सर्वदर्शनाय नमः।

95-ॐ अजाय नमः।

96-ॐ सर्वेश्वराय नमः।

97-ॐ सिद्धाय नमः।

98-ॐ सिद्धये नमः।

99-ॐ सर्वादये नमः।

100-ॐ अच्युताय नमः।

101-ॐ वृषाकपये नमः।

102-ॐ अमेयात्मने नमः।

103-ॐ सर्वयोगविनिःसृताय नमः।

104-ॐ वसवे नमः।

105-ॐ वसुमनसे नमः।

106-ॐ सत्याय नमः।

107-ॐ समात्मने नमः।

108-ॐ असम्मिताय नमः।

109-ॐ समाय नमः।

110-ॐ अमोघाय नमः।

111-ॐ पुण्डरीकाक्षाय नमः।

112-ॐ वृषकर्मणे नमः।

113-ॐ वृषाकृतये नमः।

114-ॐ रुद्राय नमः।

115-ॐ बहुशिरसे नमः।

116-ॐ बभ्रवे नमः।

117-ॐ विश्वयोनये नमः।

118-ॐ शुचिश्रवसे नमः।

119-ॐ अमृताय नमः।

120-ॐ शाश्वतस्थाणवे नमः।

121-ॐ वरारोहाय नमः।

122-ॐ महातपसे नमः।

123-ॐ सर्वगाय नमः।

124-ॐ सर्वविद्भानवे नमः।

125-ॐ विश्वक्सेनाय नमः।

126-ॐ जनार्दनाय नमः।

127-ॐ वेदाय नमः।

128-ॐ वेदविदे नमः।

129-ॐ अव्यङ्गाय नमः।

130-ॐ वेदाङ्गाय नमः।

131-ॐ वेदविदे नमः।

132-ॐ कवये नमः।

133-ॐ लोकाध्यक्षाय नमः।

134-ॐ सुराध्यक्षाय नमः।

135-ॐ धर्माध्यक्षाय नमः।

136-ॐ कृताकृताय नमः।

137-ॐ चतुरात्मने नमः।

138-ॐ चतुर्व्यूहाय नमः।

139-ॐ चतुर्दंष्ट्राय नमः।

140-ॐ चतुर्भुजाय नमः।

141-ॐ भ्राजिष्णवे नमः।

142-ॐ भोजनाय नमः।

143-ॐ भोक्त्रे नमः।

144-ॐ सहिष्णवे नमः।

145-ॐ जगदादिजाय नमः।

146-ॐ अनघाय नमः।

147-ॐ विजयाय नमः।

148-ॐ जेत्रे नमः।

149-ॐ विश्वयोनये नमः।

150-ॐ पुनर्वसवे नमः।

151-ॐ उपेन्द्राय नमः।

152-ॐ वामनाय नमः।

153-ॐ प्रांशवे नमः।

154-ॐ अमोघाय नमः।

155-ॐ शुचये नमः।

156-ॐ उर्जिताय नमः।

157-ॐ अतीन्द्राय नमः।

158-ॐ संग्रहाय नमः।

159-ॐ सर्गाय नमः।

160-ॐ धृतात्मने नमः।

161-ॐ नियमाय नमः।

162-ॐ यमाय नमः।

163-ॐ वेद्याय नमः।

164-ॐ वैद्याय नमः।

165-ॐ सदायोगिने नमः।

166-ॐ वीरघ्ने नमः।

167-ॐ माधवाय नमः।

168-ॐ मधवे नमः।

169-ॐ अतीन्द्रियाय नमः।

170-ॐ महामायाय नमः।

171-ॐ महोत्साहाय नमः।

172-ॐ महाबलाय नमः।

173-ॐ महाबुद्धये नमः।

174-ॐ महावीर्याय नमः।

175-ॐ महाशक्तये नमः।

176-ॐ महाद्युतये नमः।

177-ॐ अनिर्देश्यवपुषे नमः।

178-ॐ श्रीमते नमः।

179-ॐ अमेयात्मने नमः।

180-ॐ महाद्रिधृषे नमः।

181-ॐ महेष्वासाय नमः।

182-ॐ महीभर्त्रे नमः।

183-ॐ श्रीनिवासाय नमः।

184-ॐ सतां गतये नमः।

185-ॐ अनिरुद्धाय नमः।

186-ॐ सुरानन्दाय नमः।

187-ॐ गोविन्दाय नमः।

188-ॐ गोविदां पतये नमः।

189-ॐ मरीचये नमः।

190-ॐ दमनाय नमः।

191-ॐ हंसाय नमः।

192-ॐ सुपर्णाय नमः।

193-ॐ भुजगोत्तमाय नमः।

194-ॐ हिरण्यनाभाय नमः।

195-ॐ सुतपसे नमः।

196-ॐ पद्मनाभाय नमः।

197-ॐ प्रजापतये नमः।

198-ॐ अमृत्यवे नमः।

199-ॐ सर्वदृशे नमः।

200-ॐ सिंहाय नमः।

201ॐ संधात्रे नमः।

202-ॐ सन्धिमते नमः।

203-ॐ स्थिराय नमः।

204-ॐ अजाय नमः।

205-ॐ दुर्मर्षणाय नमः।

206-ॐ शास्त्रे नमः।

207-ॐ विश्रुतात्मने नमः।

208-ॐ सुरारिघ्ने नमः।

209-ॐ गुरुवे नमः।

210-ॐ गुरुतमाय नमः।ॐ धाम्ने नमः।*

211-ॐ सत्याय नमः।

212-ॐ सत्यपराक्रमाय नमः।

213-ॐ निमिषाय नमः।

214-ॐ अनिमिषाय नमः।

215-ॐ स्रग्विणे नमः।

216-ॐ वाचस्पतये उदारधिये नमः।

217-ॐ अग्रण्ये नमः।

218-ॐ ग्रामण्ये नमः।

219-ॐ श्रीमते नमः।

220-ॐ न्यायाय नमः।

221-ॐ नेत्रे नमः।

222-ॐ समीरणाय नमः।

223-ॐ सहस्रमूर्ध्ने नमः।

224-ॐ विश्वात्मने नमः।

225-ॐ सहस्राक्षाय नमः।

226-ॐ सहस्रपदे नमः।

227-ॐ आवर्तनाय नमः।

228-ॐ निवृत्तात्मने नमः।

229-ॐ संवृताय नमः।

230-ॐ सम्प्रमर्दनाय नमः।

231-ॐ अहःसंवर्तकाय नमः।

232-ॐ वह्नये नमः।

233-ॐ अनिलाय नमः।

234-ॐ धरणीधराय नमः।

235-ॐ सुप्रसादाय नमः।

236-ॐ प्रसन्नात्मने नमः।

237-ॐ विश्वधृषे नमः।

238-ॐ विश्वभुजे नमः।

239-ॐ विभवे नमः।

240-ॐ सत्कर्त्रे नमः।

241-ॐ सत्कृताय नमः।

242-ॐ साधवे नमः।

243-ॐ जह्नवे नमः।

244-ॐ नारायणाय नमः।

245-ॐ नराय नमः।

246-ॐ असंख्येयाय नमः।

247-ॐ अप्रमेयात्मने नमः।

248-ॐ विशिष्टाय नमः।

249-ॐ शिष्टकृते नमः।

250-ॐ शुचये नमः।

251-ॐ सिद्धार्थाय नमः।

252-ॐ सिद्धसंकल्पाय नमः।

253-ॐ सिद्धिदाय नमः।

254-ॐ सिद्धिसाधनाय नमः।

255-ॐ वृषाहिने नमः।

256-ॐ वृषभाय नमः।

257-ॐ विष्णवे नमः।

258-ॐ वृषपर्वणे नमः।

259-ॐ वृषोदराय नमः।

260-ॐ वर्धनाय नमः।

261-ॐ वर्धमानाय नमः।

262-ॐ विविक्ताय नमः।

263-ॐ श्रुतिसागराय नमः।

264-ॐ सुभुजाय नमः।

265-ॐ दुर्धराय नमः।

266-ॐ वाग्मिने नमः।

267-ॐ महेन्द्राय नमः।

268-ॐ वसुदाय नमः।

269-ॐ वसवे नमः।

270-ॐ नैकरूपाय नमः।

271-ॐ बृहद्रूपाय नमः।

272-ॐ शिपिविष्टाय नमः।

273-ॐ प्रकाशनाय नमः।

274-ॐ ओजस्तेजोद्युतिधराय नमः।

275-ॐ प्रकाशात्मने नमः।

276-ॐ प्रतापनाय नमः।

277-ॐ ऋद्धाय नमः।

278-ॐ स्पष्टाक्षराय नमः।

279-ॐ मन्त्राय नमः।

280-ॐ चन्द्रांशवे नमः।

281-ॐ भास्करद्युतये नमः।

282-ॐ अमृतांशूद्भवाय नमः।

283-ॐ भानवे नमः।

284-ॐ शशबिन्दवे नमः।

285-ॐ सुरेश्वराय नमः।

286-ॐ औषधाय नमः।

287-ॐ जगत: सेतवे नमः।

288-ॐ सत्यधर्मपराक्रमाय नमः।

289-ॐ भूतभव्यभवन्नाथाय नमः।

290-ॐ पवनाय नमः।

291-ॐ पावनाय नमः।

292-ॐ अनलाय नमः।

293-ॐ कामघ्ने नमः।

294-ॐ कामकृते नमः।

295-ॐ कान्ताय नमः।

296-ॐ कामाय नमः।

297-ॐ कामप्रदाय नमः।

298-ॐ प्रभवे नमः।

299-ॐ युगादिकृते नमः।

300-ॐ युगावर्ताय नमः।

301-ॐ नैकमायाय नमः।

302-ॐ महाशनाय नमः।

303-ॐ अदृश्याय नमः।

304-ॐ व्यक्तरूपाय नमः।

305-ॐ सहस्रजिते नमः।

306-ॐ अनन्तजिते नमः।

307-ॐ इष्टाय नमः।

308-ॐ अविशिष्टाय नमः।

309-ॐ शिष्टेष्टाय नमः।

310-ॐ शिखण्डिने नमः।

311-ॐ नहुषाय नमः।

312-ॐ वृषाय नमः।

313-ॐ क्रोधघ्ने नमः।

314-ॐ क्रोधकृत्कर्त्रे नमः।

315-ॐ विश्वबाहवे नमः।

316-ॐ महीधराय नमः।

317-ॐ अच्युताय नमः।

318-ॐ प्रथिताय नमः।

319-ॐ प्राणाय नमः।

320-ॐ प्राणदाय नमः।

321-ॐ वासवानुजाय नमः।

322-ॐ अपां निधये नमः।

323-ॐ अधिष्ठानाय नमः।

324-ॐ अप्रमत्ताय नमः।

325-ॐ प्रतिष्ठिताय नमः।

326-ॐ स्कन्दाय नमः।

327-ॐ स्कन्दधराय नमः।

328-ॐ धुर्याय नमः।

329-ॐ वरदाय नमः।

330-ॐ वायुवाहनाय नमः।

331-ॐ वासुदेवाय नमः।

332-ॐ बृहद्भानवे नमः।

334-ॐ आदिदेवाय नमः।

335-ॐ पुरन्दराय नमः।

336-ॐ अशोकाय नमः।

337-ॐ तारणाय नमः।

338-ॐ ताराय नमः।

339-ॐ शूराय नमः।

340-ॐ शौरये नमः।

341-ॐ जनेश्वराय नमः।

342-ॐ अनुकूलाय नमः।

343-ॐ शतावर्ताय नमः।

344-ॐ पद्मिने नमः।

345-ॐ पद्मनिभेक्षणाय नमः।

346-ॐ पद्मनाभाय नमः।

347ॐ अरविन्दाक्षाय नमः।

348-ॐ पद्मगर्भाय नमः।

349-ॐ शरीरभृते नमः।

350-ॐ महर्द्धये नमः।

351-ॐ ऋद्धाय नमः।

352-ॐ वृद्धात्मने नमः।

353-ॐ महाक्षाय नमः।

354-ॐ गरुडध्वजाय नमः।

355-ॐ अतुलाय नमः।

356-ॐ शरभाय नमः।

357-ॐ भीमाय नमः।

358-ॐ समयज्ञाय नमः।

359-ॐ हविर्हरये नमः।

360-ॐ सर्वलक्षणलक्षण्याय नमः।

361-ॐ लक्ष्मीवते नमः।

362-ॐ समितिञ्जयाय नमः।

363-ॐ विक्षराय नमः।

364-ॐ रोहिताय नमः।

365-ॐ मार्गाय नमः।

366-ॐ हेतवे नमः।

367-ॐ दामोदराय नमः।

368-ॐ सहाय नमः।

369-ॐ महीधराय नमः।

370-ॐ महाभागाय नमः।

371-ॐ वेगवते नमः।

372-ॐ अमिताशनाय नमः।

373-ॐ उद्भवाय नमः।

374-ॐ क्षोभणाय नमः।

375-ॐ देवाय नमः।

376-ॐ श्रीगर्भाय नमः।

377-ॐ परमेश्वराय नमः।

378-ॐ करणाय नमः।

379-ॐ कारणाय नमः।

380-ॐ कर्त्रे नमः।

381-ॐ विकर्त्रे नमः।

382-ॐ गहनाय नमः।

383-ॐ गुहाय नमः।

384-ॐ व्यवसायाय नमः।

385-ॐ व्यवस्थानाय नमः।

386-ॐ संस्थानाय नमः।

387-ॐ स्थानदाय नमः।

388-ॐ ध्रुवाय नमः।

389-ॐ परर्द्धये नमः।

390-ॐ परमस्पष्टाय नमः।

391-ॐ तुष्टाय नमः।

392-ॐ पुष्टाय नमः।

393-ॐ शुभेक्षणाय नमः।

394-ॐ रामाय नमः।

395-ॐ विरामाय नमः।

396-ॐ विरजसे नमः।

397-ॐ मार्गाय नमः।

398-ॐ नेयाय नमः।

399-ॐ नयाय नमः।

400-ॐ अनयाय नमः।

401-ॐ वीराय नमः।

402-ॐ शक्तिमतां श्रेष्ठाय नमः।

403-ॐ धर्माय नमः।

404-ॐ धर्मविदुत्तमाय नमः।

405-ॐ वैकुण्ठाय नमः।

406-ॐ पुरुषाय नमः।

407-ॐ प्राणाय नमः।

408-ॐ प्राणदाय नमः।

409-ॐ प्रणवाय नमः।

410-ॐ पृथवे नमः।

411-ॐ हिरण्यगर्भाय नमः।

412-ॐ शत्रुघ्नाय नमः।

413-ॐ व्याप्ताय नमः।

414-ॐ वायवे नमः।

415-ॐ अधोक्षजाय नमः।

416-ॐ ऋतवे नमः।

417-ॐ सुदर्शनाय नमः।

418-ॐ कालाय नमः।

419-ॐ परमेष्ठिने नमः।

420-ॐ परिग्रहाय नमः।

421-ॐ उग्राय नमः।

422-ॐ संवत्सराय नमः।

423-ॐ दक्षाय नमः।

424-ॐ विश्रामाय नमः।

425-ॐ विश्वदक्षिणाय नमः।

426-ॐ विस्ताराय नमः।

427-ॐ स्थावरस्थाणवे नमः।

428-ॐ प्रमाणाय नमः।

429-ॐ बीजायाव्ययाय नमः।

430-ॐ अर्थाय नमः।

431-ॐ अनर्थाय नमः।

432-ॐ महाकोशाय नमः।

433-ॐ महाभोगाय नमः।

434-ॐ महाधनाय नमः।

435-ॐ अनिर्विण्णाय नमः।

436-ॐ स्थविष्ठाय नमः।

437-ॐ अभुवे नमः।

438-ॐ धर्मयूपाय नमः।

439-ॐ महामखाय नमः।

440-ॐ नक्षत्रनेमये नमः।

441-ॐ नक्षित्रिणे नमः।

442-ॐ क्षमाय नमः।

443-ॐ क्षामाय नमः।

444-ॐ समीहनाय नमः।

445-ॐ यज्ञाय नमः।

446-ॐ इज्याय नमः।

447-ॐ महेज्याय नमः।

448-ॐ क्रतवे नमः।

449-ॐ सत्राय नमः।

450-ॐ सतां गतये नमः।

451-ॐ सर्वदर्शिने नमः।

452-ॐ विमुक्तात्मने नमः।

453-ॐ सर्वज्ञाय नमः।

454-ॐ ज्ञानमुत्तमाय नमः।

455-ॐ सुव्रताय नमः।

456-ॐ सुमुखाय नमः।

457-ॐ सूक्ष्माय नमः।

458-ॐ सुघोषाय नमः।

459-ॐ सुखदाय नमः।

460-ॐ सुहृदे नमः।

461-ॐ मनोहराय नमः।

462-ॐ जितक्रोधाय नमः।

463-ॐ वीरबाहवे नमः।

464-ॐ विदारणाय नमः।

465-ॐ स्वापनाय नमः।

466-ॐ स्ववशाय नमः।

467-ॐ व्यापिने नमः।

468-ॐ नैकात्मने नमः।

469-ॐ नैककर्मकृते नमः।

470-ॐ वत्सराय नमः।

471-ॐ वत्सलाय नमः।

472-ॐ वत्सिने नमः।

473-ॐ रत्नगर्भाय नमः।

474-ॐ धनेश्वराय नमः।

475-ॐ धर्मगुपे नमः।

476-ॐ धर्मकृते नमः।

477-ॐ धर्मिणे नमः।

478-ॐ सते नमः।

479-ॐ असते नमः।

480-ॐ क्षराय नमः।

481-ॐ अक्षराय नमः।

482-ॐ अविज्ञात्रे नमः।

483-ॐ सहस्रांशवे नमः।

484-ॐ विधात्रे नमः।

485-ॐ कृतलक्षणाय नमः।

486-ॐ गभस्तिनेमये नमः।

487-ॐ सत्त्वस्थाय नमः।

488-ॐ सिंहाय नमः।

489-ॐ भूतमहेश्वराय नमः।

490-ॐ आदिदेवाय नमः।

491-ॐ महादेवाय नमः।

492-ॐ देवेशाय नमः।

493-ॐ देवभृद्गुरवे नमः।

494-ॐ उत्तरस्मै नमः।

495-ॐ गोपतये नमः।

496-ॐ गोप्त्रे नमः।

497-ॐ ज्ञानगम्याय नमः।

498-ॐ पुरातनाय नमः।

499-ॐ शरीरभूभृते नमः।

500-ॐ भोक्त्रे नमः।

501-ॐ कपीन्द्राय नमः।

502-ॐ भूरिदक्षिणाय नमः।

503-ॐ सोमपाय नमः।

504-ॐ अमृतपाय नमः।

505-ॐ सोमाय नमः।

506-ॐ पुरुजिते नमः।

507-ॐ पुरुसत्तमाय नमः।

508-ॐ विनयाय नमः।

509-ॐ जयाय नमः।

510-ॐ सत्यसंधाय नमः।

511-ॐ दाशार्हाय नमः।

512-ॐ सात्वतां पत्ये नमः।

513-ॐ जीवाय नमः।

514-ॐ विनयितासाक्षिणे नमः।

515-ॐ मुकुन्दाय नमः।

516-ॐ अमितविक्रमाय नमः।

517-ॐ अम्भोनिधये नमः।

518-ॐ अनन्तात्मने नमः।

519-ॐ महोदधिशयाय नमः।

520-ॐ अन्तकाय नमः।

521-ॐ अजाय नमः।

522-ॐ महार्हाय नमः।

523-ॐ स्वाभाव्याय नमः।

524-ॐ जितामित्राय नमः।

525-ॐ प्रमोदनाय नमः।

526-ॐ आनन्दाय नमः।

527-ॐ नन्दनाय नमः।

528-ॐ नन्दाय नमः।

529-ॐ सत्यधर्माय नमः।

530-ॐ त्रिविक्रमाय नमः।

531-ॐ महर्षये कपिलाचार्याय नमः।

532-ॐ कृतज्ञाय नमः।

533-ॐ मेदिनीपतये नमः।

534-ॐ त्रिपदाय नमः।

535-ॐ त्रिदशाध्यक्षाय नमः।

536-ॐ महाश्रृङ्गाय नमः।

537-ॐ कृतान्तकृते नमः।

538-ॐ महावराहाय नमः।

539-ॐ गोविन्दाय नमः।

540-ॐ सुषेणाय नमः।

541-ॐ कनकाङ्गदिने नमः।

542-ॐ गुह्याय नमः।

543-ॐ गभीराय नमः।

544-ॐ गहनाय नमः।

545-ॐ गुप्ताय नमः।

546-ॐ चक्रगदाधराय नमः।

547-ॐ वेधसे नमः।

548-ॐ स्वाङ्गाय नमः।

549-ॐ अजिताय नमः।

550-ॐ कृष्णाय नमः।

551-ॐ दृढाय नमः।

552-ॐ संकर्षणायाच्युताय नमः।

553-ॐ वरुणाय नमः।

554-ॐ वारुणाय नमः।

555-ॐ वृक्षाय नमः।

556-ॐ पुष्कराक्षाय नमः।

557-ॐ महामनसे नमः।

558-ॐ भगवते नमः।

559-ॐ भगघ्ने नमः।

560-ॐ आनन्दिने नमः।

561-ॐ वनमालिने नमः।

562-ॐ हलायुधाय नमः।

563-ॐ आदित्याय नमः।

564-ॐ ज्योतिरादित्याय नमः।

565-ॐ सहिष्णवे नमः।

566-ॐ गतिसत्तमाय नमः।

567-ॐ सुधन्वने नमः।

568-ॐ खण्डपरशवे नमः।

569-ॐ दारुणाय नमः।

570-ॐ द्रविणप्रदाय नमः।

571-ॐ दिवस्पृशे नमः।

572-ॐ सर्वदृग्व्यासाय नमः।

573-ॐ वाचस्पतये अयोनिजाय नमः।

574-ॐ त्रिसाम्ने नमः।

575-ॐ सामगाय नमः।

576-ॐ साम्ने नमः।

577-ॐ निर्वाणाय नमः।

578-ॐ भेषजाय नमः।

579-ॐ भिषजे नमः।

580-ॐ संन्यासकृते नमः।

581-ॐ शमाय नमः।

582-ॐ शान्ताय नमः।

583-ॐ निष्ठायै नमः।

584-ॐ शान्त्यै नमः।

585-ॐ परायणाय नमः।

586-ॐ शुभाङ्गाय नमः।

587-ॐ शान्तिदाय नमः।

588-ॐ स्रष्ट्रे नमः।

589-ॐ कुमुदाय नमः।

590-ॐ कुवलेशाय नमः।

591-ॐ गोहिताय नमः।

592-ॐ गोपतये नमः।

593-ॐ गोप्त्रे नमः।

594-ॐ वृषभाक्षाय नमः।

595-ॐ वृषप्रियाय नमः।

596-ॐ अनिवर्तिने नमः।

597-ॐ निवृत्तात्मने नमः।

598-ॐ संक्षेप्त्रे नमः।

599-ॐ क्षेमकृते नमः।

600-ॐ शिवाय नमः।

601-ॐ श्रीवत्सवक्षसे नमः।

602-ॐ श्रीवासाय नमः।

603-ॐ श्रीपतये नमः।

604-ॐ श्रीमतां वराय नमः।

605-ॐ श्रीदाय नमः।

606-ॐ श्रीशाय नमः।

607-ॐ श्रीनिवासाय नमः।

608-ॐ श्रीनिधये नमः।

609-ॐ श्रीविभावनाय नमः।

610-ॐ श्रीधराय नमः।

611-ॐ श्रीकराय नमः।

612-ॐ श्रेयसे नमः।

613-ॐ श्रीमते नमः।

614-ॐ लोकत्रयाश्रयाय नमः।

615-ॐ स्वक्षाय नमः।

616-ॐ स्वङ्गाय नमः।

617-ॐ शतानन्दाय नमः।

618-ॐ नन्दिने नमः।

619-ॐ ज्योतिर्गणेश्वराय नमः।

620-ॐ विजितात्मने नमः।

621-ॐ विधेयात्मने नमः।

622-ॐ सत्कीर्तये नमः।

623-ॐ छिन्नसंशयाय नमः।

624-ॐ उदीर्णाय नमः।

625-ॐ सर्वतश्चक्षुषे नमः।

626-ॐ अनीशाय नमः।

627-ॐ शाश्वतस्थिराय नमः।

628-ॐ भूशयाय नमः।

629-ॐ भूषणाय नमः।

630-ॐ भूतये नमः।

631-ॐ विशोकाय नमः।

632-ॐ शोकनाशनाय नमः।

633-ॐ अर्चिष्मते नमः।

634-ॐ अर्चिताय नमः।

635-ॐ कुम्भाय नमः।

636-ॐ विशुद्धात्मने नमः।

637-ॐ विशोधनाय नमः।

638-ॐ अनिरुद्धाय नमः।

639-ॐ अप्रतिरथाय नमः।

640-ॐ प्रद्युम्नाय नमः।

641-ॐ अमितविक्रमाय नमः।

642-ॐ कालनेमिनिघ्ने नमः।

643-ॐ वीराय नमः।

644-ॐ शौरये नमः।

645-ॐ शूरजनेश्वराय नमः।

646-ॐ त्रिलोकात्मने नमः।

647-ॐ त्रिलोकेशाय नमः।

648-ॐ केशवाय नमः।

649-ॐ केशिघ्ने नमः।

650-ॐ हरये नमः।

651-ॐ कामदेवाय नमः।

652-ॐ कामपालाय नमः।

653-ॐ कामिने नमः।

654-ॐ कान्ताय नमः।

655-ॐ कृतागमाय नमः।

656-ॐ अनिर्देश्यवपुषे नमः।

657-ॐ विष्णवे नमः।

658-ॐ वीराय नमः।

659-ॐ अनन्ताय नमः।

660-ॐ धनंजयाय नमः।

661-ॐ ब्रह्मण्याय नमः।

662-ॐ ब्रह्मकृते नमः।

663-ॐ ब्रह्मणे नमः।

664-ॐ ब्राह्मणे नमः।

665-ॐ ब्रह्मविवर्धनाय नमः।

666-ॐ ब्रह्मविदे नमः।

667-ॐ ब्राह्मणाय नमः।

668-ॐ ब्रह्मिणे नमः।

669-ॐ ब्रह्मज्ञाय नमः।

670-ॐ ब्राह्मणप्रियाय नमः।

671-ॐ महाक्रमाय नमः।

672-ॐ महाकर्मणे नमः।

673-ॐ महातेजसे नमः।

674-ॐ महोरगाय नमः।

675-ॐ महाक्रतवे नमः।

676-ॐ महायज्वने नमः।

677-ॐ महायज्ञाय नमः।

678-ॐ महाहविषे नमः।

679-ॐ स्तव्याय नमः।

680-ॐ स्तवप्रियाय नमः।

681-ॐ स्तोत्राय नमः।

682-ॐ स्तुतये नमः।

683-ॐ स्तोत्रे नमः।

684-ॐ रणप्रियाय नमः।

685-ॐ पूर्णाय नमः।

686-ॐ पूरयित्रे नमः।

687-ॐ पुण्याय नमः।

688-ॐ पुण्यकीर्तये नमः।

689-ॐ अनामयाय नमः।

690-ॐ मनोजवाय नमः।

691-ॐ तीर्थकराय नमः।

692-ॐ वसुरेतसे नमः।

693-ॐ वसुप्रदाय नमः।

694-ॐ वासुप्रदाय नमः।

695-ॐ वासुदेवाय नमः।

696-ॐ वसवे नमः।

697-ॐ वसुमनसे नमः।

698-ॐ हविषे नमः।

699-ॐ सद्गतये नमः।

700-ॐ सत्कृतये नमः।

701-ॐ सत्तायै नमः।

702-ॐ सद्भूतये नमः।

703-ॐ सत्परायणाय नमः।

704-ॐ शूरसेनाय नमः।

705-ॐ यदुश्रेष्ठाय नमः।

706-ॐ सन्निवासाय नमः।

707ॐ सुयामुनाय नमः।

708-ॐ भूतावासाय नमः।

709-ॐ वासुदेवाय नमः।

710-ॐ सर्वासुनिलयाय नमः।

711-ॐ अनलाय नमः।

712-ॐ दर्पघ्ने नमः।

713-ॐ दर्पदाय नमः।

714-ॐ दृप्ताय नमः।

715-ॐ दुर्धराय नमः।

716-ॐ अपराजिताय नमः।

717-ॐ विश्वमूर्तये नमः।

718-ॐ महामूर्तये नमः।

719-ॐ दीप्तमूर्तये नमः।

720-ॐ अमूर्तिमते नमः।

721-ॐ अनेकमूर्तये नमः।

722-ॐ अव्यक्ताय नमः।

723-ॐ शतमूर्तये नमः।

724-ॐ शताननाय नमः।

725-ॐ एकस्मै नमः।

726-ॐ नैकाय नमः।

727-ॐ सवाय नमः।

728-ॐ काय नमः।

729-ॐ कस्मै नमः।

730-ॐ यस्मै नमः।

731-ॐ तस्मै नमः।

732-ॐ पदायानुत्तमाय नमः।

733-ॐ लोकबन्धवे नमः।

734-ॐ लोकनाथाय नमः।

735-ॐ माधवाय नमः।

736-ॐ भक्तवत्सलाय नमः।

737-ॐ सुवर्णवर्णाय नमः।

738-ॐ हेमाङ्गाय नमः।

739-ॐ वराङ्गाय नमः।

740-ॐ चन्दनाङ्गदिने नमः।

741-ॐ वीरघ्ने नमः।

742-ॐ विषमाय नमः।

743-ॐ शून्याय नमः।

744-ॐ घृताशिषे नमः।

745-ॐ अचलाय नमः।

746-ॐ चलाय नमः।

747-ॐ अमानिने नमः।

748-ॐ मानदाय नमः।

749-ॐ मान्याय नमः।

750-ॐ लोकस्वामिने नमः।

751-ॐ त्रिलोकधृषे नमः।

752-ॐ सुमेधसे नमः।

753-ॐ मेधजाय नमः।

754-ॐ धन्याय नमः।

755-ॐ सत्यमेधसे नमः।

756-ॐ धराधराय नमः।

757-ॐ तेजोवृषाय नमः।

758-ॐ द्युतिधराय नमः।

759-ॐ सर्वशस्त्रभृतां वराय नमः।

760-ॐ प्रग्रहाय नमः।

761-ॐ निग्रहाय नमः।

762-ॐ व्यग्राय नमः।

763-ॐ नैकशृङ्गाय नमः।

764-ॐ गदाग्रजाय नमः।

765-ॐ चतुर्मूर्तये नमः।

766-ॐ चतुर्बाहवे नमः।

767-ॐ चतुर्व्यूहाय नमः।

768-ॐ चतुर्गतये नमः।

769-ॐ चतुरात्मने नमः।

770-ॐ चतुर्भावाय नमः।

771-ॐ चतुर्वेदविदे नमः।

772-ॐ एकपदे नमः।

773-ॐ समावर्ताय नमः।

774-ॐ अनिवृत्तात्मने नमः।

775-ॐ दुर्जयाय नमः।

776-ॐ दुरतिक्रमाय नमः।

777-ॐ दुर्लभाय नमः।

778-ॐ दुर्गमाय नमः।

779-ॐ दुर्गाय नमः।

780-ॐ दुरावासाय नमः।

781-ॐ दुरारिघ्ने नमः।

782-ॐ शुभाङ्गाय नमः।

783-ॐ लोकसारङ्गाय नमः।

784-ॐ सुतन्तवे नमः।

785-ॐ तन्तुवर्धनाय नमः।

786-ॐ इन्द्रकर्मणे नमः।

787-ॐ महाकर्मणे नमः।

788-ॐ कृतकर्मणे नमः।

789-ॐ कृतागमाय नमः।

790-ॐ उद्भवाय नमः।

791-ॐ सुन्दराय नमः।

792-ॐ सुन्दाय नमः।

793-ॐ रत्ननाभाय नमः।

794-ॐ सुलोचनाय नमः।

795-ॐ अर्काय नमः।

796-ॐ वाजसनाय नमः।

797-ॐ शृङ्गिणे नमः।

798-ॐ जयन्ताय नमः।

799-ॐ सर्वविज्जयिने नमः।

800-ॐ सुवर्णबिन्दवे नमः।

801-ॐ अक्षोभ्याय नमः।

802-ॐ सर्ववागीश्वरेश्वराय नमः।

803-ॐ महाहृदाय नमः।

804-ॐ महागर्ताय नमः।

805-ॐ महाभूताय नमः।

806-ॐ महानिधये नमः।

807-ॐ कुमुदाय नमः।

808-ॐ कुन्दराय नमः।

809-ॐ कुन्दाय नमः।

810-ॐ पर्जन्याय नमः।

811-ॐ पावनाय नमः।

812-ॐ अनिलाय नमः।

813-ॐ अमृतांशाय नमः।

814-ॐ अमृतवपुषे नमः।

815-ॐ सर्वज्ञाय नमः।

816-ॐ सर्वतोमुखाय नमः।

817-ॐ सुलभाय नमः।

818-ॐ सुव्रताय नमः।

819-ॐ सिद्धाय नमः।

820-ॐ शत्रुजिते नमः।

821ॐ शत्रुतापनाय नमः।

822-ॐ न्यग्रोधाय नमः।

823-ॐ उदुम्बराय नमः।

824-ॐ अश्वत्थाय नमः।

825-ॐ चाणूरान्ध्रनिषूदनाय नमः।

826-ॐ सहस्रार्चिषे नमः।

827-ॐ सप्तजिह्वाय नमः।

828-ॐ सप्तैधसे नमः।

829-ॐ सप्तवाहनाय नमः।

830-ॐ अमूर्तये नमः।

831-ॐ अनघाय नमः।

832-ॐ अचिन्त्याय नमः।

833-ॐ भयकृते नमः।

834-ॐ भयनाशनाय नमः।

835-ॐ अणवे नमः।

836-ॐ बृहते नमः।

837-ॐ कृशाय नमः।

838-ॐ स्थूलाय नमः।

839-ॐ गुणभृते नमः।

840-ॐ निर्गुणाय नमः।

841-ॐ महते नमः।

842-ॐ अधृताय नमः।

843-ॐ स्वधृताय नमः।

844-ॐ स्वास्याय नमः।

845-ॐ प्राग्वंशाय नमः।

846-ॐ वंशवर्धनाय नमः।

847-ॐ भारभृते नमः।

848-ॐ कथिताय नमः।

849-ॐ योगिने नमः।

850-ॐ योगीशाय नमः।

851-ॐ सर्वकामदाय नमः।

852-ॐ आश्रमाय नमः।

853-ॐ श्रमणाय नमः।

854-ॐ क्षामाय नमः।

855-ॐ सुपर्णाय नमः।

856-ॐ वायुवाहनाय नमः।

857-ॐ धनुर्धराय नमः।

858-ॐ धनुर्वेदाय नमः।

859-ॐ दण्डाय नमः।

860-ॐ दमयित्रे नमः।

861-ॐ दमाय नमः।

862-ॐ अपराजिताय नमः।

863-ॐ सर्वसहाय नमः।

864-ॐ नियन्त्रे नमः।

865-ॐ अनियमाय नमः।

866-ॐ अयमाय नमः।

867-ॐ सत्त्ववते नमः।

868-ॐ सात्त्विकाय नमः।

869-ॐ सत्याय नमः।

870-ॐ सत्यधर्मपरायणाय नमः।

871-ॐ अभिप्रायाय नमः।

872-ॐ प्रियार्हाय नमः।

873-ॐ अर्हाय नमः।

874-ॐ प्रियकृते नमः।

875-ॐ प्रीतिवर्धनाय नमः।

876-ॐ विहायसगतये नमः।

877-ॐ ज्योतिषे नमः।

878-ॐ सुरुचये नमः।

879-ॐ हुतभुजे नमः।

880-ॐ विभवे नमः।

881-ॐ रवये नमः।

882-ॐ विरोचनाय नमः।

883-ॐ सूर्याय नमः।

884-ॐ सवित्रे नमः।

885-ॐ रविलोचनाय नमः।

886-ॐ अनन्ताय नमः।

887-ॐ हुतभुजे नमः।

888-ॐ भोक्त्रे नमः।

889-ॐ सुखदाय नमः।

890-ॐ नैकजाय नमः।

891-ॐ अग्रजाय नमः।

892-ॐ अनिर्विण्णाय नमः।

893-ॐ सदामर्षिणे नमः।

894-ॐ लोकाधिष्ठानाय नमः।

895-ॐ अद्भुताय नमः।

896-ॐ सनातनाय नमः।

897-ॐ सनातनतमाय नमः।

898-ॐ कपिलाय नमः।

899-ॐ कपये नमः।

900-ॐ अव्ययाय नमः।

901-ॐ स्वस्तिदाय नमः।

902-ॐ स्वस्तिकृते नमः।

903-ॐ स्वस्तये नमः।

904-ॐ स्वस्तिभुजे नमः।

905-ॐ स्वस्तिदक्षिणाय नमः।

906-ॐ अरौद्राय नमः।

907-ॐ कुण्डलिने नमः।

908-ॐ चक्रिणे नमः।

909-ॐ विक्रमिणे नमः।

910-ॐ ऊर्जितशासनाय नमः।

911-ॐ शब्दातिगाय नमः।

912-ॐ शब्दसहाय नमः।

913-ॐ शिशिराय नमः।

914-ॐ शर्वरीकराय नमः।

915-ॐ अक्रूराय नमः।

916-ॐ पेशलाय नमः।

917-ॐ दक्षाय नमः।

918-ॐ दक्षिणाय नमः।

919-ॐ क्षमिणां वराय नमः।

920-ॐ विद्वत्तमाय नमः।

921-ॐ वीतभयाय नमः।

922-ॐ पुण्यश्रवणकीर्तनाय नमः।

923-ॐ उत्तारणाय नमः।

924-ॐ दुष्कृतिघ्ने नमः।

925-ॐ पुण्याय नमः।

926-ॐ दु:स्वप्ननाशनाय नमः।

927-ॐ वीरघ्ने नमः।

928-ॐ रक्षणाय नमः।

929-ॐ सद्भ्यो नमः।

930-ॐ जीवनाय नमः।

931-ॐ पर्यवस्थिताय नमः।

932-ॐ अनन्तरूपाय नमः।

933-ॐ अनन्तश्रिये नमः।

934-ॐ जितमन्यवे नमः।

935-ॐ भयापहाय नमः।

936-ॐ चतुरश्राय नमः।

937-ॐ गभीरात्मने नमः।

938-ॐ विदिशाय नमः।

939-ॐ व्यादिशाय नमः।

940-ॐ दिशाय नमः।

941-ॐ अनादये नमः।

942-ॐ भूर्भुवे नमः।

943-ॐ लक्ष्म्यै नमः।

944-ॐ सुवीराय नमः।

945-ॐ रुचिराङ्गदाय नमः।

946-ॐ जननाय नमः।

947-ॐ जनजन्मादये नमः।

948-ॐ भीमाय नमः।

949-ॐ भीमपराक्रमाय नमः।

950-ॐ आधारनिलयाय नमः।

951-ॐ धात्रे नमः।

952-ॐ पुष्पहासाय नमः।

953-ॐ प्रजागराय नमः।

954-ॐ उर्ध्वगाय नमः।

955-ॐ सत्पथाचाराय नमः।

956-ॐ प्राणदाय नमः।

957-ॐ प्रणवाय नमः।

958-ॐ पणाय नमः।

959-ॐ प्रमाणाय नमः।

960-ॐ प्राणनिलयाय नमः।

961-ॐ प्राणभृते नमः।

962-ॐ प्राणजीवनाय नमः।

963-ॐ तत्त्वाय नमः।

964-ॐ तत्त्वविदे नमः।

965-ॐ एकात्मने नमः।

966-ॐ जन्ममृत्युजरातिगाय नमः।

967-ॐ भुर्भुवः स्वस्तरवे नमः।

968-ॐ ताराय नमः।

969-ॐ सवित्रे नमः।

970-ॐ प्रपितामहाय नमः।

971-ॐ यज्ञाय नमः।

972-ॐ यज्ञपतये नमः।

973-ॐ यज्वने नमः।

974-ॐ यज्ञाङ्गाय नमः।

975-ॐ यज्ञवाहनाय नमः।

976-ॐ यज्ञभृते नमः।

977-ॐ यज्ञकृते नमः।

978-ॐ यज्ञिने नमः।

979-ॐ यज्ञभुजे नमः।

980-ॐ यज्ञसाधनाय नमः।

981-ॐ यज्ञान्तकृते नमः।

982-ॐ यज्ञगुह्याय नमः।

983-ॐ अन्नाय नमः।

984-ॐ अन्नादाय नमः।

985-ॐ आत्मयोनये नमः।

986ॐ स्वयंजाताय नमः।

987-ॐ वैखानाय नमः।

988-ॐ सामगायनाय नमः।

989-ॐ देवकीनन्दनाय नमः।

990-ॐ स्रष्ट्रे नमः।

991-ॐ क्षितीशाय नमः।

992-ॐ पापनाशनाय नमः।

993-ॐ शंखभृते नमः।

994-ॐ नन्दकिने नमः।

995-ॐ चक्रिणे नमः।

996-ॐ शार्ङ्गधन्वने नमः।

997-ॐ गदाधराय नमः।

998-ॐ रथाङ्गपाणये नमः।

999-ॐ अक्षोभ्याय नमः।

1000-ॐ सर्वप्रहरणायुधाय नमः।

।।ॐ नमः।।

*पाठान्तर

Related topics-

जीवन पथ कार्य व्यवसाय life path work business

Tuesday, September 10, 2024

जीवनमुक्त प्रार्थना jeevan mukt prarthana








 


जीवनमुक्त प्रार्थना


हे ज्योतिर्मय! हे शुद्ध बुद्ध मुक्त स्वभाव! हमारा प्रणाम स्वीकार हो।

हे प्रभु मनुष्य अपनी जीवनयात्रा में आवश्यकताओं, इच्छाओं में बंधा रहता है। जिनके कारण मनुष्य इस संसार में तरह-तरह के कर्म करता है, भटकता है, भ्रमित होता है और दुःख भोगता है।

जो इच्छा हमारी उन्नति कराए, हमें आपका प्रेम दे सके, जिससे-हमारे अंदर शांति आ सके, हम अपना और दूसरों का उद्धार कर सकें, उस इच्छा शक्ति को आप हमें प्रदान कीजिए। 

हे प्रभु! आप हमें वह सुबुद्धि प्रदान कीजिए, जिसके प्रकाश में हम उचित निर्णय लेकर उत्तम पथ पर अग्रसर हो सकें। 

हे प्रभु! ऐसी सुमति प्रदान कीजिए कि हम अच्छे-बुरे का भेद कर सकें और सत्कर्म की शक्ति हमारे अंदर बनी रहे।

हे नारायण! आप ऐसी कृपा करें कि जिससे जीवन के अंतिम भाग तक यह शरीर कर्मशील बना रहे, कर्मठ बना रहे, सेवा करता रहे, लेकिन सेवा कराए नहीं। सदैव चेहरे पर मुस्कान, माथे पर शीतलता और वाणी में माधुर्य बना रहे।

हे दाता! इतना धन-समृद्धि प्रदान करना कि ये हाथ कभी दूसरों के आगे फैले नहीं और हमारे कार्य पूर्ण रहें।

हे प्रभु! आंखों में ऐसी प्रेम दृष्टि देना जिससे कि हम द्वेष और घृणा से ऊपर उठकर जी सकें। हम कभी भी वैर के बीज को संसार में फैलाएं नहीं। 

जहाँ भी जाएं शांति की सुखद छाया चारों ओर फैला सकें। ऐसा हमें आशीर्वाद प्रदान करें।

आपसे हमारी यही विनती है। इसे स्वीकार करें।


।।ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।


Saturday, July 6, 2024

देवताओं का पूजनक्रम और उनसे प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ The order of worship of the gods and the main benefits derived from them

 


देवताओं का पूजनक्रम और उनसे प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ
The order of worship of the gods and the main benefits derived from them

गन्ध,पुष्प,धूप,दीप,नैवेद्य आदि अर्पित करने से होने वाले लाभ
Benefits of offering fragrance, flowers, incense, lamps, offerings etc



कहा गया है कि "देवो भूत्वा देवं यजेत्"देवता की तरह बनकर देवता की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
अर्थात् चित्त के द्वारा उस आराध्य देव की छवि अपने हृदय में धारण करके आराध्य देव की पूजा अर्चना की जाय तो वह पूजा विशेष फल देने वाली होती है।


हमारे आराध्य देव हमारी किसी भी सेवा को यूँही नही लेते हैं हम जो भी वस्तु उनको अर्पण करते हैं या चढ़ाते हैं, उसका भी फल प्राप्त होता है।


हम नित्य पूजनादि में देवताओं को वस्त्र,फलादि वस्तुएं अर्पण करते हैं।इनका एक क्रम होता है तो आइए जानते हैं कि उनसे प्राप्त होने वाले लाभ/फल क्या है?


सर्वप्रथम हम पूजन की तैयारी करने के बाद आराध्य देव का ध्यान आवाहन करते हैं-


1-ध्यान/आवाहन-देवसानिध्य।
देवता की मूर्ति को अपने ह्रदय में धारण करते हुए उन्हें पूजन हेतु निमंत्रित किया जाना आवाहन कहलाता है, इससे देवता का सानिध्य प्राप्त होता है।


2-आसन-स्थिरता की प्राप्ति।आवाहन के पश्चात देवता को सामने उपस्थित आसन पर स्थित होने की प्रार्थना करनी चाहिए,इससे स्थिरता की प्राप्ति होती है।


3-पाद्य- अर्थात् देवता के स्वागत हेतु उनके पादप्रक्षालन से पातक नष्ट होते हैं।


4-अर्घ्य-अनर्घ्य अर्थात् मन की दुविधा को मिटाता है।


5-आचमन -सुचित्त सुखी,आंच मन की मिटती है,अर्थात् मन के क्लेश मिटते हैं।


6-स्नान-मल नाश अर्थात् व्याधि हरण।


7-वस्त्र-आराध्य देव के निमित्त वस्त्र अर्पित करने से आयुष्य वर्धन होता है।


8-उपवीत-अर्थात् यज्ञोपवीत आराध्य देव को अर्पित करने से ब्रह्मवेत्ता होता है या ईश्वर के सानिध्य का मार्ग प्रशस्त होता है। 


9-आभूषण-अर्पित करने से धन और ऐश्वर्य प्राप्ति होती है।


10-गन्ध-रोली,चन्दन, कुमकुम, इत्र आदि के अर्पण करने से काम अर्थात् मनोकामना पूर्ति होती है।


11-अक्षत-आराध्य देव को अक्षत(साबुत चावल)अर्पित करने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।


12-नाना पुष्प-आराध्य देव को विभिन्न प्रकार के पुष्प अर्पित करने से राज्य और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।


13-धूप-आराध्य देव को उत्तम औषधियों से निर्मित सुगंधित धूप अर्पित करने से पापों का नाश होता है।


14-दीप-दीपो मृत्युविनाशनः अर्थात् अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश होता है।


15-नैवेद्य-"सर्वमानस्तु तृप्तिरतोभवेत्"अर्थात् फल मिष्ठान आदि अर्पण करने से तृप्ति की अनुभूति होती है,और समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है।


16-ताम्बूल-अर्थात् पान सुपाड़ी लौंग इलायची आदि के अर्पण करने से कीर्ति या प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है।


17-दक्षिणा-द्रव्य अर्थात् धन के रूप में दक्षिणा अर्पण करने से पूर्ति की प्राप्ति होती है,इससे पूजन पूर्ण होता है।


18-नीराजन-तत्पश्चात आराध्य देव की आरती करने से आत्मशुद्धि होती है।


19-प्रदक्षिणा-पुनः आराध्य देव की प्रदक्षिणा करने से पापों का हरण हो जाता है,मन में पापों के कारण उत्पन्न क्षोभ मिट जाता है।


20-दण्डप्रणाम-अपने आप को आराध्य देव को प्रणाम करके समर्पित करने से  देव का सानिध्य प्राप्त हो जाता है।


21-स्तोत्र और पुराणादि पठन-पुनः आराध्य देव के निमित्त स्तुति आदि करने से सर्वपापक्षय होकर मन निर्मल हो जाता है।


इस प्रकार जाने-अनजाने पूजन में की गई कोई भी वस्तु अर्पण करने पर उसका फल प्राप्त होता है।
हमें श्रद्धा भाव से नित ही प्रभु का पूजन करना चाहिए।

On YouTube channel-

Related topics-● मङ्गल दोष विवेचना mangal dosha


राशि के अनुसार वृक्षारोपणPlanting trees according to zodiac sign

 राशि के अनुसार वृक्षारोपण



अपने अनुकूल वृक्षारोपण करके अपने जीवन को उन्नति की ओर अग्रसर करें और पर्यावरण संरक्षण भी।


पंचतत्वों का संतुलन ही जीवन है,और पृथ्वी पर जीवन का आधार है जल। अब जहाँ जल है वहीं वृक्ष हैं या जहाँ वृक्ष हैं वहीं जल है।
हमारे पास पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रकृति प्रदत्त सबसे अनमोल उपहार है वृक्ष।
और जिस प्रकार हम विकास के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं, निश्चित रूप से हमें प्रकृति की ओर वापस आना होगा।
वृक्ष जहाँ-जहाँ कम होते जाएंगे जल भी वहाँ हमसे दूर होता जाएगा।


इसलिए हमें वृक्ष लगाने पर ध्यान देना होगा......
हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एक पीपल, एक बरगद, दस इमली, तीन कैथा, बेल और आंवले तथा पांच आम के वृक्ष लगाने पर मनुष्य नरक का दर्शन नहीं करता अतः प्रत्येक व्यक्ति को वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए -


अश्वत्थमेकं पिचुमन्दमेकं न्यग्रोधमेकं दशचिंचिनीकम्।
कपित्थविल्वामलकत्रयं च पंचाम्रवापी नरकं न पश्येत्।।


ग्रह-नक्षत्रों की गति के प्रभाव से मानव जीवन प्रतिपल संचालित होता है जिसका प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का होता है। नकारात्मक प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं, कहीं मंत्र जप की सलाह दी जाती है, तो कहीं रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, तो कहीं पर छोटे-छोटे टोटके अपनाए जाते हैं। इनके अलावा और उपाय भी हैं, जिनके प्रयोग से ग्रहों से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है, और अपने जीवन को उन्नत बनाया जा सकता है। इन्ही में से एक आसान उपाय है-वृक्षारोपण। वृक्षों से पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है, साथ ही वे हमारी दिनचर्या पर भी अच्छा प्रभाव डालते हैं।
अनन्तकाल से ज्योतिष विज्ञान ग्रह-नक्षत्र, प्रकृति और पर्यावरण से तालमेल बनाकर मनुष्य के लिए सुखी जीवन की राह प्रशस्त कर रहा है। जीवनपर्यन्त वृक्ष किसी न किसी रूप में मनुष्य को लाभ पहुंचाते रहते हैं। 


आज हम जानतें हैं कि आपकी राशि के अनुसार कौन-सा पौधा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, यदि आप अपने घर-आंगन या उचित स्थान पर अपनी राशि अनुसार ये वृक्ष लगाएंगे तो आपको इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
ये पौधे आपके जीवन में आने वाली परेशानियां को दूर कर सकते हैं।


कहा जाता है कि एक वृक्ष 10 लोगों के जीवन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन(प्राणवायु) दे सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जन्म राशि के अनुकूल वृक्ष लगाना बेहद सौभाग्यशाली होता है।


द्वादश राशियों के लिए कौन-से वृक्ष लगाने से पुण्य लाभ के साथ पर्यावरण की रक्षा होगी, इस प्रकार है......


1- मेष राशि के जातकों को लाल चंदन, अनार, नीबू, तुलसी, आंवला, आम और खैर का पेड़ लगाना चाहिए।


2-वृष राशि के जातकों को गूलर, चमेली, नीबू, अशोक, जामुन और पलास के पेड़ लगाने चाहिए।


3-मिथुन राशि के जातकों को अपामार्ग, आम, कटहल, अंगूर, बेल, बांस, बरगद और गुलाब के पौधे लगाना चाहिए।


4-कर्क राशि के जातकों को पलाश, सफ़ेद गुलाब, चांदनी, मोगरा, आंवला, पीपल और गेंदा के पेड़ लगाने चाहिए।


5-सिंह राशि के जातकों को अपामार्ग, लाल गुलाब, लाल गेंदा, जामुन, बरगद और लाल चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


6-कन्या राशि के जातकों को अपामार्ग, आम, कटहल, अंगूर, बेल, अमरूद, बेल और गुलाब के पौधे लगाना चाहिए।


7-तुला राशि के जातकों को गूलर,चमेली, नीबू, मौलसिरी, अर्जुन, चीकू और पलास के पेड़ लगाने चाहिए।


8-वृश्चिक राशि के जातकों को लाल चंदन, अनार, नीबू, तुलसी, नीम और खैर का पेड़ लगाना चाहिए।


9-धनु राशि के जातकों को पीपल, बरगद, पपीता, कदम्ब और चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


10-मकर राशि के जातकों को शमी, तुलसी,सतावर, कटहल और अमरुद का पेड़ लगाना चाहिए।


11-कुंभ राशिके जातकों को शमी, तुलसी,सतावर,आम और अमरुद का पेड़ लगाना चाहिए।


12-मीन राशि के जातकों को पीपल, बरगद, पपीता, नीम और चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी पौधों का बहुत महत्व है।जिनकी पूजा करके, उनकी जड़ों का प्रयोग करके,उनकी समिधाओं के हवनादि के द्वारा हम पर्यावरण संरक्षण के साथ ही साथ ग्रहों को अपने अनुकूल करके लाभ ले सकते हैं।

On Youtube-


Related topics-


कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace

कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त  Mantra theory for suffering peace संसार की समस्त वस्तुयें अनादि प्रकृति का ही रूप है,और वह...