Pages

Thursday, November 25, 2021

जीवन पथ कार्य व्यवसाय life path work business

जीवन पथ कार्य व्यवसाय 
life path work business

इसी क्रम में आज हम ग्रहों से संबंधित कार्य व्यवसाय विषयक जानकारी को आगे बढ़ाते हुए बात करते हैं।
ग्रह जनित संरचना योगानुयोग दृष्टि संबंधी भाव वर्ग संख्या विशेष अनुसार ग्रहों के प्रभाव उत्पादक कार्य विषय का चयन कर व्यक्ति अपना भावी कैरियर-कार्य व्यवसाय का निर्धारण करने में सक्षम बन पाता है और अपने अपने क्षेत्र में कार्य योजना निर्धारित कर जीवन यापन का मार्ग तय कर सकते हैं।

इसमें दशम राज्य भावेश दशमेश एवं दशम भाव पर ग्रह दृष्टि दशम स्थान पर किन ग्रहों का अस्तित्व विशेषकर है यह विचारणीय विषय है दशम स्थान पाप ग्रह अवलोकित दुष्कर कार्य योजना से धनोपार्जन प्रदायक एवं शुभ ग्रह अवलोकन शुभ पुण्यद सुखद कार्य से धनोपार्जन में योगदान प्रदान करता है। कई व्यक्ति अपने क्षेत्र में विपुल धनसंपदा प्राप्त कर के यशस्वी बनते हैं तथापि विशेषकर इस यश संपदा से वंचित ही प्रतीत होते हैं इस विषय हेतु दशम भाव लाभेश लग्नेश पराक्रमेश भाग्येश धनेश की भाव स्थित रचना पर गहनता से विश्लेषण कर विचार विमर्श करना योग्य समाधान सूचक सूत्र भी स्पष्ट है इस संदर्भ प्रकरण में ग्रह जनित कार्य गुणधर्म व्यवसाय पर शास्त्रोक्त एवं स्वानुभवगत सुतथ्य ज्योतिष अनुरागियों हेतु प्रस्तुत हैं।



सूर्य:- पुलिस विभाग, आरक्षी नायक, गुप्तचर, अपराध नियंत्रण निदेशक, विविध खेल खिलाड़ी, सेना-विभिन्न पदों पर नायक, वकालत, औषध निर्माण, विशेष जीवनीय औषध रचना, चिकित्सक, चाय-बागान-चाय काफी उद्योग, ऊनी वस्त्र, स्वर्णकारी, फोटोग्राफर, ठेकेदारी, जंगलात कार्य, भू खनिज कार्य-सर्वेक्षण, वन विभागीय कार्य, राजकीय सेवा-विशेष पदाधिकार, विज्ञान-अनुसंधान-शोध कार्य, पी.एच.डी., अंग्रेजी भाषा, अर्थशास्त्र,शिल्पशास्त्र, चिकित्सा शास्त्र, भूगर्भ शास्त्र, प्रशासनिक राज्य शासन पद, गवर्नर, मंत्री प्रेसिडेंट,  उच्च अभियंता, निदेशक-शासक, इमारती लकड़ी, टिंबर, फर्नीचर, बिजली कार्य-इलेक्ट्रॉनिक, जवाहरात कार्य, जल संवहन जहाज कार्य तथा लाल वस्तु तांबा धातु सुयोग प्रदायक।

चन्द्र:- सुलेखन, अभिनय-अभिनेता, कवि, साहित्यकार, फिल्म निर्माण, टी.वी. सीरियल कार्य, अनुसंधान सिंचाई विभाग कार्य, कृषि कार्य, मछली उद्योग, जौहरी, जल तरल कार्य पदार्थ, जल सेना विभाग, रंग रसायन, मादक पदार्थ-शराब उद्योग, शरबत, दूध, दही, डीजल-पेट्रोल, वाहन चालक, होटल, रेस्टोरेंट, नित्य उपयोगी खाद्य पदार्थ विक्रय-निर्माण, इत्र-सुगंधी कार्य, मिष्ठान कार्य, स्त्री उपयोगी सामान निर्माण, पशुपालन, डेयरी कार्य, वनस्पतिशास्त्र, पदार्थ विज्ञान, मौसम विज्ञान, नर्स-कंपाउंडर, कागज, शक्कर, घी, मोती, चांदी धातु सुयोग प्रदायक।

मङ्गल:- आलोचक, पत्रकार, संवाददाता, लेखक, गणितज्ञ, इंजीनियर, वैद्य, डॉक्टर, शल्य-सर्जरी चिकित्सक, शौर्य-पुरुषार्थ कार्य, जादूगर, पुलिस अधिकारी-आरक्षी नायक, दार्शनिक, फोटोग्राफी, बेकरी, अग्नि समीप कार्य कारक, बिजली वस्तु क्रय-विक्रय, भूगर्भ खनिज कार्य, भूमि भवन निर्माण-बिल्डर्स, किराया, सूद ब्याज कार्य, मांस विक्रय, आतिश वस्तु पटाखा निर्माण, कृषि कर्म, जमीन जायदाद क्रय-विक्रय, खेल-खिलाड़ी खेल वस्तु प्रसाधन निर्माण, होटल व्यवसाय, तथा गणित-इतिहास-रसायन-इंजीनियर- भूगर्भ खनिज-गृह शास्त्र-भूगोल।
बुध:- परिवहन संचार-यातायात, ऑडिटर, पोस्ट विभाग, कोरियर सेवा, रिसर्च शोध-स्कॉलर, संपादन रिपोर्टर, टाइपिस्ट, कंप्यूटर सेवा, शेयर मार्केट का कार्य, कमीशन एजेंट-दलाल, वकील, बैंक-बीमा, मनोविज्ञान, लेनदेन, धन संपदा  विनियोजक, लेखा अधिकारी, मुद्रक, क्लर्क, स्टेशनरी, राजदूत, अकाउंटेंट, साहित्यकार, प्रोफ़ेसर, प्राचार्य, अध्यापन-कोचिंग क्लासेज, आमोद प्रमोद खेल सामान, प्रकाशन, पर्यटन-यातायात, ट्रैफिक-डिजाइनर, मैनेजमेंट-व्यवस्थापन- मैनेजर, नक्शा नवीस, तंबाकू-घड़ी-टेलीविजन- ब्रोकरशिप-इंजीनियर आदि कार्यधारक।

गुरु:- उपदेशक, आचार्य, मठाधीश, महंत, दार्शनिक, कथावाचक, अध्यापन, कोचिंग क्लास, वकील, न्यायाधीश, कानून वेत्ता, न्यायालय विभागीय कार्य, राजनेता, नायक- लीडरशिप, राजनीतिज्ञ, समाज सेवक, धर्माचार्य-पुजारी, परिवहन-यातायात कार्य, रसायनवेत्ता, टैक्स सलाहकार, टैक्स विभागीय सेवा कार्य, औषध विज्ञाता एवं निर्माता, सुवक्ता, लेन-देन-सूद-ब्याज-किराया आमद, राजदूत, एम.पी., एम.एल.ए.,  प्रशासकीय पद विशेष नायक, नीति निर्णायक, योजना प्रदायक, तथा आर्थिक वित्त नीति रीति व्यवहार समायोजक कार्य, स्वर्ण, फल आयात निर्यात, मोम,शहद, पीले रंग की वस्तु व्यवसाय, सुयोग प्रदायक तथा शोध विषयक पी.एच.डी. उपाधि विभूषित होने का संयोग भी बने।

शुक्र:- राजनीतिज्ञ, निदेशक, सेक्रेटरी, अभिनेता, सरपंच, पटवारी, प्रधान, चित्रकारी, दूरदर्शन, टी.वी.-चलचित्र-सिनेमा, वीडियो फिल्म, फोटोग्राफी, न्यायाधीश, ठेकेदारी, स्वर संगीत शिक्षक, गायक वाद्य यंत्र सामान्य निर्माता-विक्रेता, वस्त्र बुनकर कार्य, डिजाइनर, मुनीम, समाज सेवक, नाट्य कला, अभिनय, फिल्म निर्माण, इनकम टैक्स-सेल टैक्स वकील, पायलट, ड्राइवर, विविध वाहन चालक, सोना-चांदी सराफा कार्य, कवि, विदेशी मुद्रा कार्य, रेडीमेड वस्त्र, वस्त्र व्यवसाय विशेषज्ञ, फल व्यापार, शेयर मार्केट कार्य, सुगंध श्रृंगार वस्तु कार्य क्रय-विक्रय एवं निर्माण-फैंसी प्रसाधन-दूरसंचार सेवा-मोबाइल सर्विस आदि कार्य धारक बनते हैं।

शनि:- भाषाविद, दुभाषिया कार्य, लेखन, समाज सेवा, गाइड, निर्माता, बिल्डर्स, भू-खनिज संपदा कार्य, राजदूत, कैशियर, निदेशक, वकील, रोड निर्माण कार्य, ठेकेदारी, पब्लिक सर्विस कार्य, श्रम विभाग कार्य, जमीन लेनदेन, कृषि यंत्र निर्माण तथा विक्रय, लोहा-वेल्डिंग कार्य,  विविध यंत्र, मशीनरी, रेलवे ठेकेदारी, सप्लायर, मैकेनिकल इंजीनियर, विद्युत विभाग सेवा, बिजली सामान, पंप-मोटर-गैस कार्य, मुद्रण कला, भवन निर्माण, स्वतंत्र एवं शासकीय ठेकेदारी, श्रमिक नेता आदि कार्य, श्रीकार तथा चर्म उद्योग, मुर्गी पालन, पोल्ट्री फार्म, हाथी दांत कार्य, लोहा, कोयला, पेट्रोल-डीजल-चमड़ा, गैस-ईंधन, सीमेंट, लोहा-सरिया तथा रिफाइनरी, नर्सरी, टेलरिंग, हथकरघा-वीविंग बुनाई वस्त्र मिल विषयक कार्य व्यवसाय भी धारक श्रीकार बनते हैं।

राहु-केतु:- छाया ग्रहों का प्रभाव भी जातक के जीवन शैली कार्य रचना उद्योग व्यवसाय पर प्रभावी बनता है इनके मूल प्रभाव अनुसार विमान सेवा, विद्युत, मोबाइल, टेलीफोन, दूरसंचार, शोध-गवेषणा कार्य, प्राणरक्षक विशेष औषध निर्माण करना बनता है। यह राजनीतिज्ञ राजनेता बनाने में भी क्षमता रखता है।विषय निर्धारण चयन में ऊपर बताए गए ग्रहों का दशमेश से संबंध व अन्य भाव स्वामियों से संबंध आदि का विचार करके निर्णय लेना योग्य रहता है तथा सर्जरी-मंत्र- कूटनीति-गुप्त अंग शास्त्र-रतिशास्त्र-कॉमर्स- शिल्प-सर्जरी आदि कार्य व्यवसाय भी धारक रहते हैं राहु केतु भी जिस ग्रह भाव से संबंध शील बने उसका भी प्रभाव स्पष्ट बन पाता है।

पदोन्नति पक्ष सुयोग

शासकीय सेवारत व्यक्ति की यह मनोकामना होती है कि वह पदोन्नति प्राप्त करें और मानक जीवन स्तर प्राप्त करके मान प्रतिष्ठा में अभिवृद्धि ले।
ज्योतिष फलित नियामक के अनुसार यदि जन्मपत्रिका में शुभ एवं प्रभावी ग्रह दशम स्थान भाव एवं दशमेश अथवा सूर्य से संबंध स्थापित करें तो वे शुभ प्रभावी ग्रह जातक के लिए अपनी दशा अंतर्दशा में उन्नति कारक सिद्ध होते हैं। इसी विषयक भाव प्रतिफल स्पष्टता यह भी कि.. 

◆ दशमेश स्वगृही उच्च आदि बली स्थित में केंद्र या त्रिकोण भाव में स्थित होवें।
दशमेश अन्य सुयोग प्रदायक ग्रह के साथ अनुकूल स्थिति में निर्दोष रूप से स्थित हो
◆ लग्नेश लग्नपति दशम भाव अथवा दशमेश के साथ स्वगृही हो या उच्च राशि का हो
स्वराशि उच्च राशि स्थित सूर्य जी पदोन्नति प्रदायक अपनी दशा अंतर्दशा में पदोन्नति प्रदान करता है।
◆ भाग्येश दशमेश की युति अथवा अपनी मित्र उच्च स्वराशि की रचना स्थिति दशा अंतर्दशा में उन्नति प्रदायक।
◆ जन्मपत्रिका में दशम भाव अथवा दशमेश से लग्नेश युति करता हो अथवा पंचम नवम भाव में स्थित हो तो गोचर में लग्नेश के दशम भाव अथवा दशमेश से त्रिकोण भाव में आने पर अनुकूल उन्नति योग बने।
◆ गुरु दशम भाव अथवा दशमेश से युति या त्रिकोण भाव से संबंध स्थापित करता हो तथा बली वर्ग का हो तो गोचर में त्रिकोण स्थित बनने पर भी पदोन्नति योग बनते हैं।

इसे यूट्यूब चैनल पर देखें-जीवन पथ कार्य व्यवसाय

Related topics:-

◆ कुण्डली के द्वादश भाव और उनके विचारणीय विषय Twelfth house of horoscope and their topics to consider

◆ व्रत और उपवास vrat aur upavaas

No comments:

Post a Comment