सच और झूठ की कहानी
एक बार सच और झूठ दोनों एक नदी के किनारे आ मिलते हैं, दोनों ने एक दूसरे का हाल चाल पूछा, फिर विचार किया कि नदी में स्नान कर लें।
दोनों ने अपने कपड़े किनारे रखे और स्नान करने लगे।झूठ थोड़ा पहले ही निकल आया और सच के कपड़े पहन कर चला गया।
थोड़ी देर बाद जब सच नदी से बाहर आया तो देखा उसके कपड़े गायब थे।अब वो क्या करे?वो झूठ के कपड़े तो पहन नही सकता था।
कहा जाता है कि तभी से सच नंगा है, वो किसी के सामने नही जा सकता।यदि जाता भी है तो लोग उसे स्वीकार नहीं कर पाते उल्टे उसे ही अशिष्ट आदि न जाने कितने नामों से पुकारते हैं।
और उधर झूठ सच के कपड़े पहनने के बाद लोगों के बीच बड़े ठाठ से जाता और लोग उसकी बात भी मानते।
वास्तव में हमारे जीवन में यही हो रहा है।
क्या आपके साथ भी तो ऐसा नहीं हो रहा?
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Story of truth and lies
एक बार सच और झूठ दोनों एक नदी के किनारे आ मिलते हैं, दोनों ने एक दूसरे का हाल चाल पूछा, फिर विचार किया कि नदी में स्नान कर लें।
दोनों ने अपने कपड़े किनारे रखे और स्नान करने लगे।झूठ थोड़ा पहले ही निकल आया और सच के कपड़े पहन कर चला गया।
थोड़ी देर बाद जब सच नदी से बाहर आया तो देखा उसके कपड़े गायब थे।अब वो क्या करे?वो झूठ के कपड़े तो पहन नही सकता था।
कहा जाता है कि तभी से सच नंगा है, वो किसी के सामने नही जा सकता।यदि जाता भी है तो लोग उसे स्वीकार नहीं कर पाते उल्टे उसे ही अशिष्ट आदि न जाने कितने नामों से पुकारते हैं।
और उधर झूठ सच के कपड़े पहनने के बाद लोगों के बीच बड़े ठाठ से जाता और लोग उसकी बात भी मानते।
वास्तव में हमारे जीवन में यही हो रहा है।
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