वेद मे कहा गया है-चतुरः कुम्भाश्चतुर्धा ददामि।
ब्रह्मा जी कहते हैं-हे मनुष्यों मै तुम्हें ऐहिक तथा आमुष्मिक सुख देने वाले चार कुम्भ पर्वो का निर्माण कर पृथ्वी के चार स्थानों,हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक मे प्रदान करता हूँ।
मेष राशि गते सूर्ये सिंह राशौ बृहस्पतौ।
उज्जयिन्यां भवेत् कुंभः सदा मुक्ति प्रदायकः।।
अर्थात्-जिस समय सूर्य मेष राशि पर हों और बृहस्पति सिंह राशि मे हों तो उस समय उज्जैन मे कुम्भ योग होता है।उज्जैन यह 'उज्जयिनी' शब्द का अपभ्रंश है।इसका प्राचीन नाम विशाला अथवा अवन्तिका भी है।
उज्जैन मे इस कुम्भ पर्व का स्नान शिप्रा नदी मे होता है।
इसका मुख्य शाही स्नान चैत्र शुक्ल पूर्णिमा,अक्षय तृतीया, और वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को होगा।
प्रमुख स्नान पर्व
१-चैत्र शुक्ल पर्णिमा शुक्रवार २२/०४/२०१६
२-वैशाख कृष्ण एकादशी मंगलवार ०३/०५/२०१६
३- वैशाख कृष्ण अमावस्या शुक्रवार ०६/०५/२०१६
४-अक्षय तृतीया सोमवार ०९/०५/२०१६
५-आद्य शंकराचार्य जयन्ती वैशाख शुक्ल पञ्चमी बुधवार ११/०५/२०१६
६-वृष संक्रान्ति शनिवार १४/०५/२०१६
७-वैशाख शुक्ल पूर्णिमा शनिवार २१/०५/२०१६
उपरोक्त पर्वो पर शिप्रा मे स्नान कर महाकाल का दर्शन-पूजन करने का माहात्म्य है।
ब्रह्मा जी कहते हैं-हे मनुष्यों मै तुम्हें ऐहिक तथा आमुष्मिक सुख देने वाले चार कुम्भ पर्वो का निर्माण कर पृथ्वी के चार स्थानों,हरिद्वार, प्रयाग, उज्जैन और नासिक मे प्रदान करता हूँ।
मेष राशि गते सूर्ये सिंह राशौ बृहस्पतौ।
उज्जयिन्यां भवेत् कुंभः सदा मुक्ति प्रदायकः।।
अर्थात्-जिस समय सूर्य मेष राशि पर हों और बृहस्पति सिंह राशि मे हों तो उस समय उज्जैन मे कुम्भ योग होता है।उज्जैन यह 'उज्जयिनी' शब्द का अपभ्रंश है।इसका प्राचीन नाम विशाला अथवा अवन्तिका भी है।
उज्जैन मे इस कुम्भ पर्व का स्नान शिप्रा नदी मे होता है।
इसका मुख्य शाही स्नान चैत्र शुक्ल पूर्णिमा,अक्षय तृतीया, और वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को होगा।
प्रमुख स्नान पर्व
१-चैत्र शुक्ल पर्णिमा शुक्रवार २२/०४/२०१६
२-वैशाख कृष्ण एकादशी मंगलवार ०३/०५/२०१६
३- वैशाख कृष्ण अमावस्या शुक्रवार ०६/०५/२०१६
४-अक्षय तृतीया सोमवार ०९/०५/२०१६
५-आद्य शंकराचार्य जयन्ती वैशाख शुक्ल पञ्चमी बुधवार ११/०५/२०१६
६-वृष संक्रान्ति शनिवार १४/०५/२०१६
७-वैशाख शुक्ल पूर्णिमा शनिवार २१/०५/२०१६
उपरोक्त पर्वो पर शिप्रा मे स्नान कर महाकाल का दर्शन-पूजन करने का माहात्म्य है।
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