दुर्गा सप्तशती के अध्याय से कामनापूर्ति
प्रथम अध्याय- हर प्रकार की चिंता मिटाने के लिए
।
दूसरा अध्याय- मुकदमे,झगडे आदि मे विजय पाने के लिए ।
तीसरा अध्याय- शत्रु से छुटकारा पाने के लिए ।
चतुर्थ व पंचम अध्याय- भक्ति,शक्ति तथा दर्शन के लिए ।
छठा अध्याय- डर,शक बाधा हटाने के लिए ।
सप्तम अध्याय-हर कामना पूर्ण करने के लिए ।
अष्टम अध्याय-मिलाप व वशीकरण करने के लिए ।
नवम व दशम अध्याय- गुमशुदा की तलाश एवं पुत्र
प्राप्ति के लिए ।
एकादश अध्याय- व्यापार व सुख संपती के लिए ।
द्वादश अध्याय-मान सम्मान व लाभ के लिए।
त्रयोदश अध्याय- भक्ति प्राप्ति के लिए।
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