चौरासी लाख योनियाँ
हमारे शास्त्रों में ८४लाख योनियों का वर्णन मिलता है,अक्सर हमारे मन में प्रश्न उठता है कि वो ८४लाख योनियाँ वास्तव में कौन सी हैं?
इस लेख(Post) में उनकी जानकारी दी गई है, इन ८४ लाख योनियों को मुख्यरूप से छः भागों में बांटा गया है।अर्थात् जल में उत्पन्न या रहने वाले जन्तुओं की नौ लाख योनियाँ या प्रजातियाँ हैं, स्थावर अर्थात् जमीन पर रहने वाले जन्तुओं की बीस लाख, कीट और पतंगों की ग्यारह लाख,पक्षियों की दश लाख,पशुओं की तीस लाख और मानव की चार लाख योनियाँ बताई गई हैं यथा सारिणी के अनुसार:-
जलज जन्तु - ९००००० नौ लाख
स्थावर जन्तु - २०००००० बीस लाख
कृमि (कीट पतंग) - ११००००० ग्यारह लाख
पक्षिगण वर्ग - १०००००० दश लाख
पशुयोनि वर्ग - ३०००००० तीस लाख
मानव वर्ग योनि - ४००००० चार लाख
––––––––––––––––––––––––––––––––––
योग- ८४००००० चौरासी लाख
--------------------------------------------------------Related topics-
● मन और विचारों का आध्यात्मिक प्रभाव Spiritual effects of mind and thoughts
● पुरुष और नारी purush aur naaree
● कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace
No comments:
Post a Comment