मन, मस्तिष्क और आत्मा mind, brain and soul
मन, मस्तिष्क और आत्मा में क्या रिश्ता है?
ये कैसे कार्य करते हैं?
इन तीनों का परस्पर रिश्ता न केवल वैज्ञानिकों, दर्शन शास्त्रियों, बल्कि सामान्य जन के लिए भी कौतूहल का विषय बना हुआ है।
मन की बात करें तो इसकी कोई सरंचना या आकार नही है। ये केवल मस्तिष्क द्वारा किए जाने वाले कार्यों का एक आभास है।
इसे मस्तिष्क की किसी एक निश्चित सीमा में नहीं बांधा जा सकता है।
चेतना,बोध, व्यवहार,बुद्धि, भाषा,प्रेरणा, और सदा उत्कृष्टता को पाने की इच्छा -ये सब मन के स्वरूप हैं। इनका मनुष्य आभास कर सकता है, इन्हें आकार नही दे सकता।
पर मन और शरीर में अन्तर है। शरीर विभिन्न अंगों में बटा हुआ एक ढांचा है। यह मानव शरीर में होने वाली सभी कार्य प्रणाली संपादित करता है।
मन अविभाजित है, आकार नही, केवल आभास है।
आत्मा को अदृश्य, अव्यक्त परमात्म स्वरूप माना गया है।
इसे अभी तक कोई भी सम्पूर्ण रूप से समझ नहीं पाया है।
इस प्रकार मस्तिष्क शरीर का ही एक अंग है।
अतः मन, मस्तिष्क और आत्मा के बीच का सेतु है।
इस रहस्य को केवल परमात्मा की कृपा से ही जाना या समझा जा सकता है।
।।जय श्री कृष्ण।।
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