Sunday, October 20, 2024

दीपावली पूजन 2024 dipawali pujan 2024

 दीपावली पूजन 2024







माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए इस बार दो दिन मनाएं दीपावली पर्व

दीपावली कार्तिक कृष्ण पक्ष प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाई जाती है। 

इस वर्ष संवत् 2081 में कार्तिक अमावस्या 31.10 .2024 गुरुवार को दिन में 03:54 से प्रारंभ होकर अगले दिन 01 .11.2024 शुक्रवार को सायंकाल 06:17 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।


इस स्थिति में अमावस्या तिथि दोनो ही दिन प्रदोष काल में व्याप्त रहेगी।


कुछ ग्रंथकारों के अनुसार यदि कार्तिक मास की अमावस्या दोनों ही दिन प्रदोष काल में व्याप्त हो,तो ऐसी स्थिति में प्रतिपदा युक्त अमावस्या का ग्रहण करना अधिक श्रेष्ठ होता है।
इस तर्क के पीछे कारण पितृ कार्य भी है पितृ देव पूजन करने के बाद ही लक्ष्मी पूजन करना उचित कहा गया है।


पितृ देव पूजन से तात्पर्य है प्रातः काल में अभ्यंग स्नान, देव पूजन और अपराह्न में पार्वण कर्म,तत्पश्चात लक्ष्मी पूजन।


यदि दीपावली एक दिन पूर्व अर्थात 31 अक्टूबर को मनाई जाए तो यह सभी कर्म लक्ष्मी पूजन के बाद होंगे जो विपरीत दिशा निर्देश है। 


कारण  31 अक्टूबर 2024 को दोपहर बाद 03:54 मिनट से अमावस्या तिथि प्रारंभ हो रही है इसलिए यह कार्य शास्त्रोक्त नहीं होगा अतः दूसरे दिन ही अर्थात् 01नवम्बर 2024को दीपावली का पर्व शास्त्र नियम के अधीन मानना उचित रहेगा,ऐसा कुछ पंचांगकर्ताओं का मत है।


किन्तु यह सारे नियम व्यापारियों और जन सामान्य को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।
कार्तिक अमावस्या की रात्रि साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।


कार्तिक अमावस्या की रात्रि में निशीथ कालीन वेला में साधक विशेष आराधनाएं,मंत्रानुष्ठान, पाठकर्म, श्रीयन्त्र आदि का निर्माण,यंत्रों की प्रतिष्ठा,महालक्ष्मी की विशेष पूजा आदि करते हैं।
उनके मत के अनुसार रात्रिकालीन अमावस्या ही श्रेष्ठ है।


तो ऐसी स्थिति में  उनके लिए 31 अक्टूबर 2024 को ही दीपावली पर्व मनाना उचित रहेगा।


इस प्रकार अलग अलग मतानुसार दोनों ही दिन लक्ष्मी पूजन श्रेष्ठ माना जाएगा।


यह विशेष बात है कि इस बार हमें दो दिन लक्ष्मी पूजन के प्राप्त होंगें।


इसे माता लक्ष्मी की कृपा समझें और श्रद्धाभाव से पूजनलाभ प्राप्त करें न कि किसी संसय में पड़े।



दीपावली पर्व का विवरण:-


29/10/2024 भौम प्रदोष व्रत, धनतेरस, यमदीपदान, धन्वंतरि जयंती पर्व।


30/10/2024 मास शिवरात्रि, नरक चतुर्दशी, दीपदान।


31/10/2024 हनुमद्दर्शन,प्रदोष काल में लक्ष्मी गणेश स्थापना पूजन,दीपावली पर्व,(अखण्ड दीप स्थापन करें) रात्रिकालीन साधना।


01/11/2024 प्रदोष काल में पुनः लक्ष्मी पूजन, दीपमालिका (अखण्ड दीप स्थापन पूर्ण)।


02/11/2024 अन्नकूट, गोवर्धन पूजा, बलि पूजा।


03/11/2024 भाई दूज,यमद्वितीया, चित्रगुप्त पूजा, चन्द्र दर्शन।

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