हरितालिकातीजव्रत 2019
श्री महावीर पञ्चाङ्ग के अनुसार 01 सितम्बर 2019 रविवार को द्वितीया प्रातः 11:02 तक है, तत्पश्चात तृतीया तिथि प्रारम्भ हो जाएगी।साथ ही 03:09 pm तक उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का मान है।उसके बाद हस्त नक्षत्र प्रारम्भ हो जाएगा।
पुनः 02 सितम्बर 2019 सोमवार को तृतीया तिथि का मान 09:02 am तक है और हस्त नक्षत्र दिन में 01:35 मिनट तक है। और इस पञ्चाङ्ग में स्पष्ट रूप से हरितालिका तीज व्रत और गणेश चतुर्थी(गणेश महोत्सव) ये दोनों पर्व 2 सितम्बर को ही मनाये जाएंगे।
● चूँकि हरितालिकातीज का पूजन व्रत प्रदोष काल में होता है।
हस्त नक्षत्र में होता है।
ये सारी स्थिति 01 सितम्बर रविवार को हमे मिल रही है।इसलिए यह व्रत 01 सितम्बर को करना उचित जान पड़ता है।
● साथ ही मान्यता यह भी है कि इन व्रत का पारण हस्त नक्षत्र में नही होता है।
और उत्तर भारत में उदया तिथि को सम्पूर्ण माना जाता है।अतः 02 सितम्बर सोमवार को उदया तिथि और नक्षत्र का मान प्राप्त है अतः ये व्रत 2 सितम्बर को ही करना उचित होगा।
● अतः दोनों दिन ही यह व्रत किया जा सकता है इसमें कोई भ्रम की स्थिति नही हैं।दोनों दिन ही शुभ फल की प्रप्ति होगी।
इस बार हरितालिका व्रत करने मे लोग भ्रम की स्थिति में हैं कारण इस विषय में किसी भी पञ्चाङ्ग कर्ता ने स्पष्ट नहीं किया है।अर्थात् जिसने 1 सितम्बर को हरितालिका व्रत का निर्णय दिया है उसने भी, या 2 सितम्बर को जिसने निर्णय दिया है उसने भी।
दोनों को अपने अपने मन्तव्य का स्पष्टीकरण भी देना चाहिए कि उन्होंने ऐसा निर्णय किसलिए दिया है।
जब कोई त्योहार व्यापक रूप से मनाया जाता है तो इस तरह की भ्रम की स्थिति नही होनी चाहिए।अन्यथा हमारी संस्कृति का ह्रास होना शुरू हो जाएगा।
हमें आपस मे बैठकर पहले निर्णय लेकर तब प्रकाशन करना चाहिए।
पञ्चाङ्ग हमारी संस्कृति में अत्यधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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