Tuesday, November 12, 2013

काल(समय)की परिभाषा Definition of time (time)

दिनमान को पांच से विभाजित करने पर पहला भाग- प्रातः काल
दूसरा भाग-संगव काल या पूर्वान्ह काल
तीसरा भाग-मध्यान्ह काल
चौथा भाग- अपराह्न काल
और पाचवां भाग-सायं काल कहलाता है।
इसकी गणना सूर्योदय से शुरू होती है।
दिनमान के पन्द्रह भाग करने पर आठवां भाग अभिजित मुहूर्त और दशवाँ भाग विजय मुहूर्त के नाम से जाना जाता है।

इसे इस प्रकार भी समझ सकते हैं कि दिनमान का पन्द्रहवा भाग 1 मुहूर्त, रात्रिमान का पन्द्रहवा भाग रात्रि का 1 मुहूर्त।
सूर्योदय से तीन मुहूर्त प्रातःकाल, उसके बाद तीन मुहूर्त संगव काल, तीन मुहूर्त मध्यान्ह काल, तीन मुहूर्त अपराह्न काल, और उसके बाद तीन मुहूर्त सायंकाल होता है। (गणेश आपाजी 2064 पौष कृष्ण पक्ष)

4 comments:

Acharya Vijay Kumar Shukla said...
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vinay bhatt said...

संगव काल यानी पूर्वाह्न काल कब से कब तक होता है ?

Anonymous said...

महाेदय रात्रि के पाँच काल काैन हाेते हैं जानकारी दीजियेगा

Sanju pamecha said...

Guruji रोहिन मुहूर्त दिनमान का ९ भाग है,इसका महत्व कितना है श्राद्ध में और कारण

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