ज्योतिष और उपाय
मिलकर आपको देते हैं नई राह
विचार ही सार है यह आगे चलकर निश्चित होता है और कर्म में परिवर्तित हो जाता है।
सृजन, परिवर्तन और विनाश —यह ब्रह्मांड का नियम है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है...
जब कोई बीज अंकुरित होता है,
तो वह पहले मिट्टी में खोता है...
टूटता है...
अपने पुराने रूप को पूरी तरह त्याग देता है।
लेकिन उसी टूटन से जीवन की नन्हीं कली जन्म लेती है।
यही प्रकृति का नियम है —
सृजन,परिवर्तन और विनाश का।
ब्रह्मांड हर पल बदल रहा है,
हर क्षण परिवर्तित हो रहा है।
ठीक वैसे ही, जैसे हमारा जीवन।
कभी रिश्ते टूटते हैं,
कभी करियर ठहरता है,
कभी सपने बिखरते हैं…
लेकिन क्या आपने कभी पीछे मुड़कर देखा है?
अक्सर उन्हीं 'अंत' ने हमें नया रास्ता दिया होता है।
और यही बात ज्योतिषशास्त्र हमें सिखाता है।
जब कोई ग्रहदशा आती है या किसी ग्रह गोचर का प्रभाव— जैसे शनि की साढ़ेसाती, राहु-केतु का गोचर, या गुरु का प्रभाव —
तो हमारे जीवन में भी अदृश्य परिवर्तन शुरू हो जाते हैं।
पर ज्योतिष डराने के लिए नहीं है,
समझाने और सजग करने के लिए है।
अगर समय कठिन है —
तो उपाय भी हैं।
अगर राह कठिन है —
तो चेतावनी भी पहले से मिल सकती है।
समय केवल चलता नहीं,
वह बताता है — संकेत देता है।
बस ज़रूरत है उसकी भाषा को समझने की।
ग्रहों के अनुकूलन हेतु उपाय करने की आवश्यकता होती है। जिससे जीवन में सुख, शांति और सफलता की संभावना अधिक हो जाती है।
ज्योतिष आपको राह दिखाएगा और उपाय लक्ष्य तक पहुंचाएगा।
।। जय श्री कृष्ण।।
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