जिनके सदा पद पंकजों को शम्भु चितधारे रहें
लोकेश जिनके रूप पर तन-मन सभी वारे रहें
गन्धर्व जिनके सद्गुणों को रात-दिन गया करें
योगीश रट कर नाम को निज जन्म फल जाया करें
आकाश में मन मोहिनी जिसने बनाई तारिका
बन में मधुर श्वर से अहो जिसने बुलाई सारिका
वह राम नाम ललाम जिसका सर्व मंगल धाम है
उस सच्चिदानन्द प्रभू को बार-बार प्रणाम है