Friday, January 3, 2020

मृत संजीवनी मुद्रा

मृत संजीवनी मुद्रा  


यदि प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन मात्र ३० मिनटों तक ‘मृत संजीवनी मुद्रा’ का अभ्यास करे, तो उससे उसका हृदय सशक्त होगा और उसको  हृदयघात (हार्ट अटैक) आने की संभावनाएँ न के बराबर होगी।

आजकल बहुत से लोगों में हृदयघात का झटका (हार्ट अटैक) आकर उसमें मृत्यु की मात्रा बढ़ी है । साथ ही युवावस्था में भी हृदयाघात का झटका आने की मात्रा भी प्रतिदिन बढ रही है । इसपर उपाय के रूप में प्रत्येक व्यक्ति यदि अपने हाथ की तर्जनी (अंगूठे से सटी उंगली) की नोक का तलुवे से स्पर्श करें तथा अंगूठा, मध्यमा और अनामिका (करांगुली से सटी उंगली) इन उंगलियों की नोकों को एक-दूसरे से लगाएं और यह मृत संजीवनी मुद्रा प्रतिदिन ३० मिनटोंतक करती है, तो उससे उसका हृदय सशक्त रहेगा तथा अकालीन हृदयघात का झटका आने की मात्रा निश्‍चितरूप से घटेगी । यह मुद्रा कर अनाहतचक्र अथवा हृदय के स्थान पर न्यास करने से उसका अधिक लाभ होगा ।
साभार

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