Saturday, August 13, 2011

भवन के विभिन्न क्षेत्रों के लीये शुभ रंग bhavan ke vibhinn kshetron ke leeye shubh rang


भवन के विभिन्न क्षेत्रों के लीये शुभ रंग 
    कक्ष             शुभ रंग

ड्राइंग रूम-              श्वेत,पिंक,क्रीम,ब्राउन
मुख्य शयन कक्ष-     आसमानी,पिंक,हल्का हरा
अन्य शयन कक्ष-     हरा,श्वेत,नीला
भोजन कक्ष-            पिंक,आसमानी,हल्का हरा
रसोई घर -            श्वेत
अध्ययन कक्ष-        पिंक,ब्राउन,आसमानी,हल्का हरा
शौचालय/स्नानागार- श्वेत,पिंक

व्यवसाय क्षेत्र और लाभदायक रत्न vyavasaay kshetr aur laabhadaayak ratn


आप जिस क्षेत्र में हैं,उसमे पूर्ण सफलता प्राप्ति के लिये आपको उस क्षेत्र से संबंधित रत्न धारण करना चाहिये............
राजनीति में सफलता के लिये :पुखराज
नौकरी में प्रमोशन,सरकारी विभाग में लाभ के लिये  :माणिक्य
शिक्षा विभाग,बैंक,व्यापारी,प्रवचनकर्ता आदि के लिये :  पन्ना
कला,फिल्म लाइन,ग्लैमर,माडलिंग,आदि के लिये :     हीरा
वकील,जज,प्रशासनिक कार्य वालों के लिये : मूंगा
सभी के आकर्षण के लिये :तंजेनाईट

एक श्लोकी विष्णु सहस्रनाम


एक श्लोकी विष्णु सहस्रनाम


राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नाम वरानने।।

इस मन्त्र का बारम्बार चिंतन स्मरण करने से विष्णु सहस्रनाम पाठ का फल प्राप्त होता है।

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   श्री भाग्यशाली रत्न-रुद्राक्ष लाकेट

राशि   स्वामी  रुद्राक्ष    लाकेट के रत्न

१.         मंगल  तीन मुखी    मूंगा
२.        शुक्र    छ:मुखी     जर्किन
३.        बुध    चार मुखी    पन्ना
४.       चंद्रमा   दो मुखी     मोती
५.       सूर्य    बारह मुखी   माणिक्य
६.        बुध    चार मुखी    पन्ना
७.       शुक्र    छ:मुखी      जर्किन
८.       मंगल   तीन मुखी    मूंगा
९.       गुरु     पांच मुखी   पुखराज
१०.     शनि    सात मूखी    नीलम
११.     शनि    सात मुखी    नीलम
१२.     गुरु    पांच मुखी    पुखराज  

मेरे सब कुछ तुम्ही बन जाओ


        मेरे सब कुछ तुम्ही बन जाओ 
बन जाओ तुम मेरे सब कुछ जप-तप,ध्यान,ज्ञान-विज्ञान.
बन  जाओ  तुम  मेरे साधन-साध्य, यज्ञ-व्रत, संयम-दान.
बन  जाओ  तुम  मेरे शम, दम, श्रद्धा,समाधान,शुचि योग.
बन  जाओ  तुम  मेरे मन-मति, अहंकार,इन्द्रिय,सब भोग.
बन  जाओ  तुम  मेरे प्राणों के रहस्य, जीवन  के  मर्म.
बन  जाओ  तुम   मेरे  वस्त्राभूषण,  खान-पान,  गृह-धर्म.
स्पर्श तुम्हारा  मिले  सर्वदा सब में सभी ठौर अविराम.
मेरे  तुम  हो,  मेरे  तुम  हो, सभी  भांति  हे प्राणाराम .

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