घर की शान्ति के के लिए कुछ आवस्यक बाते।
1 ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहिए
2 जानवरो और नोकरो से प्रेम पूर्वक बर्ताव करना चाहिए
3 अपने साथियो से भी अच्छा बर्ताव करना चाहिए।
4 अपनी गलती स्वीकार करना चाहिए।
5 किसी को दबाने की कोशिस नहीं करना चाहिए।
6 एक दूसरे की बुराई नहीं करना चाहिए।
7 सवकी भावनाओ की कदर करनी चाहिए।
8 ज़रा ज़रा सी बातो पर ध्यान नहीं देना
9 सबको उचित प्रेम देना किसी को सूना ना लगे।
10 सबकी योग्यता और प्रतिभा को प्रोत्साहन देना।
11 गुस्से में जवाव नहीं देना
12 एक दूसरे को सहयोग करना
13 क्रोध में किसी की गलती को ना बताना प्रेम से बोलना
14 पुरानी बाते नहीं उखाड़ना
15 आज का झगड़ा कल तक नहीं चलाना
16 क्रोध मन में रखकर नहीं सोना
17 गलतफहमी नहीं पालना
18 आपस में एक दूसरे का उपकार मानना
19 क्षमा करने की और भुलने की क्षमता रखना
20 कभी तनाव नहीं रखना
21 आपसी झगडे का लाभ दूसरे ना उठाये इसका ध्यान रखना
22 अपनी मर्यादा का ध्यान रखना
23 हमेशा एकता बनाये रखना
24 सेवक को नहीं खुद को सुधारने का प्रयास करना
25 किसी को ज्यादा डाटना नहीं।
26 मनुष्य जन्म को सफल बनाने का प्रयास करना
27 रोज़ कम से कम दस मिनट अपनी आत्मा का चिंतन ज़रूर करना
28 मिथ्या मान्यताओं को नष्ट करने का पुरुषार्थ करना
29 मरने से पहले सम्यग्दर्शन (सही मान्यता) को प्राप्त करने का पुरुषार्थ करना
30 अंत में अपनी आत्मा में लीन होकर मोक्ष महल में प्रवेश करना और अनंत काल के लिए सुखी होना,भक्त से भगवान बनना पामर से परमात्मा बनना खुद से खुदा बनना और इस मानव जीवन को सफल करना, विचारना...
1 ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहिए
2 जानवरो और नोकरो से प्रेम पूर्वक बर्ताव करना चाहिए
3 अपने साथियो से भी अच्छा बर्ताव करना चाहिए।
4 अपनी गलती स्वीकार करना चाहिए।
5 किसी को दबाने की कोशिस नहीं करना चाहिए।
6 एक दूसरे की बुराई नहीं करना चाहिए।
7 सवकी भावनाओ की कदर करनी चाहिए।
8 ज़रा ज़रा सी बातो पर ध्यान नहीं देना
9 सबको उचित प्रेम देना किसी को सूना ना लगे।
10 सबकी योग्यता और प्रतिभा को प्रोत्साहन देना।
11 गुस्से में जवाव नहीं देना
12 एक दूसरे को सहयोग करना
13 क्रोध में किसी की गलती को ना बताना प्रेम से बोलना
14 पुरानी बाते नहीं उखाड़ना
15 आज का झगड़ा कल तक नहीं चलाना
16 क्रोध मन में रखकर नहीं सोना
17 गलतफहमी नहीं पालना
18 आपस में एक दूसरे का उपकार मानना
19 क्षमा करने की और भुलने की क्षमता रखना
20 कभी तनाव नहीं रखना
21 आपसी झगडे का लाभ दूसरे ना उठाये इसका ध्यान रखना
22 अपनी मर्यादा का ध्यान रखना
23 हमेशा एकता बनाये रखना
24 सेवक को नहीं खुद को सुधारने का प्रयास करना
25 किसी को ज्यादा डाटना नहीं।
26 मनुष्य जन्म को सफल बनाने का प्रयास करना
27 रोज़ कम से कम दस मिनट अपनी आत्मा का चिंतन ज़रूर करना
28 मिथ्या मान्यताओं को नष्ट करने का पुरुषार्थ करना
29 मरने से पहले सम्यग्दर्शन (सही मान्यता) को प्राप्त करने का पुरुषार्थ करना
30 अंत में अपनी आत्मा में लीन होकर मोक्ष महल में प्रवेश करना और अनंत काल के लिए सुखी होना,भक्त से भगवान बनना पामर से परमात्मा बनना खुद से खुदा बनना और इस मानव जीवन को सफल करना, विचारना...
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