अगर आप भी जॉब में पदोन्नति(प्रमोशन) की तलाश कर रहे हैं, काफी समय से आपको पदोन्नति नहीं मिल रही है,या बार-बार पदोन्नति होते-होते रह जाती है और आपके अंदर इसकी प्रबल इच्छा है तो इस समस्या का समाधान है।
शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ने वाले सर्वार्थ,अमृत,सिद्ध योग*के दौरान पदोन्नति के अभिलाषी व्यक्ति को तीन गोमती चक्र को चांदी की तार में बांधकर अपने पास रखना चाहिए।
यह एक ऐसा उपाय है जो पदोन्नति की संभावना को प्रबल बनाता है। इस सरल एवं सटीक उपाय को अपनाने से शत-प्रतिशत प्रमोशन मिलेगा।
*सोमवार को रोहिणी,मृगशिरा,पुष्य, अनुराधा,और श्रवण नक्षत्र होने पर सर्वार्थ,अमृत, सिद्ध योग होता है।
कुंडली में कुछ ऐसे ग्रहो की युति होती है।जो सही गोचर आने पर अपना प्रभाव दिखाती है।और तभी नौकरी या व्यापार में उन्नति होती है।अगर सही समय पर उचित उपाय कर लिए जाये तो हम नुकसान से बच सकते है।
गुरु और शनि जब भी गोचर में एक साथ दशम भाव या दशमेश को प्रभावित करें तो नौकरी लगती है. अगर नौकरी पहले से लगी है तो प्रमोशन होगी. जो बिज़नस करते हैं, उनके बिज़नस में उन्नति होगी.
मंगल का गोचर अगर जनम कालीनदशम भाव में गोचर हो तो जॉब में उन्नति होती है।बिज़नेस भी अच्छा चलता है।
राहु अगर 6वे और 10वे में गोचर करे और जन्मकालीन राहु अगर बुध के नक्षत्र में होक 5वे या दसम भाव से सम्बन्ध बनाये तोह उन्नति होती है।
सूर्य यदि 11 वें हो और गोचर में छठे भाव में हो तो भी उन्नति होती है।
पर गोचर के साथ महादशा का विवेचन भी ज़रूरी है।
शुक्ल पक्ष के सोमवार को पड़ने वाले सर्वार्थ,अमृत,सिद्ध योग*के दौरान पदोन्नति के अभिलाषी व्यक्ति को तीन गोमती चक्र को चांदी की तार में बांधकर अपने पास रखना चाहिए।
यह एक ऐसा उपाय है जो पदोन्नति की संभावना को प्रबल बनाता है। इस सरल एवं सटीक उपाय को अपनाने से शत-प्रतिशत प्रमोशन मिलेगा।
*सोमवार को रोहिणी,मृगशिरा,पुष्य, अनुराधा,और श्रवण नक्षत्र होने पर सर्वार्थ,अमृत, सिद्ध योग होता है।
कुंडली में कुछ ऐसे ग्रहो की युति होती है।जो सही गोचर आने पर अपना प्रभाव दिखाती है।और तभी नौकरी या व्यापार में उन्नति होती है।अगर सही समय पर उचित उपाय कर लिए जाये तो हम नुकसान से बच सकते है।
गुरु और शनि जब भी गोचर में एक साथ दशम भाव या दशमेश को प्रभावित करें तो नौकरी लगती है. अगर नौकरी पहले से लगी है तो प्रमोशन होगी. जो बिज़नस करते हैं, उनके बिज़नस में उन्नति होगी.
मंगल का गोचर अगर जनम कालीनदशम भाव में गोचर हो तो जॉब में उन्नति होती है।बिज़नेस भी अच्छा चलता है।
राहु अगर 6वे और 10वे में गोचर करे और जन्मकालीन राहु अगर बुध के नक्षत्र में होक 5वे या दसम भाव से सम्बन्ध बनाये तोह उन्नति होती है।
सूर्य यदि 11 वें हो और गोचर में छठे भाव में हो तो भी उन्नति होती है।
पर गोचर के साथ महादशा का विवेचन भी ज़रूरी है।
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