अनैतिकता तो आज आम बात हो गई है। ठगी, विश्वासघात, वचनभंग, खुदगर्जी, बेमुरव्वती, अहंकार, परपीड़न, कर्तव्य त्याग आदि बुराइयाँ बेतरह बढ़ रही हैं। सरकारी कर्मचारी, व्यापारी, धर्म प्रचारक, नेता, मजदूर आदि सभी वर्गों में इस प्रकार की दूषित मनोवृत्ति बढ़ रही है। अविश्वास, असंतोष और आशंका से हर एक का मन भारी हो रहा है। इस स्थिति को कानून, पुलिस, फौज या सरकार नहीं सुधार सकती। जब अन्तरात्मा में ईश्वरीय वाणी जागृत होकर धर्म भावना, कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी, त्याग, प्रेम, और सेवा की भावना पैदा होगी, तभी व्यापक अनैतिकता की दुखदायक स्थिति का अन्त होगा और इसके लिए प्रत्येक को अपने स्तर पर स्वयं प्रयास करना होगा। प्रत्येक का स्वत: के लिए किया गया यह प्रयास उसके अद्यात्मिक स्तर को तो उन्नत करेगा ही किन्तु परोक्ष रूप से देश को विश्व में स्थापित करने में भी योगदान देगा।
आओ कुछ ऐसी खोज करें जिससे अपना व राष्ट्र का सहयोग हो।
आओ कुछ ऐसी खोज करें जिससे अपना व राष्ट्र का सहयोग हो।
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