एक श्लोकी रामायण
आदौ राम तपोवनादि गमनं,हृत्वा मृगं कांचनं,
वैदेही हरणं जटायु मरणं, सुग्रीव संभाषणं,
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं,लंकापुरीदाहनम,
पश्चाद्रावन कुम्भकर्ण हननं,एतद्धि रामायणम
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कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace संसार की समस्त वस्तुयें अनादि प्रकृति का ही रूप है,और वह...
1 comment:
धन्यवाद शुक्ल साब्,
कृपया एक श्लोकी सुन्दरकण्ड भी पोस्ट करे ।
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