Monday, May 16, 2016

अक्षय तृतीया (कुछ आसान उपाय)Akshaya Tritiya (some easy steps)

             क्या हैं अक्षय तृतीया


अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया को कहा जाता है। वैदिक पंचांग के चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक मानी गई है। ‘अक्षय’ से तात्पर्य है ‘जिसका कभी क्षय ना हो’ अर्थात जो कभी नष्ट नहीं होता। भारत के कुछ क्षेत्रों में अक्षय तृतीया को अखतीज या फिर अक्खा तीज के नाम से भी जाना जाता है।

अक्षय तृतीया क्यों महत्वपूर्ण हैं

जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है।यदि आप गंगा स्नान नही कर पा रहे तो किसी पवित्र नदी मे भी स्नान कर सकते हो,यदि वह भी सम्भव नही हो तो घर पर नहाने की बाल्टी मे पवित्र नदी का जल मिलाकर नहाये ।

 इस दिन परशुरामजी की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देने का बड़ा माहात्म्य माना गया है।


शुभ व पूजनीय कार्य इस दिन होते हैं, जिनसे प्राणियों (मनुष्यों) का जीवन धन्य हो जाता है।

 श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि यह तिथि परम पुण्यमय है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है।

क्या खरीदे इस दिन

ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के समय खरीदा गया महंगा सामान भविष्य में मुनाफा देता है। तो यदि कोई कारोबारी अपना भंडार घर इस दौरान भरे, तो ऐसा माना जाता है कि भविष्य में उसे उसके इसी भंडार से कई गुना अधिक मुनाफा हासिल होगा।

 अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना काफी शुभ माना गया है। सोना या फिर कोई भी महंगी धातु खरीदना अच्छे भाग्य का प्रतीक माना गया है। इसके अलावा जिनका कारोबार है वे भी अपनी फैक्ट्रियों के भंडार घर सामान से भरते हैं।

क्या और किसे दान करे

अक्षय तृतीया को दिया गया दान हमेशा अक्षत याने चिरायु रहता हैं।

अक्षय तृतीया के दिन किसी ब्राह्मण को जल के साथ सुपारी दान करें, आपके द्वारा किया गया यह शुभ दान आने वाले समय में आपको धन-संपत्ति दिलाएगा।


अक्षय तृतीया के दिन यदि महिलाएं कुमकुम दान करें, तो यह दान उन्हें लंबे वैवाहिक जीवन के साथ उनके पति की भी लंबी आयु का फल प्रदान करता है।

चंदन को शास्त्रों में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। धार्मिक कार्यों में चंदन का काफी प्रयोग किया जाता है। अक्षय तृतीया के दिन चंदन दान करने से भविष्य में होनी वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।

अक्षय तृतीया के दिन पान के पत्ते का दान बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। जो भी व्यक्ति इस दिन पान के पत्ते का दान करता है उसे जीवन वह यश एवं गौरव की प्राप्ति होती है। समाज में वह राजा के समान माना जाता है।

अक्षय तृतीया के दिन नारियल का दान अवश्य करें, ऐसा करने से पिछली सात पुश्तों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।

मक्खन या फिर छाछ का दान भी इस दिन अहम माना गया है। विद्यार्थियों को यह दान अवश्य करना चाहिए, यह शिक्षा प्राप्ति का प्रतीक माना गया है।

अक्षय तृतीया पर चप्पल दान करने का भी महत्व है। ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन चप्पल दान करता है, उसे मृत्यु के पश्चात नर्क नहीं भोगना पड़ता।

बिस्तर या जिस पर भी विश्राम किया जा सके, ऐसी वस्तु का भी दान किया जाता है अक्षय तृतीया के दिन। मान्यतानुसार ऐसा दान भविष्य में खुशहाली लाता है।

अक्षय तृतीया के दिन वस्त्रों का दान अवश्य करें। यह दान लंबी आयु पाने के लिए किया जाता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें, वस्त्र नए ही होने चाहिए, पुराने वस्त्रों का दान अशुभ माना जाता है।

इस दिन देवताओं और पूर्वजों को तिलयुक्त जल अर्पण करने का भी विशेष महत्व है।


अक्षय तृतीया को यदि कोई व्यक्ति वृक्षारोपण करता है अर्थात् वृक्ष लगाता है तो उसको अनन्त गुणा पुण्य फल प्राप्त होता है।

स्थिर लग्न मे करे साधना

अक्षय तृतीया के अवसर पर स्थिर लग्न मै या तो स्वर्ण आदि खरीदना चाहिए, अथवा महालक्ष्मी के महामंत्र “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः” का अधिक से अधिक जाप करना चाहिए।

 कुछ अन्य उपाय :-

● इस दिन समुद्र या गंगा स्नान करना चाहिए।

● प्रातः पंखा, चावल, नमक, घी, शक्कर, साग, इमली, फल तथा वस्त्र का दान करके ब्राह्मणों को दक्षिणा भी देनी चाहिए।

● ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।

●  इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए।

● आज के दिन नवीन वस्त्र, शस्त्र, आभूषणादि बनवाना या धारण करना चाहिए।

● नवीन स्थान, संस्था, समाज आदि की स्थापना या उद्घाटन भी आज ही करना चाहिए।

"जब तक हम अपनी समस्याओं
एंव कठिनाइयों की वजह दूसरों
को मानते है, तब तक हम अपनी
 समस्याओं एंव कठिनाइयों को
मिटा नहीं सकते।

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