नवरात्रों के बाद दिपावली की गिनती शुरू हो जाती है, लेकिन क्या आपको पता है कि दिवाली से पहले एक ऐसा महासंयोग पड़ रहा है, जो सदियों में एक बार आता है। जी हां, लगातार 15 घंटे होंगे अति शुभ।
दीपावली से पहले रवि पुष्य अमृत सिद्धि योग 23 अक्टूबर, रविवार को 15 घंटे का होगा। विद्वानों का मानना है कि ये महामुहूर्त है ऐसे में इस दौरान धनतेरस व दिवाली से पहले खरीदारी करना अति शुभ होगा। इस बार धनतेरस से पहले आने वाला रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी एवं सूर्य बुध के एक साथ होने से बनेगा। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धन वर्षा कराएगा।
गौरतलब है कि इस साल दीपावली से 8 दिन और धनतेरस से 6 दिन पहले रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व माना गया है। रवि पुष्य अपने आप में श्रेष्ठ नक्षत्र में माना जाता है।दीपावली के पहले 15 घंटे का रवि पुष्य नक्षत्र रहेगा। दिवाली के पहले 23 अक्टूबर को खरीदी के लिए अनुकूल मुहूर्त रवि पुष्य नक्षत्र आ रहा है। यह पुष्य नक्षत्र एक दिन पूर्व 22 अक्टूबर शनिवार को रात्रि 8:41 बजे से लग जाएगा, जो रविवार को रात्रि 8:41 तक रहेगा।
इसकी अवधि रविवार के दिन 15 घंटे रहेगी। पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है, इसलिए इसमें की गई खरीदी समृद्धि कारक होती है। पुष्य नक्षत्र की धातु सोना है, जिसे खरीदने से अत्याधिक लाभ मिलेगा। 22 को शनि पुष्य व 23 को रविपुष्य का योग बनने से भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई सम्पत्ति में निवेश करने से प्रचुर लाभ प्राप्त होगा।
रवि-पुष्य (23 अक्टूबर) के लिए महामुहूर्त
सोना-चांदी, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक के सामान, बही खाता खरीदने का महा मुहूर्तप्रात: 9 से 10:30 लाभ रहेगा।प्रात:10:30 बजे से 12 अमृत रहेगा।दोपहर 1:30 से 3 शुभ रहेगा।शाम 6 से 7:30 शुभ रहेगा।शाम 7:30 से 9 अमृत तक।
स्थिर लग्न वृश्चिक प्रात:काल 8:13 से 10:13 बजे तक।स्थिर लग्न कुंभ लग्न दोपहर 2:22 से 3:55 बजे तक।स्थिर लग्न वृषभ सायंकाल 7से रात 9 बजे तक रहेगा।
Vedic Vidha एक वैदिक परंपरागत, सनातन धर्म, संस्कृति, और कर्मकाण्ड के बारे मे उपयुक्त एवं प्रामाणिक जानकारी हेतु|
अपने प्रश्न Ask Your Question Here ऑप्शन से पूछें
यदि Blog कंटेंट को आप कही पर Copy Paste करते हैं या तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश करते हैं तो आप पर CYBER LAW के तहत कार्यवाही की जाएगी
!->
Tuesday, October 18, 2016
दीपावली से पहले एक महा संयोग
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त
कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace
कष्ट शान्ति के लिये मन्त्र सिद्धान्त Mantra theory for suffering peace संसार की समस्त वस्तुयें अनादि प्रकृति का ही रूप है,और वह...
-
श्रीकनकधारास्तोत्रम् भगवती कनकधारा महालक्ष्मी स्तोत्र की रचना श्री शंकराचार्य जी ने की थी।उनके इस स्तुति से ...
-
सत्यनारायण व्रत कथा मूल पाठ (संस्कृत) प्रथमोऽध्याय: व्यास उवाच- एकदा नैमिषारण्ये ऋषय: शौनकादय:। पप्रच्छुर्मुनय: सर्वे सूतं पौराणि...
-
ब्रह्म राक्षस एक परिचय Brahmarakshas an introduction ब्रह्म राक्षस जिसका नाम सुनते ही मन में एक भयावह आकृति उत्पन्न हो ...
No comments:
Post a Comment