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Saturday, July 6, 2024

देवताओं का पूजनक्रम और उनसे प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ The order of worship of the gods and the main benefits derived from them

 


देवताओं का पूजनक्रम और उनसे प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ
The order of worship of the gods and the main benefits derived from them

गन्ध,पुष्प,धूप,दीप,नैवेद्य आदि अर्पित करने से होने वाले लाभ
Benefits of offering fragrance, flowers, incense, lamps, offerings etc



कहा गया है कि "देवो भूत्वा देवं यजेत्"देवता की तरह बनकर देवता की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
अर्थात् चित्त के द्वारा उस आराध्य देव की छवि अपने हृदय में धारण करके आराध्य देव की पूजा अर्चना की जाय तो वह पूजा विशेष फल देने वाली होती है।


हमारे आराध्य देव हमारी किसी भी सेवा को यूँही नही लेते हैं हम जो भी वस्तु उनको अर्पण करते हैं या चढ़ाते हैं, उसका भी फल प्राप्त होता है।


हम नित्य पूजनादि में देवताओं को वस्त्र,फलादि वस्तुएं अर्पण करते हैं।इनका एक क्रम होता है तो आइए जानते हैं कि उनसे प्राप्त होने वाले लाभ/फल क्या है?


सर्वप्रथम हम पूजन की तैयारी करने के बाद आराध्य देव का ध्यान आवाहन करते हैं-


1-ध्यान/आवाहन-देवसानिध्य।
देवता की मूर्ति को अपने ह्रदय में धारण करते हुए उन्हें पूजन हेतु निमंत्रित किया जाना आवाहन कहलाता है, इससे देवता का सानिध्य प्राप्त होता है।


2-आसन-स्थिरता की प्राप्ति।आवाहन के पश्चात देवता को सामने उपस्थित आसन पर स्थित होने की प्रार्थना करनी चाहिए,इससे स्थिरता की प्राप्ति होती है।


3-पाद्य- अर्थात् देवता के स्वागत हेतु उनके पादप्रक्षालन से पातक नष्ट होते हैं।


4-अर्घ्य-अनर्घ्य अर्थात् मन की दुविधा को मिटाता है।


5-आचमन -सुचित्त सुखी,आंच मन की मिटती है,अर्थात् मन के क्लेश मिटते हैं।


6-स्नान-मल नाश अर्थात् व्याधि हरण।


7-वस्त्र-आराध्य देव के निमित्त वस्त्र अर्पित करने से आयुष्य वर्धन होता है।


8-उपवीत-अर्थात् यज्ञोपवीत आराध्य देव को अर्पित करने से ब्रह्मवेत्ता होता है या ईश्वर के सानिध्य का मार्ग प्रशस्त होता है। 


9-आभूषण-अर्पित करने से धन और ऐश्वर्य प्राप्ति होती है।


10-गन्ध-रोली,चन्दन, कुमकुम, इत्र आदि के अर्पण करने से काम अर्थात् मनोकामना पूर्ति होती है।


11-अक्षत-आराध्य देव को अक्षत(साबुत चावल)अर्पित करने से अक्षय पुण्य फल की प्राप्ति होती है।


12-नाना पुष्प-आराध्य देव को विभिन्न प्रकार के पुष्प अर्पित करने से राज्य और स्वर्ग की प्राप्ति होती है।


13-धूप-आराध्य देव को उत्तम औषधियों से निर्मित सुगंधित धूप अर्पित करने से पापों का नाश होता है।


14-दीप-दीपो मृत्युविनाशनः अर्थात् अज्ञान रूपी अंधकार का विनाश होता है।


15-नैवेद्य-"सर्वमानस्तु तृप्तिरतोभवेत्"अर्थात् फल मिष्ठान आदि अर्पण करने से तृप्ति की अनुभूति होती है,और समाज में सम्मान की प्राप्ति होती है।


16-ताम्बूल-अर्थात् पान सुपाड़ी लौंग इलायची आदि के अर्पण करने से कीर्ति या प्रसिद्धि की प्राप्ति होती है।


17-दक्षिणा-द्रव्य अर्थात् धन के रूप में दक्षिणा अर्पण करने से पूर्ति की प्राप्ति होती है,इससे पूजन पूर्ण होता है।


18-नीराजन-तत्पश्चात आराध्य देव की आरती करने से आत्मशुद्धि होती है।


19-प्रदक्षिणा-पुनः आराध्य देव की प्रदक्षिणा करने से पापों का हरण हो जाता है,मन में पापों के कारण उत्पन्न क्षोभ मिट जाता है।


20-दण्डप्रणाम-अपने आप को आराध्य देव को प्रणाम करके समर्पित करने से  देव का सानिध्य प्राप्त हो जाता है।


21-स्तोत्र और पुराणादि पठन-पुनः आराध्य देव के निमित्त स्तुति आदि करने से सर्वपापक्षय होकर मन निर्मल हो जाता है।


इस प्रकार जाने-अनजाने पूजन में की गई कोई भी वस्तु अर्पण करने पर उसका फल प्राप्त होता है।
हमें श्रद्धा भाव से नित ही प्रभु का पूजन करना चाहिए।

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राशि के अनुसार वृक्षारोपणPlanting trees according to zodiac sign

 राशि के अनुसार वृक्षारोपण



अपने अनुकूल वृक्षारोपण करके अपने जीवन को उन्नति की ओर अग्रसर करें और पर्यावरण संरक्षण भी।


पंचतत्वों का संतुलन ही जीवन है,और पृथ्वी पर जीवन का आधार है जल। अब जहाँ जल है वहीं वृक्ष हैं या जहाँ वृक्ष हैं वहीं जल है।
हमारे पास पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रकृति प्रदत्त सबसे अनमोल उपहार है वृक्ष।
और जिस प्रकार हम विकास के पथ पर अग्रसर हो रहे हैं, निश्चित रूप से हमें प्रकृति की ओर वापस आना होगा।
वृक्ष जहाँ-जहाँ कम होते जाएंगे जल भी वहाँ हमसे दूर होता जाएगा।


इसलिए हमें वृक्ष लगाने पर ध्यान देना होगा......
हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है, कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एक पीपल, एक बरगद, दस इमली, तीन कैथा, बेल और आंवले तथा पांच आम के वृक्ष लगाने पर मनुष्य नरक का दर्शन नहीं करता अतः प्रत्येक व्यक्ति को वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए -


अश्वत्थमेकं पिचुमन्दमेकं न्यग्रोधमेकं दशचिंचिनीकम्।
कपित्थविल्वामलकत्रयं च पंचाम्रवापी नरकं न पश्येत्।।


ग्रह-नक्षत्रों की गति के प्रभाव से मानव जीवन प्रतिपल संचालित होता है जिसका प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का होता है। नकारात्मक प्रभाव को रोकने या कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते हैं, कहीं मंत्र जप की सलाह दी जाती है, तो कहीं रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है, तो कहीं पर छोटे-छोटे टोटके अपनाए जाते हैं। इनके अलावा और उपाय भी हैं, जिनके प्रयोग से ग्रहों से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है, और अपने जीवन को उन्नत बनाया जा सकता है। इन्ही में से एक आसान उपाय है-वृक्षारोपण। वृक्षों से पर्यावरण की रक्षा तो होती ही है, साथ ही वे हमारी दिनचर्या पर भी अच्छा प्रभाव डालते हैं।
अनन्तकाल से ज्योतिष विज्ञान ग्रह-नक्षत्र, प्रकृति और पर्यावरण से तालमेल बनाकर मनुष्य के लिए सुखी जीवन की राह प्रशस्त कर रहा है। जीवनपर्यन्त वृक्ष किसी न किसी रूप में मनुष्य को लाभ पहुंचाते रहते हैं। 


आज हम जानतें हैं कि आपकी राशि के अनुसार कौन-सा पौधा आपके लिए फायदेमंद हो सकता है, यदि आप अपने घर-आंगन या उचित स्थान पर अपनी राशि अनुसार ये वृक्ष लगाएंगे तो आपको इसका भरपूर लाभ मिलेगा।
ये पौधे आपके जीवन में आने वाली परेशानियां को दूर कर सकते हैं।


कहा जाता है कि एक वृक्ष 10 लोगों के जीवन के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन(प्राणवायु) दे सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जन्म राशि के अनुकूल वृक्ष लगाना बेहद सौभाग्यशाली होता है।


द्वादश राशियों के लिए कौन-से वृक्ष लगाने से पुण्य लाभ के साथ पर्यावरण की रक्षा होगी, इस प्रकार है......


1- मेष राशि के जातकों को लाल चंदन, अनार, नीबू, तुलसी, आंवला, आम और खैर का पेड़ लगाना चाहिए।


2-वृष राशि के जातकों को गूलर, चमेली, नीबू, अशोक, जामुन और पलास के पेड़ लगाने चाहिए।


3-मिथुन राशि के जातकों को अपामार्ग, आम, कटहल, अंगूर, बेल, बांस, बरगद और गुलाब के पौधे लगाना चाहिए।


4-कर्क राशि के जातकों को पलाश, सफ़ेद गुलाब, चांदनी, मोगरा, आंवला, पीपल और गेंदा के पेड़ लगाने चाहिए।


5-सिंह राशि के जातकों को अपामार्ग, लाल गुलाब, लाल गेंदा, जामुन, बरगद और लाल चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


6-कन्या राशि के जातकों को अपामार्ग, आम, कटहल, अंगूर, बेल, अमरूद, बेल और गुलाब के पौधे लगाना चाहिए।


7-तुला राशि के जातकों को गूलर,चमेली, नीबू, मौलसिरी, अर्जुन, चीकू और पलास के पेड़ लगाने चाहिए।


8-वृश्चिक राशि के जातकों को लाल चंदन, अनार, नीबू, तुलसी, नीम और खैर का पेड़ लगाना चाहिए।


9-धनु राशि के जातकों को पीपल, बरगद, पपीता, कदम्ब और चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


10-मकर राशि के जातकों को शमी, तुलसी,सतावर, कटहल और अमरुद का पेड़ लगाना चाहिए।


11-कुंभ राशिके जातकों को शमी, तुलसी,सतावर,आम और अमरुद का पेड़ लगाना चाहिए।


12-मीन राशि के जातकों को पीपल, बरगद, पपीता, नीम और चन्दन का पेड़ लगाना चाहिए।


हमारे ज्योतिष शास्त्र में भी पौधों का बहुत महत्व है।जिनकी पूजा करके, उनकी जड़ों का प्रयोग करके,उनकी समिधाओं के हवनादि के द्वारा हम पर्यावरण संरक्षण के साथ ही साथ ग्रहों को अपने अनुकूल करके लाभ ले सकते हैं।

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