शनि दोष निवारण के उपाय (भाव/लग्न अनुसार)
*प्रथम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए।
2. शनिवार केदिन न तो तेल लगाए और न ही तेल खाए।
3. तांबे के बने हुए चार साँप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करे।
*दूसरे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
2. साँपो को दूध पिलाए कभी भी साँपो को परेशान न करे , न ही मारे।
3. दो रंग वाली गाय / भैस न पालें।
4. अपने ललाट पर दूध / दही का तिलक करे।
5. रोज शनिवार को कडवे तेल का दान करें।
6. शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले।
7. सोते समय दूध का सेवन न करें।
8. शनिवार के दिन सिर पर तेल न लगाएं।
*तीसरे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. आपके घर का मुख्य दरवाजा यदि दक्षिण दिशा की ओर हो तो उसे बंद करवा दे या एक और दरवाजा लगवाये।
2. रोज शनि चालीसा पढ़ें तथा दूसरों को भी शनि चालीसा भेंट करें।
3. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
4. गले में शनि यंत्र धारण करें।
5. मकान के आखिर में एक अंधेरा कमरा बनवाएँ।
6. अपने घर पर एक काला कुत्ता पाले तथा उस का ध्यान रखें।
7. घर क अंदर कभी हैंडपम्प न लगवाएँ।
*चतुर्थ भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. रात में दूध न पिये।
2. पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ।
3. कौवों को दाना खिलाएँ।
4. सर्प को दूध पिलाएँ।
5. काली भैस पालें।
6. कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें।
7. एक बोतल शराब शनिवार के दिन बहती नदी में प्रवाहित करें
*पंचम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. पुत्र के जन्मदिन पर नमकीन वस्तुएं बांटनी चाहिए, मिठाई आदि नहीं।
2. माँस और शराब का सेवन न करें।
3. काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें।
4. शनि यंत्र धारण करें।
5. शनिदेव की पुजा करें।
6. शनिवार के दिन अपने भार के दसवें हिस्से के बराबर वजन करके, बादाम नदी में प्रवाहित करने का कार्य करें।
*छठवे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. चमड़े के जूते , बैग , अटैची आदि काप्रयोग न करें।
2. शनिवार का व्रत करें।
3. चार नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें। ध्यान रहे, गंदे नाले मे नहीं करें, परिणाम बिल्कुल उल्टा होगा।
4. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रूप से खिलाएँ।
5. शनि यंत्र धारण करें।
*सप्तम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ।
2. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ।
3. शनि यंत्र धारण करें।
4. मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएँ।
खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं।
5. अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें।
*अष्टम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. गले में चाँदी की चेन धारण करें।
2. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
3. शनिवार के दिन आठ किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें। उड़द काले कपड़े में बांध कर ले जाएँ और बंधन खोल कर ही प्रबहित करें।
4. सोमवार के दिन चावल का दान करना आपके लिए उत्तम हैं।
5. काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें।
*नवम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।
2. साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें।
3. साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें।
4. कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें।
5. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ।
6. शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले।
*दशम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।
2. आप अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाए यह आप के लिए उत्तम रहेगा।
3. पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे।
4. आपने नाम से मकान न बनवाएँ।
5. अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए।
6. शनि यंत्र धारण करें।
7. जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे।
*एकादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. शराब और माँस से दूर रहें।
2. मित्र के वेश मे छुपे शत्रुओ से सावधान रहें।
3. सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमि पर गिराएँ।
4. परस्त्री गमन न करें।
5. शनि यंत्र धारण करें।
6. कच्चा दूध शनिवार के दिन कुएं में डालें।
7. कौवों को दाना खिलाएँ।
*द्वादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. जातक झूठ न बोले।
2. शराब और माँस से दूर रहें।
3. चार सूखे नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें।
4. शनि यंत्र धारण करें।
5. शनिवार के दिन काले कुत्ते ओर गाय को रोटी खिलाएँ।
6. शनिवार को कडवे तेल , काले उड़द का दान करे।
7. सर्प को दूध पिलाएँ।
*प्रथम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए।
2. शनिवार केदिन न तो तेल लगाए और न ही तेल खाए।
3. तांबे के बने हुए चार साँप शनिवार के दिन नदी में प्रवाहित करे।
*दूसरे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
2. साँपो को दूध पिलाए कभी भी साँपो को परेशान न करे , न ही मारे।
3. दो रंग वाली गाय / भैस न पालें।
4. अपने ललाट पर दूध / दही का तिलक करे।
5. रोज शनिवार को कडवे तेल का दान करें।
6. शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले।
7. सोते समय दूध का सेवन न करें।
8. शनिवार के दिन सिर पर तेल न लगाएं।
*तीसरे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. आपके घर का मुख्य दरवाजा यदि दक्षिण दिशा की ओर हो तो उसे बंद करवा दे या एक और दरवाजा लगवाये।
2. रोज शनि चालीसा पढ़ें तथा दूसरों को भी शनि चालीसा भेंट करें।
3. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
4. गले में शनि यंत्र धारण करें।
5. मकान के आखिर में एक अंधेरा कमरा बनवाएँ।
6. अपने घर पर एक काला कुत्ता पाले तथा उस का ध्यान रखें।
7. घर क अंदर कभी हैंडपम्प न लगवाएँ।
*चतुर्थ भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. रात में दूध न पिये।
2. पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ।
3. कौवों को दाना खिलाएँ।
4. सर्प को दूध पिलाएँ।
5. काली भैस पालें।
6. कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें।
7. एक बोतल शराब शनिवार के दिन बहती नदी में प्रवाहित करें
*पंचम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. पुत्र के जन्मदिन पर नमकीन वस्तुएं बांटनी चाहिए, मिठाई आदि नहीं।
2. माँस और शराब का सेवन न करें।
3. काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें।
4. शनि यंत्र धारण करें।
5. शनिदेव की पुजा करें।
6. शनिवार के दिन अपने भार के दसवें हिस्से के बराबर वजन करके, बादाम नदी में प्रवाहित करने का कार्य करें।
*छठवे भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. चमड़े के जूते , बैग , अटैची आदि काप्रयोग न करें।
2. शनिवार का व्रत करें।
3. चार नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें। ध्यान रहे, गंदे नाले मे नहीं करें, परिणाम बिल्कुल उल्टा होगा।
4. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमित रूप से खिलाएँ।
5. शनि यंत्र धारण करें।
*सप्तम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. पराई स्त्री से अवैध संबंध कदापि न बनाएँ।
2. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ।
3. शनि यंत्र धारण करें।
4. मिट्टी के पात्र में शहद भरकर खेत में मिट्टी के नीचे दबाएँ।
खेत की जगह बगीचे में भी दबा सकते हैं।
5. अपने हाथ में घोड़े की नाल का शनि छल्ला धारण करें।
*अष्टम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. गले में चाँदी की चेन धारण करें।
2. शराब का त्याग करे और मांसाहार भी न करे।
3. शनिवार के दिन आठ किलो उड़द बहती नदी में प्रवाहित करें। उड़द काले कपड़े में बांध कर ले जाएँ और बंधन खोल कर ही प्रबहित करें।
4. सोमवार के दिन चावल का दान करना आपके लिए उत्तम हैं।
5. काला कुत्ता पालें और उसका पूरा ध्यान रखें।
*नवम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।
2. साबुत मूंग मिट्टी के बर्तन में भरकर नदी में प्रवाहित करें।
3. साव 6 रत्ती का पुखराज गुरुवार को धारण करें।
4. कच्चा दूध शनिवार दिन कुएं में डालें।
5. हर शनिवार के दिन काली गाय को घी से चुपड़ी हुई रोटी नियमितरूप से खिलाएँ।
6. शनिवार के दिन किसी तालाब, नदी में मछलियों को आटा डाले।
*दशम भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. पीले रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।
2. आप अपने कमरे के पर्दे , बिस्तर का कवर , दीवारों का रंग आदि पीला रंग की करवाए यह आप के लिए उत्तम रहेगा।
3. पीले लड्डू गुरुवार के दिन बाँटे।
4. आपने नाम से मकान न बनवाएँ।
5. अपने ललाट पर प्रतिदिन दूध अथवा दही का तिलक लगाए।
6. शनि यंत्र धारण करें।
7. जब भी आपको समय मिले शनि दोष निवारण मंत्र का जाप करे।
*एकादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय :-
1. शराब और माँस से दूर रहें।
2. मित्र के वेश मे छुपे शत्रुओ से सावधान रहें।
3. सूर्योदय से पूर्व शराब और कड़वा तेल मुख्य दरवाजे के पास भूमि पर गिराएँ।
4. परस्त्री गमन न करें।
5. शनि यंत्र धारण करें।
6. कच्चा दूध शनिवार के दिन कुएं में डालें।
7. कौवों को दाना खिलाएँ।
*द्वादश भाव में शनि हो तो कष्ट निवारण के उपाय:-
1. जातक झूठ न बोले।
2. शराब और माँस से दूर रहें।
3. चार सूखे नारियल बहते पानी में प्रवाहित करें।
4. शनि यंत्र धारण करें।
5. शनिवार के दिन काले कुत्ते ओर गाय को रोटी खिलाएँ।
6. शनिवार को कडवे तेल , काले उड़द का दान करे।
7. सर्प को दूध पिलाएँ।
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