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Tuesday, August 27, 2019

भगवती कामेश्वरीस्तुति: Bhagwati Kameshwaristuti:


    भगवती कामेश्वरीस्तुति:


         ।।युधिष्ठिर उवाच ।।
नमस्ते परमेशानि ब्रह्मरूपे सनातनि।
सुरासुरजगद्वन्द्ये कामेश्वरि नमोस्तु ते।।1।।

न ते प्रभावं जानन्ति ब्रह्माद्यास्त्रिदशेश्वरा:।
प्रसीद जगतामाद्ये कामेश्वरि नमोस्तु ते।।2।।

अनादिपरमा विद्या देहिनां देहधारिणी।
त्वमेवासि जगद्वन्द्ये कामेश्वरि नमोस्तु ते।।3।।

त्वं बीजं सर्वभूतानां त्वं बुद्धिश्चेतना धृति:।
त्वं प्रबोधश्च निद्रा च कामेश्वरि नमोस्तु ते।।4।।

त्वामाराध्य महेशोपि कृतकृत्यं हि मन्यते।
आत्मानं परमात्मापि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।5।।

दुर्वृत्तवृत्तसंहर्त्रि पापपुण्यफलप्रदे।
लोकानां तापसंहर्त्रि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।6।।

त्वमेका सर्वलोकानां सृष्टिस्थित्यन्तकारिणी।
करालवदने कालि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।7।।

प्रपन्नार्तिहरे मात: सुप्रसन्नमुखाम्बुजे।
प्रसीद परमे पूर्णे कामेश्वरि नमोस्तु ते।।8।।

त्वामाश्रयन्ति ये भक्त्या यान्ति चाश्रयतां तु ते।
जगतां त्रिजगद्धात्रि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।9।।

शुद्धज्ञानमये पूर्णे प्रकृति: सृष्टिभाविनी।
त्वमेव मातर्विश्वेशि कामेश्वरि नमोस्तु ते।।10।।

।।इति श्रीमहाभागवते महापुराणे युधिष्ठिरकृता कामेश्वरीस्तुति: सम्पूर्णा।।

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