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Thursday, June 5, 2014

कालसर्प योग Kalsarp Yoga

कालसर्पयोग की निवृत्ति हेतु मुहूर्त विचार-


तिथियाँ-   

प्रतिपदा,पञ्चमी,सप्तमी,नवमी,पूर्णिमा,एवं अमावस्या शुभ हैं। 

भद्रा,वैधृति,क्षयतिथि,वृद्धि तिथि,अधिकमास,क्षय मास,त्याज्य है।


वार-  

रवि,मंगल,और शनि को छोड़ कर अन्य सभी वार शुभ हैं। इनमे बुधवार सबसे श्रेष्ठ है।


नक्षत्र- 

 आश्विनी,आर्द्रा,स्वाती,आश्लेखा,पुष्य,मघा,मूल,ज्येष्ठा,

शतभिषा शुभ हैं।

इनमें धनिष्ठा युक्त द्विपुष्कर योग त्याज्य है। पंचक,त्रिपादनक्षत्र वर्ज्य हैं।

सूर्य,चन्द्र ग्रहण में इस योग की निवृति होती है।


जिस दिन गोचर में कालसर्पयोग बनता हो,राहु जिस नक्षत्र में हो,वो दिन श्रेष्ठ है।

नवरात्रि श्रेष्ठ है। आश्लेखा युक्त नवमी सर्वश्रेष्ठ है।

अमावस्या को यदि बुधवार और आश्लेखा नक्षत्र हो तो सर्वश्रेष्ठ है।

अमावस्या को उपर्युक्त नक्षत्र हो तो उत्तम,नागपंचमी सर्वश्रेष्ठ।

शुक्लपक्ष में चन्द्रबल और कृष्णपक्ष में ताराबल अवश्य देखना चाहिये।


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