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Wednesday, August 26, 2020

श्री शब्द का अर्थ Meaning of the word Shree


श्री शब्द का अर्थ 

Meaning of the word Shree





 श्री शब्द के तीन अर्थ होते हैं: शोभा, लक्ष्मी और कान्ति।
तीनों ही प्रसंग और संदर्भ के मुताबिक अलग-अलग अर्थों में इस्तेमाल होते हैं।
श्री शब्द का सबसे पहले ऋग्वेद में उल्लेख मिलता है। अन्यान्य पुस्तकों में लिखा गया है कि श्री शक्ति है। जिस व्यक्ति में विकास करने की और खोज करने की शक्ति होती है, वह श्री युक्त माना जाता है।
श्री शब्द उसके व्यक्तित्व, कार्य, महानता और अलौकिकता को प्रकट करता है। मौजूदा वक्त में अपने बड़ों के नाम के आगे श्री लगाना एक सामान्य शिष्टाचार है।  असल में तो श्री पूरे ब्रह्मांड की प्राण-शक्ति है। ईश्वर ने सृष्टि रचना इसलिए की, क्योंकि ईश्वर श्री से ओतप्रोत है। परमात्मा को वेद में अनन्त श्री वाला कहा गया है। मनुष्य अनन्त-धर्मा नहीं है, इसलिए वह असंख्य श्री वाला तो नहीं हो सकता है, लेकिन पुरुषार्थ से ऐश्वर्य हासिल करके वह श्रीमान बन सकता है। सच तो यह है कि जो पुरुषार्थ नहीं करता, वह श्रीमान कहलाने का अधिकारी नहीं है।

श्री सम्पूर्ण ब्रह्मांड की प्राणशक्ति हैं| परमात्मा अनन्तश्री हैं| भगवान श्रीकृष्ण ने परमात्मा की उच्चतम अभिव्यक्ति की इसलिए वे श्री कृष्ण हैं|श्री के बिना भगवान साकार रूप ले ही नहीं सकते|
इसलिए देवताओं के नाम  के साथ श्री लगाने की बाध्यता नहीं है।

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