मेरे सब कुछ तुम्ही बन जाओ
बन जाओ तुम मेरे सब कुछ जप-तप,ध्यान,ज्ञान-विज्ञान.
बन जाओ तुम मेरे साधन-साध्य, यज्ञ-व्रत, संयम-दान.
बन जाओ तुम मेरे शम, दम, श्रद्धा,समाधान,शुचि योग.
बन जाओ तुम मेरे मन-मति, अहंकार,इन्द्रिय,सब भोग.
बन जाओ तुम मेरे प्राणों के रहस्य, जीवन के मर्म.
बन जाओ तुम मेरे वस्त्राभूषण, खान-पान, गृह-धर्म.
स्पर्श तुम्हारा मिले सर्वदा सब में सभी ठौर अविराम.
मेरे तुम हो, मेरे तुम हो, सभी भांति हे प्राणाराम .
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